नई दिल्ली: साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 24 सितंबर 2007 को पहले टी20 विश्व कप फाइनल में पाकिस्तान पर भारतीय क्रिकेट टीम की जीत के शनिवार को पूरे 15 साल हो गए. यह 24 साल में भारत का पहला विश्व खिताब था और फैंस के दिमाग में उसकी यादें अभी भी जीवित है. अदाणी स्पोर्ट्सलाइन गुजरात जायंट्स के जोगिंदर शर्मा से बेहतर इसे कौन जानता है. मीडियम पेसर गेंदबाज ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ भारत को पांच रन से जीत दिलाने में मदद की थी.
158 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान को आखिरी छह गेंदों पर जीत के लिए 13 रन चाहिए थे. इन-फॉर्म मिस्बाह-उल-हक मैच और खिताब को भारत से दूर ले जाना चाह रहे थे. ऐसी परिस्थितियों में महेंद्र सिंह धोनी ने एक जुआ खेला और अंतिम ओवर फेंकने के लिए वह जोगिंदर शर्मा की ओर गए और फिर जोगिंदर ने मिस्बाह को आउट कर भारत को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया.
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— BCCI (@BCCI) September 24, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Led by @msdhoni, #TeamIndia created history as they clinched the ICC World T20 Trophy. 🏆 👏 pic.twitter.com/Iww2KUvrHa
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जोगिंदर शर्मा ने अब खुलासा किया है कि 15 साल पहले उस रात आखिरी ओवर में गेंदबाजी करते हुए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ उनकी क्या बातचीत हुई थी. वर्तमान में लीजेंड्स लीग में खेल रहे जोगिंदर ने कहा, अंतिम ओवर से पहले चर्चा यह नहीं थी कि मुझे किस लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करनी चाहिए या मेरी गेंदबाजी की रणनीति क्या होनी चाहिए. माही ने मुझसे कहा कि तुम किसी भी तरह का दबाव मत लो. अगर हम हारते हैं, तो यह मेरे ऊपर आएगा.
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उन्होंने कहा, यहां तक कि जब मिस्बाह ने दूसरी गेंद पर मुझे छक्का लगाया, तब भी हम दबाव में नहीं थे. किसी भी समय हमने चर्चा नहीं की कि हमें क्या करने की आवश्यकता है. तीसरी गेंद डालने से ठीक पहले मैंने देखा कि मिस्बाह स्कूप खेलने के लिए तैयार हो रहे हैं. इसलिए मैंने लेंथ में बदलाव किया और धीमी गेंदबाजी की. और मिस्बाह इसे ठीक से हिट नहीं कर पाए. श्रीसंत ने कैच लपका और बाकी जैसा कि वे कहते हैं कि इतिहास है. जोगिंदर ने कहा कि 2007 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल की यादें अभी भी उनके दिमाग में ताजा है और हमेशा रहेगी.