मुंबई: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच में 347 रन के रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज करने के बाद कहा कि इस प्रारूप में कप्तानी में उनकी अनुभव की कमी को टीम के मुख्य कोच अमोल मजूमदार की खेल की समझ ने पूरा किया. हरमनप्रीत ने टेस्ट मैचों में 2014 में पदार्पण किया था. यह पहली बार है जब वह टेस्ट टीम की अगुवाई कर रही थी.
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कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मैच के दौरान अहम फैसला लेने का श्रेय कोच को देते हुए कहा, ‘हमारे कोच ने हमारी बहुत मदद की, मेरे पास टेस्ट में टीम का नेतृत्व करने का कोई अनुभव नहीं था. मैं उनके (मजूमदार) फैसलों पर भरोसा कर रही थी चाहे वह पहली पारी में शुभा (सतीश) को एक विकेट गिरने के बाद बल्लेबाजी के लिए भेजना हो या गेंदबाजी की योजना हो’य
उन्होंने आगे कहा कि कहा, ‘आज के शुरुआती 40 मिनट काफी अहम थे. हमारी सोच इंग्लैंड पर दबाव बनाने की थी. हम सुबह की परिस्थितियों का फायदा उठाना चाहते थे. कोच के अनुभव से हमें काफी मदद मिली. इससे हमें यह सोचने का भी समय मिला कि टीम के लिए क्या सर्वश्रेष्ठ होगा.
भारत ने महिला टेस्ट क्रिकेट में रनों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत दर्ज की. उसने श्रीलंका का रिकॉर्ड तोड़ा जिसने 1998 में पाकिस्तान को 309 रन से हराया था. भारत ने महज सात सत्र के अंदर इंग्लैंड को शिकस्त देकर घरेलू सरजमीं पर इस टीम के खिलाफ पहली जीत दर्ज की. दोनों देशों के बीच 39 टेस्ट में भारत की यह छठी जीत है.
भारतीय टीम ने अपनी दूसरी पारी कल के स्कोर 6 विकेट पर 186 रन पर समाप्त घोषित करके इंग्लैंड के सामने 479 रन का असंभव लक्ष्य रखा. ऑफ स्पिनर दीप्ति शर्मा (32 रन देकर 4 विकेट) और तेज गेंदबाज पूजा वस्त्राकर (23 रन देकर तीन विकेट) की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करके इंग्लैंड को 131 रन पर ढेर कर दिया. भारतीय टीम ने इससे पहले ने अपनी पहली पारी में 428 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया और इसके बाद इंग्लैंड की टीम को 136 रन पर समेट दिया था.