हैदराबाद: भारतीय टीम के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत ने कहा कि साल 2013 में गिरफ्तारी के बाद उन्हें आतंकवादियों के वार्ड में ले जाया गया था.
एक क्रिकेट वेबसाइट के साथ वीडियो लाइव के दौरान श्रीसंत ने बताया कि उनसे दिल्ली पुलिस रोजाना 16-17 घंटे पूछताछ करती थी और उन्हें उनके परिवार से भी मिलने नहीं दिया जाता था.
उनसे दिल्ली पुलिस रोजाना 16-17 घंटे पूछताछ करती थी और उन्हें उनके परिवार से भी मिलने नहीं दिया जाता था.
श्रीसंत ने कहा, "अगर तुम मेरी जान लोगे तो इसमें बस कुछ सेकेंड लगेंगे. उस दिन मैच पार्टी चल रही थी और मुझे आतंकियों के वार्ड में ले जाया गया. मुझे लगा जैसे कि मुझे बकरा बनाया गया हो."
श्रीसंत ने आगे कहा, "मुझसे 12 दिनों तक 16 से 17 घंटे पूछताछ हुई, मैं उस समय अपने परिवार के बारे में सोचता था. कुछ दिन बाद मेरा भाई मुझसे मिलने आया और फिर मुझे पता चला कि मेरा परिवार सही है. उस मुश्किल वक्त में मेरे परिवार ने मेरा साथ दिया."
उन्होंने कहा, "गंभीरता से कहूं तो हर लड़ाई जीतना अहम है. हर व्यक्ति अपनी लड़ाई लड़ रहा है. अगर सचिन तेंदुलकर भी एक मैच में शतक बनाते हैं तो उन्हें अगले मैच में शून्य से शुरू करना पड़ता है."
तेज गेंदबाज ने ये भी कहा कि वो भाग्यशाली हैं कि उनकी जेल जाते और जेल से बाहर आते किसी ने फोटो नहीं खींची. श्रीसंत ने कहा कि उनके बच्चों को कम से कम ऐसी फोटो देखनी नहीं पड़ेंगी.
बता दें कि साल 2013 में उन्हें आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस में गिरफ्तार किया गया था. 37 वर्षीय श्रीसंत ने भारत के लिए 27 टेस्ट, 53 वनडे और 10 टी-20 खेले हैं जिसमें उन्होंने क्रमशः 87, 75 और 7 विकेट लिए हैं.