लंदन: इंग्लैंड के पूर्व अंडर-19 कप्तान अजीम रफीक ने कहा है कि जब वो काउंटी क्रिकेट क्लब यार्कशायर के लिए खेल रहे थे तो संस्थागत नस्लवाद के कारण वो आत्महत्या करने के बारे में भी सोचने लगे थे.
रफीक ने कहा, "मैं जानता हूं कि मैं यार्कशायर में अपने खेलने के दिनों के दौरान आत्महत्या करने के कितने करीब था. मैं अपने परिवार के पेशेवर क्रिकेटर के सपने को साकार कर रहा था, लेकिन अंदर से मैं मर रहा था. मैं काम पर जाते हुए डरता था. मैं हर दिन दर्द में रहता था."
उन्होंने कहा, "कई बार मैंने कोशिश की और उसमें फिट होने के लिए. एक मुस्लिम के रूप में, जब मैं पीछे देखता हूं तो अफसोस करता हूं. मुझे इस पर बिल्कुल भी गर्व नहीं है. लेकिन जैसे ही मैंने अंदर जाने की कोशिश करना बंद किया, मैं एक बाहरी व्यक्ति था. स्टाफ में कोई कोच नहीं था जो इस बात को समझ सकता कि ये कैसा महसूस होता है."
पाकिस्तान के कराची में जन्मे रफीक ने कहा, "जो परवाह करता है, ये किसी के लिए भी स्पष्ट है कि इसमें समस्या है. क्या मैं सोचता हूं कि वहां संस्थागत नस्लवाद होता था? मेरी राय में ये तब शिखर पर थी. ये पहले से कहीं ज्यादा बदतर थी."
उन्होंने साथ ही कहा, "मेरा मानना है कि क्लब संस्थागत नस्लवादी है और मुझे नहीं लगता कि वे इस तथ्य को स्वीकारने के लिए तैयार हैं या फिर इसमें बदलाव के इच्छुक हैं."
अजीम रफीक किसी भी स्तर पर इंग्लैंड क्रिकेट टीम की कप्तानी करने वाले एशियाई पृष्ठभूमि के पहले यॉर्कशायर क्रिकेट खिलाड़ी थे.