एडिलेड : भारतीय कप्तान विराट कोहली अपनी टीम द्वारा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अब तक के सबसे कम टेस्ट स्कोर 36 रन के 'खराब बल्लेबाजी प्रदर्शन' को याद नहीं करना चाहते और उन्होंने लोगों से 'तिल का ताड़' नहीं बनाने का आग्रह किया. उन्होंने बल्लेबाजों में 'जज्बे की कमी' के बारे में बात की. भारतीय कप्तान ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन दिन की शुरुआत 62 रन की बढ़त के साथ करने के बाद भी मयंक अग्रवाल (40 गेंद में 9 रन) के खेलने के तरीके पर सवाल उठे.
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कोहली ने पहले टेस्ट को 8 विकेट से गंवाने के बाद कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमने कभी इससे बदतर बल्लेबाजी प्रदर्शन किया है. इसलिए हम यहां से केवल आगे आगे बढ़ सकते हैं और आप देखेंगे कि खिलाड़ी इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. भारतीय कप्तान ने टीम का बचाव करने की पूरी कोशिश की लेकिन विदेश में इस साल लगातार छठी टेस्ट पारी में टीम के 250 से कम स्कोर के बाद बल्लेबाजी का बचाव करना मुश्किल था.
उन्होंने कहा कि ईमानदारी से अपने विचार रखूं तो यह अजीब है. गेंद में ज्यादा हरकत नहीं थी लेकिन हम में मैच को आगे ले जाने का जज्बा नहीं दिखाया. भारतीय पारी के महज 21.2 ओवर में सिमटने पर उन्होंने कहा कि सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि कोई कुछ समझ नहीं पाया. कोहली की कप्तानी में 2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे को छोड़ दे तो भारतीय पारी कई बार ताश के पत्तों की तरह बिखरी है. इस साल न्यूजीलैंड के बाद यह लगातार छठी पारी है जब टीम बड़ा स्कोर खड़ा करने में नाकाम रही. कोहली को हालांकि इसमें कुछ भी चिंताजनक नहीं लगा रहा.
कोहली ने कहा मुझे नहीं लगता कि यह चिंताजनक है और हम यहां बैठ कर तिल का ताड़ बना सकते है लेकिन यह चीजों को सही नजरिए से देखने के बारे में है. दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में लगभग 15 पारियों में भारतीय बल्लेबाजी सस्ते में निपटी है लेकिन भारतीय कप्तान को पिछले आठ-नौ वर्षों में ऐसी छह पारियां ही याद है.
उन्होंने कहा कि अगर मैं गलत नहीं हूं तो आप ने आठ-नौ वर्षों में सिर्फ पांच या छह बार बल्लेबाजी बिखरने के बारे में बात की. ऐसा बार-बार संभव है और हमें अपनी गलती स्वीकार कर देखना होगा कि किस पहलू पर काम करना है.
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उन्होंने कहा कि हम ने पर्याप्त क्रिकेट खेला है कि यह समझ सके की मैच के विभिन्न चरणों में क्या करना है. यह सिर्फ तीसरे दिन की योजना को सही तरीके से मैदान पर नहीं उतारने के बारे में है. मुझे नहीं लगता कि कोई मानसिक थकान के कारण हुआ. जोश हेजलवुड और पैट कमिंस शानदार लाइन और लेंथ से गेंदबाजी की लेकिन भारतीय कप्तान ने महसूस किया कि उन्होंने पहली पारी की तुलना में कुछ अलग नहीं किया.