मुंबई : भारतीय क्रिकेट टीम के हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा कर दी है. युवराज सिंह ने आज अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और इस बात की जानकारी दी. आज रिटायरमेंट के वक्त युवराज सिंह ने मीडिया से कई भावुक बातें कीं. उन्होंने टीम इंडिया में अपने दोस्तों के बारे में बातें कीं, अपने पिता के साथ अपने रिश्ते के बारे में बात की, विश्व कप 2011, कैंसर और किस खिलाड़ी में अपनी छवि देखते हैं, ये भी बताया.
युवराज सिंह से जब पूछा गया कि वे किस खिलाड़ी में अपनी छवि देखते हैं तो इस सवाल पर युवी ने बताया कि वे ऋषभ पंत में अपनी छवि देखते हैं और उनको भरोसा है कि पंत उनसे भी आगे निकलेंगे. युवराज सिंह ने बताया कि वे अपनी जिंदगी पर किताब लिखेंगे और उनकी जिंदगी पर फिल्म भी बनेगी और वे खुद अपनी बायोपिक में एक्टिंग करना चाहेंगे.युवराज सिंह ने बताया कि उनको कम टेस्ट मैच खेलने का मलाल हमेशा रहेगा. उन्होंने बताया कि सौरव गांगुली और एमएम धोनी की कप्तानी में उनका प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है. संन्यास के बारे में उन्होंने टीम इंडिया के कई खिलाड़ियों से बात की थी, जिसमें से आशीष नेहरा, जहीर खान, हरभजन सिंह और सचिन तेंदुलकर भी शामिल हैं.
विश्व कप 2011जीतने के बाद युवराज सिंह और एमएस धोनी उन्होंने बताया कि वे अपनी मां और पत्नी से पिछले दो साल से रिटायरमेंट के बारे में बात कर रहे थे और अपने पिता से उन्होंने जब इस बारे में बताया तो वे काफी खुश हुए और युवी के क्रिकेट करियर से काफी संतुष्ट हैं. युवराज सिंह ने बताया कि अगर उनको आईपीएल सीजन 12 में खेलने का मौका मिला होता और फिर वे संन्यास लेते तो उनको ज्यादा खुशी होती. उनको पहले से ही पता था कि वे आईपीएल सीजन 12 उनका आखिरी आईपीएल होगा.युवराज सिंह ने बताया कि वे मुथैया मुरलीधरन और ग्लेन मैक्ग्रा उनके लिए सबसे खतरनाक गेंदबाज रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि एबीडी, क्रिस गेल उनके पसंदीदा ओवरसीज खिलाड़ी हैं. उन्होंने बताया कि साल 2011 विश्व कप उनके क्रिकेट करियर का सबसे खास लम्हा था. उसमें वे मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी बने थे.
विश्व कप 2011 के साथ युवराज सिंह आपको बता दें कि युवराज सिंह ने अपने वनडे करियर की शुरुआत साल 2000 में की थी. वे साल 2007 टी-20 विश्व कप और साल 2011 विश्व कप के स्टार खिलाड़ी रहे थे.