नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलियाई पुरुष क्रिकेट टीम के कोच जस्टिन लैंगर ने हाल ही में मीडिया में पूर्व रुल्स फुटबाल खिलाड़ी एडम गुड्स का नाम लिया था और कहा था कि देश का क्रिकेट बोर्ड, टीम प्रबंधन भारत और ऑस्ट्रेलिया की बीच होने वाली सीरीज में नस्लवाद के विरोध का संदेश देने के लिए एडम से सलाह ले सकता है.
लैंगर की इस हरकत से क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया निराश है. लैंगर ने ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार स्टान ग्रांट का नाम भी लिया था जिन्होंने एडम द्वारा झेले गए नस्लवाद के सफर पर बनी फिल्म 'द आस्ट्रेलियन ड्रीम्स' को लिखा था.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, "सीए इन दोनों का नाम सुर्खियों में आने से निराश है. उसकी मंशा इन लोगों से निजी तौर पर बात करने की थी और वह इन दोनों पर गैरजरूर दबाव नहीं डालना चाहती थी. सीए के आंतरिक लोग इस बात से हैरान हैं कि लैंगर ने एडम और ग्रांट का नाम सरेआम लिया.''
ग्रांट की पत्नी और ऑस्ट्रेलिया ब्रॉडकास्टर ट्रेसी होल्मस ने भी लैंगर को एडम का नाम उनकी मंजूरी के बिना लेने को लेकर आलोचना की है.
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लैंगर ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए यह बयान दिया था.
होल्मस ने ट्वीट किया, "क्या कहानी थोड़ी अजीब नहीं है? ऐसा लग रहा है कि एडम को ऑस्ट्रेलियाई टीम के पास इस बात को मनाने के लिए भेजा गया है कि क्या वो नस्लवाद के खिलाफ कदम उठाएगी या नहीं."
उन्होंने लिखा, "यह खबरें बहुत अच्छे से प्लान की गई होती हैं. यह अच्छा होता कि लैंगर एडम को फोन कर पूछते, लेकिन अभी तक तो उन्होंने एडम से बिना पूछे बातें सामने रख दी हैं."
सीए ने शुक्रवार रात को ऑस्ट्रेलिया की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान एरॉन फिंच, तेज गेंदबाज पैट कमिंस और गैविन डोवे के साथ इस मसले पर बात की है.