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Sachin Tendulkar ने 2011 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मैच से पहले टीम को दी प्रेरणादायक स्पीच का किया खुलासा

'मास्टर ब्लास्टर' और 'गॉड ऑफ क्रिकेट' जैसे नामों से मशहूर महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 2011 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल मैच से पहले टीम के खिलाड़ियों को उनके द्वारा दी गई मोटिवेशनल स्पीच का खुलासा किया है.

sachin tendulkar
सचिन तेंदुलकर
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Published : Apr 28, 2023, 8:10 PM IST

नई दिल्ली : भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 2011 आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ अपने कड़े सेमीफाइनल मुकाबले से पहले टीम के साथियों को दिए गए प्रेरणादायक संदेश का खुलासा किया है. 2011 विश्व कप के सेमीफाइनल में कट्टर प्रतिद्वंद्वियों के बीच हुई भिड़ंत बल्ले और गेंद की लड़ाई से कहीं अधिक थी. मोहाली के पीसीए स्टेडियम में हजारों लोगों में दोनों देशों के प्रधान मंत्री थे, जो 2007 के बाद पहली बार वनडे में भारत में दो टीमों के बीच भिड़ंत देखने के लिए उपस्थित थे.

मैच से पहले खिलाड़ियों ने नहीं किया था लंच
अपने 50वें जन्मदिन के अवसर पर बोलते हुए, तेंदुलकर ने मैच के लिए अविश्वसनीय बिल्ड-अप को याद किया. तेंदुलकर ने कहा, 'यह वास्तव में हल्का क्षण नहीं था, क्योंकि यह 2011 में विश्व कप का सेमीफाइनल था. भारत पाकिस्तान के बीच मुकाबला था. दोनों देशों के प्रधान मंत्री वहां मौजूद थे इसलिए यह बहुत कड़ी सुरक्षा थी. हम मैदान पर आ गए और सामान्य दिनचर्या है, आप जानते हैं, एक बार जब आप मैदान पर पहुंच जाते हैं, तो आप मैच से पहले लंच करते हैं और फिर आप अपने वार्म-अप सत्र के लिए मैदान पर जाते हैं और फिर धीरे-धीरे, धीरे-धीरे मैदान में उतरते हैं. सुरक्षा कारणों के कारण हमारा खाना मैदान तक नहीं पहुंचा था और पूरी टीम लंच करने के लिए उत्तेजित थी. पूरी टीम इस तरह थी, 'लंच किधर है? हमारा लंच कहां है? और यह कुछ समय के लिए जारी रहा. यहां तक ​​कि जब हम अपने वार्म-अप सत्र के लिए मैदान पर गए, तब भी कुछ खिलाड़ी इसके बारे में सोच रहे थे'.

तेंदुलकर ने अपनी स्पिच से खिलाड़ियों में भरा था जोश
तेंदुलकर जो सबसे सीनियर खिलाड़ी थे उन्होंने ऐसे समय में टीम के खिलाड़ियों को सब कुछ भूलाकर सीर्फ मैच पर फोकस करने को बोला. तेंदुलकर ने बताया, 'मैंने जब संक्षेप में बात की थी. मैंने कहा, 'दुनिया को परवाह नहीं है कि हमने अपना प्री-मैच लंच किया है या नहीं. यह विश्व कप सेमीफाइनल है. यदि आप इतने भूखे हैं, तो दुनिया को दिखा दें कि आप कितने रन बना सकते हैं या आप कितने विकेट ले सकते हैं. वे इसी में रुचि रखते हैं. किसी को यह जानने में दिलचस्पी नहीं है कि आपने अपना दोपहर का भोजन किया या नाश्ता किया. यह वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल है वहां जाओ और अपने आप को व्यक्त करो'.

तेंदुलकर के ऐसे प्रोत्साहन के शब्दों ने निश्चित रूप से काम किया क्योंकि सभी खिलाड़ियों ने इस मैच में अपना दमखम दिखाया. तेंदुलकर ने खुद इस सेमीफाइनल में 111 गेंदों पर 85 रनों की पारी खेली थी और उस दिन वो शीर्ष स्कोरर थे. निचले क्रम के समर्थन से भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट के नुकसान पर 260 रनों का स्कोर खड़ा किया था और पाकिस्तान को 49.5 ओवरों में 231 रन पर ऑल आउट कर 29 रनों से यह मैच जीता था. तेंदुलकर ने अपनी शानदार पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार अपने नाम किया. तीन दिन बाद, उन्होंने विश्व कप जीतने का आजीवन सपना हासिल किया और मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में अपने घरेलू दर्शकों के सामने फाइनल खेलकर इस अवसर को और भी मधुर बना दिया.

