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WTC Final 2023 : राहुल द्रविड़ ने बताया हार का असली कारण, जानिए टॉप 4 बल्लेबाजों पर क्या बोले हेड कोच

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Published : Jun 12, 2023, 10:49 AM IST

आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में हार के कारणों को लोग गिनाने लगे हैं. कुछ लोग बल्लेबाजी तो कुछ लोग गलत शॉट सेलेक्शन को भी हार का कारण बता रहे हैं, लेकिन कोच राहुल द्रविड़ का कहना है कि....

Indian head coach Rahul Dravid on WTC Final Defeat
फाइनल में हार पर राहुल द्रविड़

लंदन : आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में हार के बाद भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने अपनी ओर से बल्लेबाजों का बचाव किया और सिर्फ अच्छी साझेदारी न कर पाने से यह फाइनल मैच हार गए. हालांकि गलत शॉट सेलेक्शन पर कुछ नहीं बोले. लेकिन जीतने के लिए रिस्क उठाने की आदत को सही ठहराया. ऐसे में कभी कभी खिलाड़ी आउट भी हो जाते हैं.

भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ का मानना है कि उनके गेंदबाज ओवल की पिच पर बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे, जहां उन्होंने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया को 469 रन बनाने दिए और टीम में बड़े खिलाड़ी शामिल थे, जो एक कठिन 444 के लक्ष्य का पीछा करने के लिए एक ठोस साझेदारी बना सकते थे, लेकिन वे फेल रहे. बड़ी साझेदारी न होने व गलत शॉट सेलेक्शन के कारण भारतीय टीम लगातार दूसरी बार आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल मैच हार गयी.

संघर्ष के पहले दिन, ट्रेविस हेड (163) और स्टीव स्मिथ (121) ने 285 रनों की साझेदारी करने के लिए भारतीय गेंदबाजी लाइन-अप की कमी का पूरा फायदा उठाया और ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को 469 तक ले गए. पहली पारी में अजिंक्य रहाणे (89) और शार्दुल ठाकुर (51) के बल्ले से देर से वापसी करने के बावजूद भारत 296 तक ही पहुंच सका.

द्रविड़ बोले-
"यह स्पष्ट रूप से कठिन था.. हमेशा उम्मीद रहती है कि हम कितने भी पीछे क्यों न हों, हम पीछे रहने के बाद वापस लड़ सकते हैं.. पिछले 2 वर्षों में कई टेस्ट जहां हमने कठिन परिस्थितियों में कड़ा संघर्ष किया है. जरूरत रहती है केवल एक बड़ी साझेदारी की, इसके लिए हमारे पास बड़े खिलाड़ी थे, लेकिन उनका पलड़ा भारी था.."

द्रविड़ ने मैच समाप्त होने के बाद स्टार स्पोर्ट्स से कहा कि यह 469 रन की पिच नहीं थी. पहले दिन आखिरी सत्र में बहुत अधिक रन दिए. हमें पता था कि किस लाइन और लेंथ में गेंदबाजी करनी है. हमारी लेंथ खराब नहीं थी, लेकिन हमने शायद बहुत अधिक गेंदबाजी की और हेड को अच्छी बल्लेबाजी करने के लिए जगह दी. शायद हम अधिक सावधान हो सकते थे.."

  • Rahul Dravid said - "We played good Cricket in Australia, in England and won Test series. We are good unit". pic.twitter.com/Oy2qV5XkuH

    — CricketMAN2 (@ImTanujSingh) June 11, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

टीम के पूर्व साथी सौरव गांगुली द्वारा पहले गेंदबाजी करने का फैसला करने के तर्क के बारे में पूछे जाने पर द्रविड़ ने कहा कि दबाव ने कोई भूमिका नहीं निभाई. उन्होंने कहा कि विकेट पर काफी घास थी और बादल छाए हुए थे. ऐसे में पहले गेंदबाजी करने के फैसले पर कोई सवाल नहीं बनता. हमने देखा है कि इंग्लैंड में बल्लेबाजी आसान हो जाती है. अगर आपने देखा तो पता होगा कि बल्लेबाजों को चौथे या पांचवें दिन ज्यादा मदद नहीं मिली.

