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IND vs ENG: पंत की आक्रामक बल्लेबाजी पर सामने आया पुजारा का बयान, कहा... - ऋषभ पंत

चेतेश्वर पुजारा ने कहा, ''जब वह क्रीज पर होता है, तो स्कोरबोर्ड लगातार चलता है. ऐसा नहीं है जब वह वहां रहता है तो वह बहुत रक्षात्मक हो जाएगा. चीजों को संतुलित करना उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है. मेरे लिए यह आसान हो जाता है जब वह शॉट खेलना शुरू करता है तो गेंदबाज दबाव में आते हैं.''

Rishabh Pant
Rishabh Pant
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Published : Feb 7, 2021, 8:14 PM IST

हैदराबाद: भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया चेन्नई टेस्ट का तीसरा दिन भी रूट एंड कंपनी के नाम रहा. तीसरे दिन के खेल के दौरान भारतीय विकेटकीपर ऋषभ पंत और चेतेश्वर पुजारा को छोड़ दिया जाए, तो टीम के अन्य बल्लेबाज सिर्फ संघर्ष करते नजर आए. पुजारा ने जहां 73 रन बनाए, तो पंत के बल्ले से 91 रनों की पारी देखने को मिली. बात अगर पंत की करें तो उन्होंने 88 गेंदों का सामना करते हुए 9 चौके और पांच छक्कों की सहायता के साथ 91 रन बनाए.

चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत
चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत

एक बार फिर से बल्लेबाजी के दौरान ऋषभ काफी आक्रामक अंदाज में खेलते नजर आए. पुजारा के विकेट के बाद उम्मीद की जा रही थी कि पंत अब संभलकर बल्लेबाजी करेंगे, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला और एक बड़ा शॉट लगाने के प्रयास में ही उन्होंने अपनी विकेट भी गंवाई.

तीसरे दिन के खेल के बाद जब चेतेश्वर पुजारा से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पंत की बल्लेबाजी के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा, ''मैं पंत की ओवरऑल परफार्मैंस से खुश हूं. उसे अभी कुछ और चीजें सीखनी हैं. उसे अभी भी टीम को कमांडिंग पोजिशन में लाना है क्योंकि वह इसके लिए सक्षम है और वह शतक से चूक रहा है. इसलिए मुझे यकीन है कि वह इससे सीखेगा. मैं क्रीज पर कई बार उसेसे बोला कि वे कौन से शॉट हैं जो वह खेल सकते हैं और वे कौन से शॉट हैं जिनसे वह बच सकते है. उसे बस यही करना है.''

पुजारा ने आगे कहा, ''उनके साथ एक स्पष्ट संचार है कि कुछ शॉट्स हैं जिनसे उन्हें बचने की आवश्यकता है. कुछ शॉट ऐसे हैं जिन्हें वह खेलना जारी रख सकता है यदि वे उसकी सीमा में हों. फिर ऐसे समय होते हैं जब उसे समझना होता है और यहां तक कि कोचिंग स्टाफ भी हमेशा उसके साथ संवाद करता है कि उसे टीम को पहले रखना होगा और कई बार थोड़ा समझदार होना चाहिए. उसने ज्यादातर ऐसा किया है. कई बार वह बाहर निकलता है और वह बदसूरत दिखता है, लेकिन वह सीख जाएगा.''

उन्होंने कहा, ''पंत पहले टीम को खड़ा करने में सक्षम है और एक ही समय में एक अच्छा स्कोर खड़ा कर दिया. आप जानते हैं कि जब भी वह बल्लेबाजी करता है, अगर वह लंबे समय तक बल्लेबाजी करता है, तो हम हमेशा एक बड़ा स्कोर बनाता है. मुझे यकीन है कि उसे इसका एहसास होगा.''

लगातार तीसरी बार भारतीय सरजमीं पर शतक बनाने से चुके ऋषभ पंत

बताते चलें कि, हमेशा से ही पंत के बल्लेबाजी की आलोचना होती रही है. कई क्रिकेट जानकारों ने अपने बयानों में कहा है कि, वो जिम्मेदारी के साथ नहीं खेलते और अपनी विकेट फेंक देते हैं.

पुजारा ने कहा, ''यह उसका स्वाभाविक खेल है, इसे बहुत सीमित नहीं कर सकते क्योंकि अगर वह बहुत अधिक रक्षात्मक हो जाता है तो वह आउट हो सकता है. बल्कि यह अच्छा है कि वह अपने शॉट्स खेलते हैं. लेकिन कई बार उसे बहुत चुनिंदा होना होगा कि कौन सा शॉट खेलना है. वह किन परिस्थितियों में जोखिम उठा सकता है या क्रीज पर टिक सकता है. जितना अधिक वह खेलेगा है, उतना ही अधिक वह सीखेगा. ऐसा नहीं है कि हमेशा तेज रन की जरूरत होती है. कई बार आपको क्रीज पर टिकना पड़ता है.''

ऋषभ पंत
ऋषभ पंत

अंत में पुजारा ने कहा, ''जब वह क्रीज पर होता है, तो स्कोरबोर्ड लगातार चलता है. ऐसा नहीं है जब वह वहां रहता है तो वह बहुत रक्षात्मक हो जाएगा. चीजों को संतुलित करना उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है. मेरे लिए यह आसान हो जाता है जब वह शॉट खेलना शुरू करता है तो गेंदबाज दबाव में आते हैं. दूसरे छोर से जब मुझे स्ट्राइक मिलती है, तो मैं अपना खेल खेलता रहता हूं. दबाव विपक्ष को मिलता है और हम अच्छी साझेदारी बनाने में सक्षम होते हैं.''