ये भी पढे़ं - Sachin Tendulkar 50th Birthday : क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में लीजेंड सचिन की 5 यादगार पारियां

नई दिल्ली : भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने 2011 आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ अपने कड़े सेमीफाइनल मुकाबले से पहले टीम के साथियों को दिए गए प्रेरणादायक संदेश का खुलासा किया है. 2011 विश्व कप के सेमीफाइनल में कट्टर प्रतिद्वंद्वियों के बीच हुई भिड़ंत बल्ले और गेंद की लड़ाई से कहीं अधिक थी. मोहाली के पीसीए स्टेडियम में हजारों लोगों में दोनों देशों के प्रधान मंत्री थे, जो 2007 के बाद पहली बार वनडे में भारत में दो टीमों के बीच भिड़ंत देखने के लिए उपस्थित थे.

मैच से पहले खिलाड़ियों ने नहीं किया था लंच
अपने 50वें जन्मदिन के अवसर पर बोलते हुए, तेंदुलकर ने मैच के लिए अविश्वसनीय बिल्ड-अप को याद किया. तेंदुलकर ने कहा, 'यह वास्तव में हल्का क्षण नहीं था, क्योंकि यह 2011 में विश्व कप का सेमीफाइनल था. भारत पाकिस्तान के बीच मुकाबला था. दोनों देशों के प्रधान मंत्री वहां मौजूद थे इसलिए यह बहुत कड़ी सुरक्षा थी. हम मैदान पर आ गए और सामान्य दिनचर्या है, आप जानते हैं, एक बार जब आप मैदान पर पहुंच जाते हैं, तो आप मैच से पहले लंच करते हैं और फिर आप अपने वार्म-अप सत्र के लिए मैदान पर जाते हैं और फिर धीरे-धीरे, धीरे-धीरे मैदान में उतरते हैं. सुरक्षा कारणों के कारण हमारा खाना मैदान तक नहीं पहुंचा था और पूरी टीम लंच करने के लिए उत्तेजित थी. पूरी टीम इस तरह थी, 'लंच किधर है? हमारा लंच कहां है? और यह कुछ समय के लिए जारी रहा. यहां तक ​​कि जब हम अपने वार्म-अप सत्र के लिए मैदान पर गए, तब भी कुछ खिलाड़ी इसके बारे में सोच रहे थे'.

तेंदुलकर ने अपनी स्पिच से खिलाड़ियों में भरा था जोश
तेंदुलकर जो सबसे सीनियर खिलाड़ी थे उन्होंने ऐसे समय में टीम के खिलाड़ियों को सब कुछ भूलाकर सीर्फ मैच पर फोकस करने को बोला. तेंदुलकर ने बताया, 'मैंने जब संक्षेप में बात की थी. मैंने कहा, 'दुनिया को परवाह नहीं है कि हमने अपना प्री-मैच लंच किया है या नहीं. यह विश्व कप सेमीफाइनल है. यदि आप इतने भूखे हैं, तो दुनिया को दिखा दें कि आप कितने रन बना सकते हैं या आप कितने विकेट ले सकते हैं. वे इसी में रुचि रखते हैं. किसी को यह जानने में दिलचस्पी नहीं है कि आपने अपना दोपहर का भोजन किया या नाश्ता किया. यह वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल है वहां जाओ और अपने आप को व्यक्त करो'.

तेंदुलकर के ऐसे प्रोत्साहन के शब्दों ने निश्चित रूप से काम किया क्योंकि सभी खिलाड़ियों ने इस मैच में अपना दमखम दिखाया. तेंदुलकर ने खुद इस सेमीफाइनल में 111 गेंदों पर 85 रनों की पारी खेली थी और उस दिन वो शीर्ष स्कोरर थे. निचले क्रम के समर्थन से भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट के नुकसान पर 260 रनों का स्कोर खड़ा किया था और पाकिस्तान को 49.5 ओवरों में 231 रन पर ऑल आउट कर 29 रनों से यह मैच जीता था. तेंदुलकर ने अपनी शानदार पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार अपने नाम किया. तीन दिन बाद, उन्होंने विश्व कप जीतने का आजीवन सपना हासिल किया और मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में अपने घरेलू दर्शकों के सामने फाइनल खेलकर इस अवसर को और भी मधुर बना दिया.

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