मुंबई: ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने पिछले एक महीने में विदेशों में खेलने वाले क्रिकेटरों पर नजर रखी है, लेकिन चर्चा डेविड वार्नर, मिशेल मार्श, पैट कमिंस, मार्कस स्टोइनिस, जोश हेजलवुड, पीटर हैड्सकॉम्ब, माइकल नेसर और मार्नस लाबुशेन के बारे में रही है.
उनमें से कुछ खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग में खेल रहे हैं. उस चर्चा में डेनियल सैम्स शामिल नहीं थे क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर तब अपनी लय को खोजने में लगे हुए थे. न्यू साउथ वेल्स के 29 साल के ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने अपना फॉर्म ढूंढ लिया है. कुछ शानदार प्रयासों के साथ वे सामने आए हैं. जैसे ब्रेबोर्न में गुजरात टाइटंस के खिलाफ आखिरी ओवर में आठ रन का बचाव करना और डीवाई पाटिल स्टेडियम में 21 अप्रैल को चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 30 रन देकर चार विकेट लेना.
गुरुवार को भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने 16 रन देकर 3 विकेट झटके. मुंबई इंडियंस ने सीएसके को 97 रनों पर ढेर कर दिया और पांच विकेट से जीत हासिल की. सैम्स के प्रदर्शन ने उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' का पुरस्कार दिलाया. सैम्स ने गुरुवार को स्वीकार किया कि उनकी शुरुआत खराब रही, लेकिन उन्होंने अपने क्रिकेट में काफी बदलाव किया. जहां वे शानदार गेंदबाजी से बल्लेबाजों को दबाव में रख रहे हैं.
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सैम्स ने मैच के बाद कहा, पहले कुछ मैच योजना के अनुसार नहीं गए. मुझे उन प्रदर्शनों से और अच्छा करने के लिए थोड़ा समय चाहिए था, जो मैंने लिया. मुझे अभी पता चला कि मैं सिर्फ बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित कर रहा था. मैं अपनी गेंदबाजी को नहीं देख रहा था, जहां बाद में मैंने अपनी गेंदबाजी की योजना को और मजबूत किया. उस पर निर्भर रहा और टीम ने लिए अच्छा प्रदर्शन किया.
सैम्स ने कहा कि गुरुवार को वानखेड़े की पिच पर गेंदबाजों का दबदबा देखना अच्छा था क्योंकि उन्हें गति और उछाल दी है. हालांकि सैम्स बल्ले से इतने सफल नहीं रहे हैं जितना गेंदबाजी से इन्होंने लोगों को प्रभावित किया है. गुरुवार को वे नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने के लिए आए और 1 रन बनाकर गेंदबाज मुकेश चौधरी के ओवर में चलते बने.