मेलबर्न: आस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर इयान चैपल, जस्टिन लैंगर के इस्तीफे को लेकर मचे बवाल को समझ नहीं पा रहे हैं. उनका कहना है, मुकाबले को खिलाड़ी हारते और जीतते हैं, कोच नहीं. चैपल ने साथ ही कोच के पद को मैनजर से बदलने की वकालत की.
चैपल ने ईएसपीएनक्रिकइंफो पर अपने कॉलम में लिखा, जस्टिन लैंगर के हटने के बाद अजीब सी मजाकिया स्थिति पैदा हो गई है. जहां कोई कह रहा है कि वह आस्ट्रेलियाई कोच नहीं है, वह काफी शरारती लड़का है. उन्होंने कहा, क्रिकेट प्रशंसक इस बात पर अधिक ध्यान देते हैं कि कोच कौन है और कौन नहीं. जबकि उन्हें अधिक महत्वपूर्ण चीज पर ध्यान देना चाहिए कि किसे कप्तान नियुक्त किया गया है. पैट कमिंस और उनके साथी विकेट लेते हैं, रन बनाते हैं और कैच पकड़ते हैं. यह वे हैं, जो पाकिस्तान के खिलाफ आगामी सीरीज में जीतेंगे या हारेंगे, कोच नहीं.
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चैपल ने कहा, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों को हर समय कोचिंग की जरूरत नहीं होती और किसी भी तकनीकी खामी का सर्वश्रेष्ठ हल साथी खिलाड़ी निकाल सकते हैं. उन्होंने कहा, अगर किसी को लगता है कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी को 24 घंटे, हफ्ते में सातों दिन कोचिंग की जरूरत है जो फिर वह भ्रम में हैं. अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की तकनीक खराब नहीं हो जाती.
चैपल ने कहा, खिलाड़ियों को समय के साथ समस्या का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन जो चीज गलत होती है, वह संभवत: दिमाग में होती है. नेट पर टीम के सीनियर खिलाड़ी के साथ क्रिकेटर सही राह पर लौट सकता है.
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उन्होंने कहा, साथी खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय कोच क्यों होते हैं? सबसे पहले तो वे समान खिलाड़ियों के खिलाफ खेलते हैं. साथ ही वे अपने साथी खिलाड़ियों को नियमित रूप से देखते हैं और तकनीक तथा मानसिक रवैये में किसी भी बदलाव को काफी जल्दी समझ जाते हैं.
इस 78 वर्षीय पूर्व खिलाड़ी का मानना है कि सार्वजनिक तौर पर कोच की वाहवाही से अधिक यह महत्वपूर्ण है कि विश्वसनीय चयनकर्ता सही टीम का चयन करे. उन्होंने साथ ही कहा कि पद के लिए मुख्य कोच का इस्तेमाल करना गलत है. टीम का मार्गदर्शन कर रहा व्यक्ति मैनेजर होना चाहिए.