द्रविड़ बोले-
"पहले दिन हमने उनका स्कोर 70/3 कर दिया, लेकिन फिर इस पकड़ को हमने अपने हाथ से मैच फिसलने दिया. पिछली बार जब हम एजबस्टन में खेले थे, तो पिच बल्लेबाजी के लिए आसान हो गई थी. 300 से अधिक का पीछा किया गया था. हम अंतिम पारी में 300-320 का पीछा कर सकते थे.."

द्रविड़ ने अपने शीर्ष क्रम के सही समय पर प्रदर्शन नहीं करने का बचाव किया और कहा कि द ओवल में, शीर्ष क्रम का कोई भी बल्लेबाज दोनों पारियों में अर्धशतक नहीं बना सका. पहले 4 बल्लेबाजों के फेल होने के बाद आप टेस्ट में पुछल्ले बल्लेबाजों से कितने रन की उम्मीद करते हैं. पहली पारी में रहाणे के 89 और ठाकुर के 51 रन ही इस टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ भारतीय बल्लेबाजों का स्कोर था. इसके बाद कोई बल्लेबाज अर्धशतक नहीं बना पाया.

उन्होंने कहा, "हमारे शीर्ष के पांच बल्लेबाज बहुत अनुभवी हैं, अपने उच्च मानकों से.. ये वही खिलाड़ी हैं जो ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में जीते हैं..इस बार का प्रदर्शन उनके उच्च मानकों का नहीं है. विकेट काफी चुनौतीपूर्ण रहे हैं. यह एक अच्छी पिच थी. मैं मानता हूँ, लेकिन कुछ जगहों पर अच्छा नहीं कर पाए."

द्रविड़ ने कहा-

"कोई भी नहीं चाहता कि पहली गेंद से विकेट टर्न हो, लेकिन जब आप पॉइंट के लिए खेल रहे होते हैं, तो ऐसी स्थितियों में, आपको जोखिम उठाना पड़ता है और जोखिम लेने वाले हम अकेले नहीं हैं. ऑस्ट्रेलिया की पिचों को देखें. कभी-कभी आप पर हर खेल में उन अंकों को हासिल करने का दबाव होता है. यह एक जोखिम है, जिसे हमें लेना होगा."

--आईएएनएस के इनपुट के साथ

लंदन : आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में हार के बाद भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने अपनी ओर से बल्लेबाजों का बचाव किया और सिर्फ अच्छी साझेदारी न कर पाने से यह फाइनल मैच हार गए. हालांकि गलत शॉट सेलेक्शन पर कुछ नहीं बोले. लेकिन जीतने के लिए रिस्क उठाने की आदत को सही ठहराया. ऐसे में कभी कभी खिलाड़ी आउट भी हो जाते हैं.

भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ का मानना है कि उनके गेंदबाज ओवल की पिच पर बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे, जहां उन्होंने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया को 469 रन बनाने दिए और टीम में बड़े खिलाड़ी शामिल थे, जो एक कठिन 444 के लक्ष्य का पीछा करने के लिए एक ठोस साझेदारी बना सकते थे, लेकिन वे फेल रहे. बड़ी साझेदारी न होने व गलत शॉट सेलेक्शन के कारण भारतीय टीम लगातार दूसरी बार आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल मैच हार गयी.

संघर्ष के पहले दिन, ट्रेविस हेड (163) और स्टीव स्मिथ (121) ने 285 रनों की साझेदारी करने के लिए भारतीय गेंदबाजी लाइन-अप की कमी का पूरा फायदा उठाया और ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को 469 तक ले गए. पहली पारी में अजिंक्य रहाणे (89) और शार्दुल ठाकुर (51) के बल्ले से देर से वापसी करने के बावजूद भारत 296 तक ही पहुंच सका.

