नई दिल्ली : बांग्लादेश के खिलाफ 2-0 से टेस्ट श्रृंखला में जीत दर्ज करने के बाद भारतीय टीम के कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल की खराब फॉर्म को लेकर चर्चा शुरू हो गयी है. बांग्लादेश के खिलाफ 3 वन डे मैचों व दोनों टेस्ट मैचों में बल्ले से कोई करामात न दिखाने वाले केएल राहुल की टीम इंडिया से विदाई हो सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि केएल राहुल को चयनकर्ता श्रीलंका के खिलाफ होने वाली वन डे और टी20 सीरीज या फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी चार मैचों की घरेलू टेस्ट सीरीज में ड्रॉप कर दें. चयन होने के बाद भी वह अंतिम 11 खिलाड़ियों में शामिल हो पाएंगे या नहीं, यह देखने वाली बात होगी.
केएल राहुल को लेकर पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर का मानना है कि बांग्लादेश में दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला में खराब बल्लेबाजी के प्रदर्शन के बाद भारतीय कप्तान केएल राहुल को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी चार मैचों की घरेलू टेस्ट सीरीज में प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया जाएगा. राहुल बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की चार पारियों में केवल 22, 23, 10 और 2 रन ही बना सके. विशेष रूप से, भारतीय सलामी बल्लेबाज ने 2022 में चार टेस्ट मैचों में 17.13 की औसत से केवल 137 रन बनाए हैं. यह बात श्रीलंका के खिलाफ होने वाली सीरीज में भी दिख सकती है.
कुलदीप पर सफाई
कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल ने जैसे ही ढाका टेस्ट में चाइनामैन कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन से बाहर करने के फैसले को सही बताते हुए कहा कि मैच की पूर्व संध्या और सुबह पिच को देखकर फैसला किया गया था. इसीलिए 22 महीनों के बाद अपनी टेस्ट वापसी करने व मैच में ने प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीतने के बाद भी बाहर बैठाने के लिए मजबूर होना पड़ा. लेकिन शेर-ए-बांग्ला नेशनल क्रिकेट स्टेडियम में उनकी जगह बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट को शामिल किया गया, जिन्होंने 12 साल बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी करते हुए मैच में तीन विकेट लिए. कुलदीप को टीम में नहीं रखने पर सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई थी, भारत के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने इस फैसले को 'अविश्वसनीय' करार दिया था.
सुनील गावस्कर ने कहा, अगर आईपीएल (2023 सीजन में पेश किया जाएगा) में जो इम्पैक्ट प्लेयर नियम पेश किया गया है, वह टेस्ट मैचों में भी होता, तो मैं निश्चित रूप से दूसरी पारी में कुलदीप को लाना पसंद करता. यह एक कठिन फैसला था. यह जानने और समझने की बात है कि पिछले मैच में उन्होंने हमें बांग्लादेश के खिलाफ मैच जिताया था. वह मैन ऑफ द मैच थे. ऐसे में खिलाड़ी को बाहर करने का कोई औचित्य नहीं था.
बाहर बैठाने का फैसला सही
राहुल ने कहा, यह एक कठिन निर्णय था, लेकिन मैच से पहले शुरुआत में पिच को देखकर हमने संतुलन बनाना सही समझा. हालांकि, हम तेज गेंदबाजों और स्पिनरों दोनों को बराबर मौका देना चाहते थे. उन्होंने कहा, हमने फैसला किया और मुझे उस फैसले पर कोई पछतावा नहीं है, यह एक सही फैसला था. अगर आप ध्यान दें, तो तेज गेंदबाजों ने जो 20 विकेट लिए, उसके लिए तेज गेंदबाजों के लिए सहायता की. हमने एकदिवसीय मैचों में खेलने के अपने अनुभव को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया था.
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