हैदराबाद : पार्थिव पटेल आरसीबी की टीम के साथ बैंगलोर में हैं और टीम के साथ मैच खेलने के लिए उन्हें देश के अलग-अलग शहरों का दौरा कर रहे हैं. उनके पिता फरवरी से अस्पताल में भर्ती हैं. इसके चलते हर वक्त उनका ध्यान अपने फोन पर रहता है. फोन के जरिए ही उन्हें पिता की सेहत के बारे में पता चलता है.
आपको बता दें कि मैच के दौरान पार्थिव का परिवार उन्हें फोन नहीं करता. पार्थिव ने बताया कि मैच के बाद जब भी वे फोन उठाते हैं तो उन्हें डर लग रहा होता है. उन्होंने बताया कि, जब मैं खेल रहा होता हूं तब मेरे दिमाग में कुछ नहीं होता है लेकिन जैसे ही मैच पूरा होता है मेरा दिल घर को सोचने लगता है. सुबह उठते ही पापा की सेहत के बारे में पूछता हूं, डॉक्टरों से बात करता हूं.
कभी कभी कुछ कड़े फैसले लेने होते हैं. मेरी मां और बीवी घर पर हैं लेकिन आखिरी फैसला लेने से पहले मुझसे ही पूछा जाता है. शुरुआती दिन काफी अहम थे- क्या कुछ दिन के लिए वेंटिलेटर बंद कर दें या कितना ऑक्सीजन दिया जाना चाहिए. ऐसे फैसले लेना काफी कठिन होता है.'
पार्थिव ने आगे बताया, 'मैच वाले दिनों में कई बार ऐसा होता है जब मेरा परिवार ऐसे फैसले लेता है और फिर मुझे बता दिया जाता है. वे नहीं चाहते हैं कि मेरा ध्यान भटकें. मानसिक रूप से काफी बोझ है लेकिन कोई क्या कर सकता है? पहले काफी बुरे ख्याल आते थे लेकिन अब परिवार ने खुद को संभाल लिया है.'
आपको बता दें कि आरसीबी ने मैच के बाद पार्थिव पटेल को घर जाने की अनुमति दे रखी है. सूत्रों के अनुसार वे हर रोज मैच के बाद सीधे घर जाते हैं और फिर मैच से पहले टीम से जुड़े जाते हैं. लगातार यात्रा से भी काफी फर्क पड़ता है लेकिन पटेल अपने खेल पर इसका असर नहीं आने देना चाहते. पिता की बीमारी के चलते उन्होंने सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट छोड़ दिया था लेकिन परिवार के कहने पर वे आईपीएल खेलने को राजी हो गए.