रांची: देश के सबसे सफल कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी के भीतर छीपे क्रिकेट की प्रतिभा को बचपन में ही परखने वाले स्कूल कोच रहे केशव रंजन बनर्जी से ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह ने क्रिकेट विश्व कप को लेकर बातचीत की.
इस बातचीत में धोनी के कोच केशव ने कहा, 'धोनी में टीम को नेतृत्व करने की जो क्षमता थी, वह शायद ही आज तक किसी भारतीय क्रिकेटर में दिखी. उन्होंने बताया कि विकेट के पीछे रहकर धोनी हर खिलाड़ी के अगले स्टेप को भांप लेते थे. फिर इशारा कर बॉलर को उसी मुताबिक गेंदबाजी करने बोलते थे.
धोनी-रोहित की तुलना नहीं
कप्तानी में रोहित शर्मा की एमएस धोनी से तुलना को लेकर बनर्जी ने कहा कि, 'रोहित शर्मा भी बहुत मेच्योर है लेकिन कप्तानी वाली क्षमता की तुलना धोनी से नहीं की जा सकती'.
टीम इंडिया को अक्षर पटेल की खलेगी कमी
केशव रंजन बनर्जी ने कहा, 'इस बार की भारतीय टीम बहुत सटीक है लेकिन अक्षर पटेल की कमी खलेगी'. उनके मुताबिक अक्षर पटेल में अच्छी बल्लेबाजी की भी काबिलियत थी. बीसीसीआई को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए था कि ऐसे मौकों पर चुनिंदा खिलाड़ी चोटिल ना हो पाएं. उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि क्रिकेट वर्ल्ड कप की टीम में झारखंड की ओर से रणजी खेलने वाले बाएं हाथ के बल्लेबाज और विकेटकीपर ईशान किशन भी हैं जो बैटिंग ऑर्डर को लेफ्ट हैंडर होने के नाते मजबूत बना सकते हैं.
भारत-इंग्लैंड के बीच होगा फाइनल
बनर्जी ने रोहित शर्मा, विराट कोहली, केएल राहुल समेत भारतीय बल्लेबाजों के बारे में भी अपनी बात रखी. उनसे जब यह पूछा गया कि फाइनल में इस बार मुकाबला किन दो टीमों के बीच होने की संभावना है तो उनका दो टूक जवाब था, भारत और इंग्लैंड. ऑस्ट्रेलिया को लेकर उन्होंने कहा कि यह टीम इंडिया में अक्सर कुछ खास नहीं कर पाती है. इसलिए उनके मुताबिक फाइनल में भारत और इंग्लैंड के बीच भिड़ंत होने की प्रबल संभावना है.
भारतीय खिलाड़ियों पर होगा दबाव
बनर्जी ने यह भी कहा कि अपने होम ग्राउंड पर खेलना कई मायनों में फायदेमंद जरूर होता है लेकिन प्लेयर्स पर दबाव भी बनता है. इससे रोहित शर्मा को निपटाना होगा.
भारत के पास विश्व चैंपियन बनने का सुनहरा अवसर
धोनी के कोच केशव बनर्जी का मानना है कि 1983 में कपिल देव और 2011 में महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप जीता था. एक बार फिर वही सुनहरा मौका आया है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि तीसरी बार विश्व कप खिताब पर भारत का कब्जा हो सकता है.