नई दिल्ली: तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी , ईशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह और उमेश यादव की तेज गेंदबाजों की चौकड़ी यकीनन भारत का सर्वश्रेष्ठ आक्रमण है जो टीम की विदेश में सफलता में काफी अहम रहा है. भारत ने जब गाबा में जीत से ऑस्ट्रेलिया में लगातार दूसरी टेस्ट सीरीज अपने नाम की तो हालांकि इनमें से कोई भी उपलब्ध नहीं था.
लेकिन मोहम्मद सिराज जैसा युवा अपनी पदार्पण सीरीज में आक्रमण का अगुआ बना और चोटिल गेंदबाजों की अनुपस्थिति में नेट गेंदबाज जैसे शारदुल ठाकुर, टी नटराजन और वाशिंगटन सुंदर को मौके मिले जिसका उन्होंने पूरा फायदा उठाया.
शमी कलाई की चोट के कारण एडीलेड टेस्ट के बाद सीरीज से बाहर हो गए थे, उन्होंने एक समाचार एजेंसी से कहा, ‘‘जब हमारा संन्यास लेने का समय आयेगा तो युवा हमारी जगह लेने के लिए तैयार होंगे. वे जितना अधिक खेलेंगे, उतना ही बेहतर होंगे. मुझे लगता है कि जब हम संन्यास लेंगे तो बदलाव का दौर काफी आसान रहेगा.''
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उन्होंने कहा, ''अगर एक बड़ा खिलाड़ी संन्यास लेगा तो टीम को कोई परेशानी नहीं होगी. बेंच तैयार है. अनुभव हमेशा ही जरूरी होता है और युवा इस दौरान अनुभव हासिल कर लेंगे.'' शमी ने कहा, ''नेट गेंदबाजों को 'बायो बबल' के माहौल में ले जाने से उन्हें काफी फायदा मिला और उन्हें काफी अहम मौके मिले.''
कार्तिक त्यागी को छोड़कर ऑस्ट्रेलिया गई भारत की विशाल टीम के सभी गेंदबाजों को मुश्किल परिस्थितियों में खेलने का मौका मिला क्योंकि शमी, बुमराह और उमेश सीरीज के दौरान चोटिल हो गये थे जबकि ईशांत दौरे पर गए ही नहीं थे.