नई दिल्ली: सौरव गांगुली जब भारतीय टीम के कप्तान थे तब वो भारत के 2004 में एतिहासिक पाकिस्तान दौरे के लिए महेंद्र सिंह धोनी को टीम में चाहते थे लेकिन विकेटकीपर-बल्लेबाज बहुत करीब से टीम में आने से चूक गए. इस बात का खुलासा टीम के उस समय के कोच जॉन राइट ने किया.
तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए पार्थिव पटेल को चुना गया और पांच मैचों की वनडे सीरीज में राहुल द्रविड़ ने विकेटकीपिंग की.
राइट ने कहा, "धोनी 2004 में पाकिस्तान दौरे के लिए लगभग टीम में आ ही गए थे. गांगुली उन्हें बड़ी शिद्दत से टीम में चाहते थे. वो सीमारेखा पर थे, और यह ऐसा फैसला था जो कहीं भी जा सकता था. लेकिन जैसा हुआ, हमने एक सफल टेस्ट टीम चुनी और धोनी उसमें नहीं थे."
भारत ने 15 साल बाद पाकिस्तान में खेली गई टेस्ट सीरीज को 2-1 से जीता और वनडे सीरीज पर 3-2 से कब्जा जमाया।
2000 से 2005 तक टीम के कोच रहे राइट ने कहा, "ये वो समय था जब धोनी राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आने लगे थे. गांगुली उनके बारे में काफी अच्छी बातें कहते थे और जो भी युवा टीम में आता वो उसका हौसला बढ़ाते थे. लेकिन आप नहीं जानते कि चीजें कैसे किस तरफ करवट ले लें. मैंने तब धोनी के बारे में पहली बार सुना था."
धोनी ने दिसंबर-2004 में बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव में वनडे में पदार्पण किया. दिसंबर-2005 में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ चेन्नई में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच खेला.
यहां से धोनी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और बाद में चलकर वो देश के महानतम कप्तानों में से एक बने.