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'मांकेडिंग' अब अनुचित नहीं, एमसीसी ने संहिता में बदलाव कर इसे रनआउट माना - saliva on ball rule

दूसरे छोर पर बल्लेबाज के क्रीज से आगे निकल आने के बाद रन आउट करने को लेकर काफी बहस होती रही है और इसे खेलभावना के विपरीत बताया जाता रहा है. भारत के अनुभवी आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन समेत कई खिलाड़ियों ने हालांकि इसे बल्लेबाज को आउट करने का उचित तरीका बताकर इसकी पैरवी की है.

'Mankad' moved from unfair play section to run-out category; using saliva on ball permanently banned: MCC
'Mankad' moved from unfair play section to run-out category; using saliva on ball permanently banned: MCC
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Published : Mar 9, 2022, 1:19 PM IST

लंदन: क्रिकेट के नियमों के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज को रन आउट करने संबंधी नियम को अब 'अनुचित खेल' श्रेणी से हटा दिया. इसके साथ ही गेंद को चमकाने के लिये लार के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया और 2022 संहिता में ये बदलाव अक्टूबर से लागू होंगे.

दूसरे छोर पर बल्लेबाज के क्रीज से आगे निकल आने के बाद रन आउट करने को लेकर काफी बहस होती रही है और इसे खेलभावना के विपरीत बताया जाता रहा है. भारत के अनुभवी आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन समेत कई खिलाड़ियों ने हालांकि इसे बल्लेबाज को आउट करने का उचित तरीका बताकर इसकी पैरवी की है.

एमसीसी ने मंगलवार की रात जारी बयान में कहा, "दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज को रन आउट करने संबंधी नियम 41. 16 को नियम 41 (अनुचित) खेल से हटाकर नियम 38 (रन आउट) में डाल दिया गया है . नियम के शब्द समान रहेंगे."

सबसे पहले 1948 में इस तरह का वाकया हुआ था जब भारत के महान खिलाड़ी वीनू मांकड़ ने ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बिल ब्राउन को दूसरे छोर पर आउट किया था. उन्होंने इससे पहले बल्लेबाज को चेतावनी भी दी थी.

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इसे 'मांकेडिंग' करार दिया लेकिन सुनील गावस्कर जैसे महान खिलाड़ियों ने इसे मांकड़ के प्रति अपमानजनक बताकर इसका कड़ा विरोध किया.

एमसीसी ने यह भी कहा कि गेंद को चमकाने के लिये लार का प्रयोग अनुचति माना जायेगा.

कोरोना महामारी के कारण आईसीसी ने लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. एमसीसी ने कहा कि उसकी रिसर्च से पता चला है कि गेंद की मूवमेंट पर लार का कोई असर नहीं होता.

इसने कहा, "कोरोना महामारी के बाद जब क्रिकेट बहाल हुआ तो विभिन्न प्रारूपों में खेलने की शर्तों में साफ लिखा था कि लार का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा."

इसमें कहा गया, "एमसीसी की रिसर्च से पता चला कि गेंद की स्विंग पर लार का कोई असर नहीं होता. खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिये पसीने का भी इस्तेमाल करते हैं जो समान रूप से प्रभावी है."

इसमें कहा गया, "नये नियम के तहत गेंद पर लार का प्रयोग नहीं हो सकेगा. इसके साथ ही फील्डरों के भी मीठी चीजें खाकर लार को गेंद पर लगाने पर रोक लगा दी गई है. लार का इस्तेमाल गेंद की स्थिति में बदलाव के अन्य अनुचित तरीकों की ही तरह माना जायेगा."

संहिता में बदलाव का सुझाव एमसीसी नियमों की उपसमिति ने दिया है जिसे मुख्य समिति ने पिछले सप्ताह मंजूरी दे दी . ये बदलाव अक्टूबर से लागू होंगे.

एमसीसी के नियम प्रबंधक फ्रेसर स्टीवर्ट ने कहा, "2022 संहिता में कुछ बड़े बदलाव किये गए हैं . खेल के प्रति क्लब की वैश्विक प्रतिबद्धता को देखते हुए इनका ऐलान जरूरी था . अक्टूबर में इनके लागू होने से पहले दुनिया भर के अधिकारियों को इनके बारे में समझने का समय देना होगा."

नियमों में अन्य बदलाव इस प्रकार हैं.

नियम एक: वैकल्पिक खिलाड़ी

विकल्प को उसी खिलाड़ी की तरह माना जायेगा जिसकी जगह उसने ली है यानी मैच के दौरान उस खिलाड़ी पर लगी कोई सजा या विकेट वगैरह भी इसमें शामिल होंगे.

