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मैं धोनी, कोहली और रोहित की कप्तानी शैली से सीख लूंगा: हार्दिक पांड्या - hardik on captain rohit sharma

हार्दिक पांड्या ने कहा, "मैं विराट से उनकी आक्रामकता और जज्बे को चुनूंगा, उनकी ऊर्जा जबरदस्त है. माही भाई से संयम, शांति और हर स्थिति में सामान्य रहने की कला सीखूंगा. रोहित से मैं खिलाड़ियों को खुल कर खेलने की आजादी देने की सीख को मैदान पर उतरने की कोशिश करूंगा."

hardik pandya says he is taking help from rohit, kohli and Dhoni's style of captaincy
hardik pandya says he is taking help from rohit, kohli and Dhoni's style of captaincy
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Published : Feb 2, 2022, 11:53 AM IST

नई दिल्ली: पिछले कुछ वर्षों में हार्दिक पांड्या की गेंदबाजी फिटनेस की स्थिति को लेकर राष्ट्रीय चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन के साथ 'संवाद की कमी' की अटकलें लगती रही हैं लेकिन इस हरफनमौला खिलाड़ी ने मंगलवार को यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी स्थिति के बारे में 'हर कोई जानता है'.

पांड्या पीठ में परेशानी के कारण पिछले दो साल से ज्यादा समय से नियमित गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं लेकिन वो आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के दौरान सभी को आश्चर्यचकित करना चाहते हैं. वो सीवीसी के स्वामित्व वाली अहमदाबाद फ्रेंचाइजी की कप्तानी करेंगे.

फ्रेंचाइजी की ओर से आयोजित बातचीत में पांड्या ने पीटीआई-भाषा से कहा, "वो जानते हैं कि मैं किस स्तर पर हूं (गेंदबाजी फिटनेस के मामले में). इस बारे में सभी को सूचित कर दिया गया है."

पांड्या ने राष्ट्रीय चयनकर्ताओं से स्पष्ट कर दिया है कि वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के लिए उनके चयन पर विचार नहीं किया जाए क्योंकि वो अभी अपने गेंदबाजी कार्यभार पर काम कर रहे हैं."

उन्होंने कहा, "बल्लेबाज हार्दिक की तुलना में बल्लेबाज और गेंदबाज हार्दिक सुनने में काफी अच्छा लगता है."

हार्दिक से पूछा गया कि गेंदबाजी के लिहाज से वह खुद को कैसे परखते है तो उन्होंने कहा, "यह देखना सभी के लिए एक आश्चर्य की तरह होगा. मैं अभी अपने पत्ते नहीं खोलना चाहता हूं."

ये भी पढ़ें- अहमदाबाद का नेतृत्व करने के लिए उत्सुक हूं: हार्दिक पांड्या

उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि एक ऑलराउंडर के रूप में प्रदर्शन करने में सक्षम नहीं होना चुनौतीपूर्ण रहा है. टी20 विश्व कप के दौरान पांड्या की काफी आलोचना हुई थी लेकिन वो इसे ज्यादा महत्व नहीं दे रहे हैं.

उन्होंने कहा, "मेरे लिए गेंदबाजी नहीं करना काफी चुनौतीपूर्ण रहा है और मैंने हमेशा खेल के तीनों प्रारूपों में योगदान दिया है. लेकिन जब मैंने तय किया था कि मुझे केवल बल्लेबाजी करनी है, तो मैं बस कुछ समय मैदान पर बिताना चाहता था और हां, यह चुनौतीपूर्ण रहा है."

उन्होंने कहा, "सकारात्मक आलोचना हमेशा अच्छी होती है, लेकिन आम तौर पर आलोचना मुझे परेशान नहीं करती क्योंकि मुझे पता है कि मैं क्या कर रहा हूं. मुझे पता है कि मैंने कितनी मेहनत की है. मैंने परिणाम को ज्यादा महत्व दिये बिना हमेशा प्रक्रिया को अपना कर कड़ी मेहनत की है. जब आप सच्ची मेहनत करते हैं तो परिणाम अपने आप तय हो जाते हैं."

पांड्या के लिए कप्तानी नई बात है क्योंकि उन्होंने इससे पहले बड़ौदा के लिए अंडर-16 स्तर पर केवल एक बार ऐसा किया था. उनकी कप्तानी के लिए कोई तय मानक नहीं है, लेकिन वो अपने 'गुरू' महेंद्र सिंह धोनी का अनुसरण करने की कोशिश करेंगे.

उन्होंने कहा, "मैं आपको उदाहरण देकर समझाना चाहूंगा. जब किसी का अच्छा समय चल रहा होता है तो उस समय उसे किसी की मदद की जरूरत नहीं होती है. मैं हमेशा मानता हूं कि आपको मदद की जरूरत तभी होती है जब आपका दिन अच्छा नहीं होता है."