द्रविड़ बोले-
"यह स्पष्ट रूप से कठिन था.. हमेशा उम्मीद रहती है कि हम कितने भी पीछे क्यों न हों, हम पीछे रहने के बाद वापस लड़ सकते हैं.. पिछले 2 वर्षों में कई टेस्ट जहां हमने कठिन परिस्थितियों में कड़ा संघर्ष किया है. जरूरत रहती है केवल एक बड़ी साझेदारी की, इसके लिए हमारे पास बड़े खिलाड़ी थे, लेकिन उनका पलड़ा भारी था.."

द्रविड़ ने मैच समाप्त होने के बाद स्टार स्पोर्ट्स से कहा कि यह 469 रन की पिच नहीं थी. पहले दिन आखिरी सत्र में बहुत अधिक रन दिए. हमें पता था कि किस लाइन और लेंथ में गेंदबाजी करनी है. हमारी लेंथ खराब नहीं थी, लेकिन हमने शायद बहुत अधिक गेंदबाजी की और हेड को अच्छी बल्लेबाजी करने के लिए जगह दी. शायद हम अधिक सावधान हो सकते थे.."

  • Rahul Dravid said - "We played good Cricket in Australia, in England and won Test series. We are good unit". pic.twitter.com/Oy2qV5XkuH

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टीम के पूर्व साथी सौरव गांगुली द्वारा पहले गेंदबाजी करने का फैसला करने के तर्क के बारे में पूछे जाने पर द्रविड़ ने कहा कि दबाव ने कोई भूमिका नहीं निभाई. उन्होंने कहा कि विकेट पर काफी घास थी और बादल छाए हुए थे. ऐसे में पहले गेंदबाजी करने के फैसले पर कोई सवाल नहीं बनता. हमने देखा है कि इंग्लैंड में बल्लेबाजी आसान हो जाती है. अगर आपने देखा तो पता होगा कि बल्लेबाजों को चौथे या पांचवें दिन ज्यादा मदद नहीं मिली.

द्रविड़ बोले-
"पहले दिन हमने उनका स्कोर 70/3 कर दिया, लेकिन फिर इस पकड़ को हमने अपने हाथ से मैच फिसलने दिया. पिछली बार जब हम एजबस्टन में खेले थे, तो पिच बल्लेबाजी के लिए आसान हो गई थी. 300 से अधिक का पीछा किया गया था. हम अंतिम पारी में 300-320 का पीछा कर सकते थे.."

द्रविड़ ने अपने शीर्ष क्रम के सही समय पर प्रदर्शन नहीं करने का बचाव किया और कहा कि द ओवल में, शीर्ष क्रम का कोई भी बल्लेबाज दोनों पारियों में अर्धशतक नहीं बना सका. पहले 4 बल्लेबाजों के फेल होने के बाद आप टेस्ट में पुछल्ले बल्लेबाजों से कितने रन की उम्मीद करते हैं. पहली पारी में रहाणे के 89 और ठाकुर के 51 रन ही इस टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ भारतीय बल्लेबाजों का स्कोर था. इसके बाद कोई बल्लेबाज अर्धशतक नहीं बना पाया.

उन्होंने कहा, "हमारे शीर्ष के पांच बल्लेबाज बहुत अनुभवी हैं, अपने उच्च मानकों से.. ये वही खिलाड़ी हैं जो ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में जीते हैं..इस बार का प्रदर्शन उनके उच्च मानकों का नहीं है. विकेट काफी चुनौतीपूर्ण रहे हैं. यह एक अच्छी पिच थी. मैं मानता हूँ, लेकिन कुछ जगहों पर अच्छा नहीं कर पाए."

द्रविड़ ने कहा-

"कोई भी नहीं चाहता कि पहली गेंद से विकेट टर्न हो, लेकिन जब आप पॉइंट के लिए खेल रहे होते हैं, तो ऐसी स्थितियों में, आपको जोखिम उठाना पड़ता है और जोखिम लेने वाले हम अकेले नहीं हैं. ऑस्ट्रेलिया की पिचों को देखें. कभी-कभी आप पर हर खेल में उन अंकों को हासिल करने का दबाव होता है. यह एक जोखिम है, जिसे हमें लेना होगा."

--आईएएनएस के इनपुट के साथ

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