नियम 18: कैच देकर आउट होने वाले बल्लेबाज संबंधी

अगर कोई बल्लेबाज कैच आउट हुआ है तो उसकी जगह आने वाला नया बल्लेबाज अगली गेंद खेलेगा (ओवर खत्म होने की दशा में नहीं)

नियम 20.4.2.12: डेड गेंद

मैदान पर किसी व्यक्ति, पशु या अन्य चीज से किसी टीम को नुकसान होने पर डेड गेंद का इशारा होगा . मसलन पिच पर कोई घुस जाये या मैदान पर कुत्ता दौड़ जाये या कई बार बाहरी बाधा होती है तो इसका असर खेल पर पड़ने पर अंपायर डेड गेंद का इशारा करेंगे.

नियम 21.4: गेंद से पहले गेंदबाज का स्ट्राइकर छोर पर गेंद डालना

यदि कोई गेंदबाज गेंद डालने से पहले स्ट्राइकर की ओर रन आउट के इरादे से गेंद फेंकता है तो इसे डेड गेंद माना जायेगा. ऐसा वैसे बहुत ही कम होता है और अब तक इसे नोबॉल कहा जाता था.

नियम 22.1: वाइड गेंद

इसमें गेंद डाले जाने के समय बल्लेबाज की मूवमेंट का उल्लेख है. ऐसा माना गया कि उस गेंद को वाइड कहना अनुचित होगा जो उस जगह पर पड़ी है जहां गेंदबाज के एक्शन में आने के समय बल्लेबाज खड़ा था. अब वाइड का इशारा करते समय ध्यान रखा जायेगा कि गेंदबाज के रनअप लेने के समय बल्लेबाज कहां खड़ा था.

नियम 25.8: गेंद को खेलने का बल्लेबाज का अधिकार

अगर गेंद पिच से बाहर गिरती है तो नये नियम के तहत बल्लेबाज के बल्ले का कुछ हिस्सा या उसके पिच के भीतर रहने पर उसे गेंद को खेलने का अधिकार होगा. उसके बाहर जाने पर अंपायर डेड गेंद का इशारा करेंगे. पिच छोड़ने के लिये मजबूर करने वाली कोई भी गेंद नोबॉल होगी.

नियम 27.4 और 28.6: फील्डिंग करने वाली टीम की अनुचित मूवमेंट

अब तक फील्डिंग करने वाली टीम के किसी सदस्य की अनुचित मूवमेंट को डेड गेंद से दंडित किया जाता था. अब से ऐसा होने पर बल्लेबाजी करने वाली टीम को पांच पेनल्टी रन मिलेंगे.

लंदन: क्रिकेट के नियमों के संरक्षक मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज को रन आउट करने संबंधी नियम को अब 'अनुचित खेल' श्रेणी से हटा दिया. इसके साथ ही गेंद को चमकाने के लिये लार के इस्तेमाल पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया और 2022 संहिता में ये बदलाव अक्टूबर से लागू होंगे.

दूसरे छोर पर बल्लेबाज के क्रीज से आगे निकल आने के बाद रन आउट करने को लेकर काफी बहस होती रही है और इसे खेलभावना के विपरीत बताया जाता रहा है. भारत के अनुभवी आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन समेत कई खिलाड़ियों ने हालांकि इसे बल्लेबाज को आउट करने का उचित तरीका बताकर इसकी पैरवी की है.

एमसीसी ने मंगलवार की रात जारी बयान में कहा, "दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज को रन आउट करने संबंधी नियम 41. 16 को नियम 41 (अनुचित) खेल से हटाकर नियम 38 (रन आउट) में डाल दिया गया है . नियम के शब्द समान रहेंगे."

सबसे पहले 1948 में इस तरह का वाकया हुआ था जब भारत के महान खिलाड़ी वीनू मांकड़ ने ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बिल ब्राउन को दूसरे छोर पर आउट किया था. उन्होंने इससे पहले बल्लेबाज को चेतावनी भी दी थी.

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इसे 'मांकेडिंग' करार दिया लेकिन सुनील गावस्कर जैसे महान खिलाड़ियों ने इसे मांकड़ के प्रति अपमानजनक बताकर इसका कड़ा विरोध किया.

एमसीसी ने यह भी कहा कि गेंद को चमकाने के लिये लार का प्रयोग अनुचति माना जायेगा.

कोरोना महामारी के कारण आईसीसी ने लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. एमसीसी ने कहा कि उसकी रिसर्च से पता चला है कि गेंद की मूवमेंट पर लार का कोई असर नहीं होता.

