लंदन : फिक्सिंग को गंभीरता से लेते हुए आईसीसी ने कई सख्त कदम उठाए हैं. विश्वकप में ऐसा पहली बार होगा कि प्रत्येक टीम के साथ एक एसीयू अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो हमेशा टीम के साथ रहेगा और टीम पर नजरें बनाए रखेगा.
इसके पीछे मकसद खिलाड़ियों और एसीयू के संबंधों को बेहतर करना है ताकि खिलाड़ी एसीयू से अपनी बात आसानी से कह सके. एलेक्स ने टूर्नामेंट से पहले कहा है, "इस विश्वकप की सबसे अच्छी बात ये है कि मैं इस बात की गारंटी दे सकता हूं कि हर टीम जानती है कि खतरा क्या है और वह जानते हैं कि उन्हें समस्या से किस तरह से दूर रहना है."
इनमें से कोई भी मौजूदा खिलाड़ी नहीं
उन्होंने कहा, "आखिरी के 18 महीनों में हमने 14 से 15 लोगों को आरोपी बनाया है. इनमें से कोई भी मौजूदा खिलाड़ी नहीं है. जिन लोगों पर आरोप लगे हैं उनमें प्रशासक, सीनियर अधिकारी, बोर्ड अधिकारी, प्रशिक्षक, पूर्व खिलाड़ी और विश्लेषक हैं। यह वो लोग हैं जो टीम के करीब थे ना कि खिलाड़ियों के समूह में."
टीम के साथ साल भर से किसी तरह जुड़े रहे हैं
उन्होंने इस विश्वकप के बारे में बात करते हुए कहा, "जब भ्रष्टाचारी लोग इस विश्वकप को देखेंगे तो वह देखेंगे कि ये काफी पेशेवर, सही तरीके से आयोजित और संचालित किया जाने वाला टूर्नामेंट है. ये भ्रष्टाराचारियों के लिए पास आने के लिए काफी मुश्किल टूर्नामेंट है."
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हर टीम के साथ एक एसीयू अधिकारी नियुक्त करने के बारे में मार्शल ने कहा, "ये मेरे लोग हैं जिन्होंने पूरे विश्व में काम किया है और आमतौर पर ऐसे लोग हैं जो टीम के साथ साल भर से किसी तरह जुड़े रहे हैं और उनका टीम के खिलाड़ियों तथा स्टाफ के साथ अच्छे संबंध हैं. हमारा काम टीम के साथ मैदान पर और जहां वो रूके हैं वहां पर है."