पांड्या ने कहा कि वो धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा की कप्तानी शैली से मिली सीख को लागू करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "मैं विराट से उनकी आक्रामकता और जज्बे को चुनूंगा, उनकी ऊर्जा जबरदस्त है. माही भाई से संयम, शांति और हर स्थिति में सामान्य रहने की कला सीखूंगा. रोहित से मैं खिलाड़ियों को खुल कर खेलने की आजादी देने की सीख को मैदान पर उतरने की कोशिश करूंगा."

नई दिल्ली: पिछले कुछ वर्षों में हार्दिक पांड्या की गेंदबाजी फिटनेस की स्थिति को लेकर राष्ट्रीय चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन के साथ 'संवाद की कमी' की अटकलें लगती रही हैं लेकिन इस हरफनमौला खिलाड़ी ने मंगलवार को यह स्पष्ट कर दिया कि उनकी स्थिति के बारे में 'हर कोई जानता है'.

पांड्या पीठ में परेशानी के कारण पिछले दो साल से ज्यादा समय से नियमित गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं लेकिन वो आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के दौरान सभी को आश्चर्यचकित करना चाहते हैं. वो सीवीसी के स्वामित्व वाली अहमदाबाद फ्रेंचाइजी की कप्तानी करेंगे.

फ्रेंचाइजी की ओर से आयोजित बातचीत में पांड्या ने पीटीआई-भाषा से कहा, "वो जानते हैं कि मैं किस स्तर पर हूं (गेंदबाजी फिटनेस के मामले में). इस बारे में सभी को सूचित कर दिया गया है."

पांड्या ने राष्ट्रीय चयनकर्ताओं से स्पष्ट कर दिया है कि वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के लिए उनके चयन पर विचार नहीं किया जाए क्योंकि वो अभी अपने गेंदबाजी कार्यभार पर काम कर रहे हैं."

उन्होंने कहा, "बल्लेबाज हार्दिक की तुलना में बल्लेबाज और गेंदबाज हार्दिक सुनने में काफी अच्छा लगता है."

हार्दिक से पूछा गया कि गेंदबाजी के लिहाज से वह खुद को कैसे परखते है तो उन्होंने कहा, "यह देखना सभी के लिए एक आश्चर्य की तरह होगा. मैं अभी अपने पत्ते नहीं खोलना चाहता हूं."

ये भी पढ़ें- अहमदाबाद का नेतृत्व करने के लिए उत्सुक हूं: हार्दिक पांड्या

उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि एक ऑलराउंडर के रूप में प्रदर्शन करने में सक्षम नहीं होना चुनौतीपूर्ण रहा है. टी20 विश्व कप के दौरान पांड्या की काफी आलोचना हुई थी लेकिन वो इसे ज्यादा महत्व नहीं दे रहे हैं.

उन्होंने कहा, "मेरे लिए गेंदबाजी नहीं करना काफी चुनौतीपूर्ण रहा है और मैंने हमेशा खेल के तीनों प्रारूपों में योगदान दिया है. लेकिन जब मैंने तय किया था कि मुझे केवल बल्लेबाजी करनी है, तो मैं बस कुछ समय मैदान पर बिताना चाहता था और हां, यह चुनौतीपूर्ण रहा है."

उन्होंने कहा, "सकारात्मक आलोचना हमेशा अच्छी होती है, लेकिन आम तौर पर आलोचना मुझे परेशान नहीं करती क्योंकि मुझे पता है कि मैं क्या कर रहा हूं. मुझे पता है कि मैंने कितनी मेहनत की है. मैंने परिणाम को ज्यादा महत्व दिये बिना हमेशा प्रक्रिया को अपना कर कड़ी मेहनत की है. जब आप सच्ची मेहनत करते हैं तो परिणाम अपने आप तय हो जाते हैं."

पांड्या के लिए कप्तानी नई बात है क्योंकि उन्होंने इससे पहले बड़ौदा के लिए अंडर-16 स्तर पर केवल एक बार ऐसा किया था. उनकी कप्तानी के लिए कोई तय मानक नहीं है, लेकिन वो अपने 'गुरू' महेंद्र सिंह धोनी का अनुसरण करने की कोशिश करेंगे.

उन्होंने कहा, "मैं आपको उदाहरण देकर समझाना चाहूंगा. जब किसी का अच्छा समय चल रहा होता है तो उस समय उसे किसी की मदद की जरूरत नहीं होती है. मैं हमेशा मानता हूं कि आपको मदद की जरूरत तभी होती है जब आपका दिन अच्छा नहीं होता है."

पांड्या ने कहा कि वो धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा की कप्तानी शैली से मिली सीख को लागू करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "मैं विराट से उनकी आक्रामकता और जज्बे को चुनूंगा, उनकी ऊर्जा जबरदस्त है. माही भाई से संयम, शांति और हर स्थिति में सामान्य रहने की कला सीखूंगा. रोहित से मैं खिलाड़ियों को खुल कर खेलने की आजादी देने की सीख को मैदान पर उतरने की कोशिश करूंगा."

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