इसने कहा, "कोरोना महामारी के बाद जब क्रिकेट बहाल हुआ तो विभिन्न प्रारूपों में खेलने की शर्तों में साफ लिखा था कि लार का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा."

इसमें कहा गया, "एमसीसी की रिसर्च से पता चला कि गेंद की स्विंग पर लार का कोई असर नहीं होता. खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिये पसीने का भी इस्तेमाल करते हैं जो समान रूप से प्रभावी है."

इसमें कहा गया, "नये नियम के तहत गेंद पर लार का प्रयोग नहीं हो सकेगा. इसके साथ ही फील्डरों के भी मीठी चीजें खाकर लार को गेंद पर लगाने पर रोक लगा दी गई है. लार का इस्तेमाल गेंद की स्थिति में बदलाव के अन्य अनुचित तरीकों की ही तरह माना जायेगा."

संहिता में बदलाव का सुझाव एमसीसी नियमों की उपसमिति ने दिया है जिसे मुख्य समिति ने पिछले सप्ताह मंजूरी दे दी . ये बदलाव अक्टूबर से लागू होंगे.

एमसीसी के नियम प्रबंधक फ्रेसर स्टीवर्ट ने कहा, "2022 संहिता में कुछ बड़े बदलाव किये गए हैं . खेल के प्रति क्लब की वैश्विक प्रतिबद्धता को देखते हुए इनका ऐलान जरूरी था . अक्टूबर में इनके लागू होने से पहले दुनिया भर के अधिकारियों को इनके बारे में समझने का समय देना होगा."

नियमों में अन्य बदलाव इस प्रकार हैं.

नियम एक: वैकल्पिक खिलाड़ी

विकल्प को उसी खिलाड़ी की तरह माना जायेगा जिसकी जगह उसने ली है यानी मैच के दौरान उस खिलाड़ी पर लगी कोई सजा या विकेट वगैरह भी इसमें शामिल होंगे.

नियम 18: कैच देकर आउट होने वाले बल्लेबाज संबंधी

अगर कोई बल्लेबाज कैच आउट हुआ है तो उसकी जगह आने वाला नया बल्लेबाज अगली गेंद खेलेगा (ओवर खत्म होने की दशा में नहीं)

नियम 20.4.2.12: डेड गेंद

मैदान पर किसी व्यक्ति, पशु या अन्य चीज से किसी टीम को नुकसान होने पर डेड गेंद का इशारा होगा . मसलन पिच पर कोई घुस जाये या मैदान पर कुत्ता दौड़ जाये या कई बार बाहरी बाधा होती है तो इसका असर खेल पर पड़ने पर अंपायर डेड गेंद का इशारा करेंगे.

नियम 21.4: गेंद से पहले गेंदबाज का स्ट्राइकर छोर पर गेंद डालना

यदि कोई गेंदबाज गेंद डालने से पहले स्ट्राइकर की ओर रन आउट के इरादे से गेंद फेंकता है तो इसे डेड गेंद माना जायेगा. ऐसा वैसे बहुत ही कम होता है और अब तक इसे नोबॉल कहा जाता था.

नियम 22.1: वाइड गेंद

इसमें गेंद डाले जाने के समय बल्लेबाज की मूवमेंट का उल्लेख है. ऐसा माना गया कि उस गेंद को वाइड कहना अनुचित होगा जो उस जगह पर पड़ी है जहां गेंदबाज के एक्शन में आने के समय बल्लेबाज खड़ा था. अब वाइड का इशारा करते समय ध्यान रखा जायेगा कि गेंदबाज के रनअप लेने के समय बल्लेबाज कहां खड़ा था.

नियम 25.8: गेंद को खेलने का बल्लेबाज का अधिकार

अगर गेंद पिच से बाहर गिरती है तो नये नियम के तहत बल्लेबाज के बल्ले का कुछ हिस्सा या उसके पिच के भीतर रहने पर उसे गेंद को खेलने का अधिकार होगा. उसके बाहर जाने पर अंपायर डेड गेंद का इशारा करेंगे. पिच छोड़ने के लिये मजबूर करने वाली कोई भी गेंद नोबॉल होगी.

नियम 27.4 और 28.6: फील्डिंग करने वाली टीम की अनुचित मूवमेंट

अब तक फील्डिंग करने वाली टीम के किसी सदस्य की अनुचित मूवमेंट को डेड गेंद से दंडित किया जाता था. अब से ऐसा होने पर बल्लेबाजी करने वाली टीम को पांच पेनल्टी रन मिलेंगे.

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