नई दिल्ली : भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सिर्फ क्रिकेट में ही नहीं बल्कि देश की सेना में भी जुड़े हुए हैं. अभी हाल ही में सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल कंवल जीत सिंह ढिल्लों ने अपने एक इंटरव्यू में एमएस धोनी और धारा 370 के कनेक्शन के बारे में खुलासा किया है. धोनी को लोगों ने मैदान पर चौके-छक्के जड़ते हुए कई बार देखा है. लेकिन उन्होंने सेना में रहकर देश के लिए अपना फर्ज भी बड़ी जिम्मेदारी के साथ निभाया है. यह उस दिन की बात है जिस दिन कश्मीर से धारा 370 को हटाया गया. यानी 5 अगस्त 2019 का दिन.
जम्मू-कश्मीर का इतिहास बदलने में धोनी की भूमिका!
केजेएस ढिल्लों ने बताया कि इस तरह से उनके ड्रॉनिंग रूम धारा 370 को लेकर इसलिए बातचीत होती थी. ताकि यह बाहर किसी और को ना पता चले. वहीं, 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया था. उन्होंने बताया कि धोनी भी उस दौरान उनके साथ सेना के कार्यक्रम में व्यस्त थे. जिस दिन धारा 370 को को निरस्त किया गया उस दिन केजेएस ढिल्लन ने अपने ड्रॉइंग रूम में सुबह चाय पर धोनी के साथ मीटिंग की थी. इसके बाद शाम को केजेएस ढिल्लन ने धोनी के साथ डिनर भी किया था.
जनरल ने कहा कि ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह कूल दिखना चाहते थे. ताकि किसी को शक ना हो कि ऐसा कुछ होने वाला है. हालांकि, उन्होंने अपने इंटरव्यू में यह नहीं बताया कि उनकी इस प्लानिंग के बारे में मानद 'लेफ्टिनेंट कर्नल' महेंद्र सिंह धोनी को कुछ पता था या नहीं. उन्होंने इंटरव्यू में बताया कि अगर वह भाग दौड़ करते या अधिकारियों के साथ मीटिंग में अधिक व्यस्त दिखते तो कश्मीर में अलगाववादी ताकतों और पड़ोसी देश पाकिस्तान को शक हो जाता.
किसी को भी धारा 370 हटाने की भनक ना लगे और जनरल बिलकुल 'कूल' दिखें इसलिए उन्होंने दिन का काफी बड़ा हिस्सा धोनी के साथ बिताया. बता दें कि सेना ने 2011 में महेंद्र सिंह धोनी को 'लेफ्टिनेंट कर्नल' की मानद उपाधि दी थी. यह एमएस धोनी के खेल में योगदान को देखते हुए किया गया था. सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों से इंटरव्यू के दौरान जब पूछा गया था कि धारा 370 हटाने से पहले क्या प्लानिंग चल रही थी और कितने लोगों को इस बारे में जानकारी थी तो उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी सिर्फ ढेड़ अधिकारियों को थी.
उन्होंने कहा कि 370 को लेकर अधिकारी जो भी प्लानिंग करते थे वह उनके ड्रॉइंग रूम में होती थी. उन्होंने बताया कि सभी अधिकारी केजेएस ढिल्लों के साथ ड्रॉइंग रूम में बैठते थे. पेपर्स पर जो भी प्लानिंग होती थी, उन पेपर्स को केजेएस ढिल्लों के घर से बाहर ले जाने की इजाजत किसी को नहीं थी. इससे संबंधित सभी कागजात उनके घर पर ही ब्रीफ केस में बंद रहते थे. उस समय केजेएस ढिल्लों कश्मीर में स्थानीय सेना कमान का नेतृत्व कर रहे थे. इसके बाद उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी के बारे में भी बताया कि वह भी किस तरह से इस प्लानिंग में अपनी ड्यूटी निभा रहे थे.
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