नई दिल्ली: दिल्ली एवं डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन की सालाना बैठक में दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई है जिसके बाद दिल्ली के भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने सौरव गांगुली को ट्वीट कर इसे भंग करने की मांग की है.
गौतम गंभीर ने कहा कि, "डीडीसीए हद से बाहर चला गया है. पूरा डीडीसीए के शर्मनाक काम किया है. गौतम गंभीर ने मांग की है कि डीडीसीए को तत्काल खत्म कर दिया जाए. साथ ही इसमें शामिल दोषियों पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया जाए."
-
DDCA GOES “ALL OUT”...AND DDCA IS ALL OUT FOR A SHAMEFUL DUCK. Look, how handful of crooks are making mockery of an institution. I’d urge @BCCI @SGanguly99 @JayShah to dissolve @delhi_cricket immediately. Surely, sanctions or even a life ban for those involved. pic.twitter.com/yg0Z1kfux9
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) December 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">DDCA GOES “ALL OUT”...AND DDCA IS ALL OUT FOR A SHAMEFUL DUCK. Look, how handful of crooks are making mockery of an institution. I’d urge @BCCI @SGanguly99 @JayShah to dissolve @delhi_cricket immediately. Surely, sanctions or even a life ban for those involved. pic.twitter.com/yg0Z1kfux9
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) December 29, 2019DDCA GOES “ALL OUT”...AND DDCA IS ALL OUT FOR A SHAMEFUL DUCK. Look, how handful of crooks are making mockery of an institution. I’d urge @BCCI @SGanguly99 @JayShah to dissolve @delhi_cricket immediately. Surely, sanctions or even a life ban for those involved. pic.twitter.com/yg0Z1kfux9
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) December 29, 2019
मारपीट का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है. वायरल वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि आगे की पंक्ति में बैठे कुछ लोग सामने आते हैं और आपस में उलझ जाते हैं. लोग एक-दूसरे पर बुरी तरह झपटते हैं और धक्का-मक्की करते हैं.
चुनाव होंगे 13 जनवरी को
एजीएम में न्यायमूर्ति दीपक वर्मा को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) का नया लोकपाल नियुक्त किया गया है. एजीएम में फैसला लिया गया कि नए अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 13 जनवरी को होगा.
डीडीसीए निदेशक संजय भारद्वाज ने मीडिया से कहा, "हमारे पास पांच बिंदु थे. हमने सभी को लागू कर दिया. हां, कुछ मुद्दों पर बहस हुई लेकिन कोई विशेष चर्चा योग्य नहीं है."