जोहान्सबर्ग: कप्तान डीन एल्गर की ठोस नाबाद पारी और दो उपयोगी साझेदारियों से दक्षिण अफ्रीका ने भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट के तीसरे दिन बुधवार को अपनी दूसरी पारी में दो विकेट पर 118 रन बनाकर 240 रन का लक्ष्य हासिल करने की उम्मीदें जीवंत रखी.
एल्गर अभी 121 गेंदों पर 46 रन बनाकर खेल रहे हैं. उन्होंने एडेन मार्कराम (31) के साथ पहले विकेट के लिए 47 और कीगन पीटरसन (28) के साथ दूसरे विकेट के लिये 46 रन की साझेदारियां करके भारत को हावी होने से रोका. स्टंप उखड़ने के समय एल्गर के साथ रॉसी वान डर डुसेन 11 रन पर खेल रहे थे.
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दक्षिण अफ्रीका अब लक्ष्य से 122 रन पीछे है. अपनी पहली पारी में 202 रन बनाने वाले भारत ने दूसरी पारी में 266 रन बनाए. दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 229 रन बनाकर 27 रन की बढ़त हासिल की थी. वांडरर्स में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकार्ड आस्ट्रेलिया के नाम है, जिसने साल 2011 में 310 रन बनाकर जीत दर्ज की थी.
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That's Stumps on Day 3 of the second #SAvIND Test!
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South Africa move to 118/2 at the close of play & need 122 runs more.
We will see you tomorrow for Day 4 action.
Scorecard ▶️ https://t.co/b3aaGXmBg9 pic.twitter.com/YhHvV165cY
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ऐसे में भारत यदि दक्षिण अफ्रीका के सामने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रख पाया तो उसका श्रेय चेतेश्वर पुजारा (86 गेंदों पर 53) और अजिंक्य रहाणे (78 गेंदों पर 58 रन) की अर्धशतकीय पारियों और दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 23.2 ओवर में 111 रन की साझेदारी को जाता है. बाद में हनुमा विहारी (84 गेंदों पर नाबाद 40) ने आखिरी चार बल्लेबाजों के साथ मिलकर 82 रन जोड़े. इनमें शार्दुल ठाकुर (24 गेंदों पर 28) ने अहम योगदान दिया.
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कैगिसो रबाडा (77 रन देकर तीन) ने पहले सत्र के आखिरी 45 मिनट में तीन विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका को वापसी दिलाई. मार्को जेनसन (67 रन देकर तीन) और लुंगी एनगिडी (43 रन देकर तीन) ने बाद में इसका फायदा उठाया. इस सीरीज में अब तक रन बनाने के लिए जूझ रहे मार्कराम ने कुछ विश्वसनीय शॉट लगाकर अपने इरादे जतलाए. लेकिन ठाकुर (24 रन देकर एक) ने गेंद संभालते ही लगातार उन्हें परेशान किया. पगबाधा की दो अपील ठुकराए जाने के बाद भी ठाकुर ने लाइन और लेंथ बनाए रखी. उनकी तीसरी अपील पर न अंपायर को शक था और न ही बल्लेबाज को.
इसके बाद पीटरसन ने अपने कप्तान के साथ अगले 16 ओवर तक विकेट नहीं गिरने दिया और इस बीच दूसरे विकेट के लिए 46 रन जोड़े. भारतीय तेज गेंदबाजों विशेषकर ठाकुर की कुछ गेंदें खतरनाक थी, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के ये दोनों बल्लेबाज टिके रहे.
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ऐसे में ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (14 रन देकर एक) ने अपनी भूमिका निभाई. उनकी तेजी से स्पिन लेती गेंद पर पीटरसन गच्चा खाकर पगबाधा हो गए. वान डर डुसेन ने हालांकि एल्गर की तरह पांव जमाए रखा और कप्तान के साथ दिन के बाकी बचे 12 ओवर में टीम को कोई झटका नहीं लगने दिया. भारत के लिए चौथे दिन पहला सत्र महत्वपूर्ण होगा, जिसमें वह शुरू में विकेट लेकर बल्लेबाजों पर दबाव बनाने की कोशिश करेगा.
इससे पहले भारत ने सुबह दो विकेट पर 85 रन से आगे खेलना शुरू किया. खराब फॉर्म के कारण आलोचकों के निशाने पर चल रहे पुजारा और रहाणे जानते थे कि उनके लिए आगे टीम में जगह बनाना मुश्किल होगा और इसलिए उन्होंने रन बनाने पर अधिक ध्यान दिया. पुजारा ने 62 गेंदों पर जबकि रहाणे ने 67 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया, जिससे पता चलता है कि उन्होंने रन बनाने को प्राथमिकता में रखा. पुजारा ने 10 चौके, जबकि रहाणे ने आठ चौके और एक छक्का लगाया.
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भारत का स्कोर एक समय दो विकेट पर 155 रन था और वह अच्छी स्थिति में दिख रहा था, लेकिन इसके बाद रबाडा ने तीन विकेट झटककर दक्षिण अफ्रीका को वापसी दिलाई. रबाडा ने रहाणे को विकेटकीपर काइल वेरेन के हाथों कैच कराया और पुजारा को पगबाधा आउट किया. उन्होंने इसके बाद ऋषभ पंत को खाता भी नहीं खोलने दिया, जिन्होंने शार्ट पिच गेंद को हॉफ वॉली पर खेलने का गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाकर विकेटकीपर को कैच दिया. अश्विन ने एनगिडी की गेंद पर विकेट के पीछे कैच देने से पहले 14 गेंदों पर 16 रन बनाए.
ठाकुर ने आते ही कुछ आकर्षक शॉट जमाए तथा विहारी के साथ सातवें विकेट के लिए 41 रन जोड़े. इसमें ठाकुर का योगदान 28 रन था, जिसमें पांच चौके और जेनसन पर लगाया गया एक छक्का भी शामिल है. जेनसन ने इसी ओवर में उन्हें सीमा रेखा पर कैच कराया.
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विहारी ने इसके बाद रणनीतिक बल्लेबाजी की. उन्होंने जसप्रीत बुमराह (सात) के साथ 17 और मोहम्मद सिराज (शून्य) के साथ 21 उपयोगी रन जोड़े. विहारी ने अपनी पारी में छह चौके लगाए. बता दें, भारत तीन मैचों की सीरीज में अभी 1-0 से आगे चल रहा है.