हैदराबाद: भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया चेन्नई टेस्ट का तीसरा दिन भी रूट एंड कंपनी के नाम रहा. तीसरे दिन के खेल के दौरान भारतीय विकेटकीपर ऋषभ पंत और चेतेश्वर पुजारा को छोड़ दिया जाए, तो टीम के अन्य बल्लेबाज सिर्फ संघर्ष करते नजर आए. पुजारा ने जहां 73 रन बनाए, तो पंत के बल्ले से 91 रनों की पारी देखने को मिली. बात अगर पंत की करें तो उन्होंने 88 गेंदों का सामना करते हुए 9 चौके और पांच छक्कों की सहायता के साथ 91 रन बनाए.

चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत
चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत

एक बार फिर से बल्लेबाजी के दौरान ऋषभ काफी आक्रामक अंदाज में खेलते नजर आए. पुजारा के विकेट के बाद उम्मीद की जा रही थी कि पंत अब संभलकर बल्लेबाजी करेंगे, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला और एक बड़ा शॉट लगाने के प्रयास में ही उन्होंने अपनी विकेट भी गंवाई.

तीसरे दिन के खेल के बाद जब चेतेश्वर पुजारा से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पंत की बल्लेबाजी के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा, ''मैं पंत की ओवरऑल परफार्मैंस से खुश हूं. उसे अभी कुछ और चीजें सीखनी हैं. उसे अभी भी टीम को कमांडिंग पोजिशन में लाना है क्योंकि वह इसके लिए सक्षम है और वह शतक से चूक रहा है. इसलिए मुझे यकीन है कि वह इससे सीखेगा. मैं क्रीज पर कई बार उसेसे बोला कि वे कौन से शॉट हैं जो वह खेल सकते हैं और वे कौन से शॉट हैं जिनसे वह बच सकते है. उसे बस यही करना है.''

पुजारा ने आगे कहा, ''उनके साथ एक स्पष्ट संचार है कि कुछ शॉट्स हैं जिनसे उन्हें बचने की आवश्यकता है. कुछ शॉट ऐसे हैं जिन्हें वह खेलना जारी रख सकता है यदि वे उसकी सीमा में हों. फिर ऐसे समय होते हैं जब उसे समझना होता है और यहां तक कि कोचिंग स्टाफ भी हमेशा उसके साथ संवाद करता है कि उसे टीम को पहले रखना होगा और कई बार थोड़ा समझदार होना चाहिए. उसने ज्यादातर ऐसा किया है. कई बार वह बाहर निकलता है और वह बदसूरत दिखता है, लेकिन वह सीख जाएगा.''

उन्होंने कहा, ''पंत पहले टीम को खड़ा करने में सक्षम है और एक ही समय में एक अच्छा स्कोर खड़ा कर दिया. आप जानते हैं कि जब भी वह बल्लेबाजी करता है, अगर वह लंबे समय तक बल्लेबाजी करता है, तो हम हमेशा एक बड़ा स्कोर बनाता है. मुझे यकीन है कि उसे इसका एहसास होगा.''

लगातार तीसरी बार भारतीय सरजमीं पर शतक बनाने से चुके ऋषभ पंत

बताते चलें कि, हमेशा से ही पंत के बल्लेबाजी की आलोचना होती रही है. कई क्रिकेट जानकारों ने अपने बयानों में कहा है कि, वो जिम्मेदारी के साथ नहीं खेलते और अपनी विकेट फेंक देते हैं.

पुजारा ने कहा, ''यह उसका स्वाभाविक खेल है, इसे बहुत सीमित नहीं कर सकते क्योंकि अगर वह बहुत अधिक रक्षात्मक हो जाता है तो वह आउट हो सकता है. बल्कि यह अच्छा है कि वह अपने शॉट्स खेलते हैं. लेकिन कई बार उसे बहुत चुनिंदा होना होगा कि कौन सा शॉट खेलना है. वह किन परिस्थितियों में जोखिम उठा सकता है या क्रीज पर टिक सकता है. जितना अधिक वह खेलेगा है, उतना ही अधिक वह सीखेगा. ऐसा नहीं है कि हमेशा तेज रन की जरूरत होती है. कई बार आपको क्रीज पर टिकना पड़ता है.''

ऋषभ पंत
ऋषभ पंत

अंत में पुजारा ने कहा, ''जब वह क्रीज पर होता है, तो स्कोरबोर्ड लगातार चलता है. ऐसा नहीं है जब वह वहां रहता है तो वह बहुत रक्षात्मक हो जाएगा. चीजों को संतुलित करना उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है. मेरे लिए यह आसान हो जाता है जब वह शॉट खेलना शुरू करता है तो गेंदबाज दबाव में आते हैं. दूसरे छोर से जब मुझे स्ट्राइक मिलती है, तो मैं अपना खेल खेलता रहता हूं. दबाव विपक्ष को मिलता है और हम अच्छी साझेदारी बनाने में सक्षम होते हैं.''

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