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BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली के बारे में जानिए रोचक बातें

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने बीसीसीआई का अध्यक्ष पद संभाल लिया है. 47 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर अगले साल सितंबर 2020 में अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. जानिए गांगुली की जिंदगी से जुड़ी कुछ रोचक बातें.

bcci president sourav ganguly
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Published : Oct 23, 2019, 9:24 PM IST

Updated : Oct 23, 2019, 9:40 PM IST

हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट में अपनी आक्रामक कप्तानी के साथ एक नए युग की शुरुआत करने वाले गांगुली BCCI में शीर्ष पद संभालने वाले दूसरे भारतीय कप्तान होंगे. बीसीसीआई के अध्यक्ष बनने वाले एकमात्र अन्य भारतीय कप्तान विजयनग्राम या विज्जी के महाराजकुमार थे, जिन्होंने 1936 में इंग्लैंड दौरे के दौरान 3 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का नेतृत्व किया थ. वे 1954 में बीसीसीआई के अध्यक्ष बने.

BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली के बारे में जानिए रोचक बातें


गांगुली के बारे में जानिए रोचक बातें ( ऑफ फील्ड )

  • सौरव गांगुली को प्रिंस ऑफ कोलकाता के नाम का टाइटल भी मिला है. ये उपाधि इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ज्योफ्री बायकॉट ने गांगुली को दी थी लेकिन उससे पहले सौरव को उनके पिता द्वारा बचपन में उन्हें 'महाराज' का उपनाम दिया गया था.
  • एक सफल क्रिकेटर बनने से पहले भी गांगुली कोलकाता में सबसे अमीर और प्रसिद्ध परिवारों में से एक थे. क्योंकि उनके पिता चंडीदास गांगुली के पास एक प्रिंटिंग का बिजनेस था और ये पूरे एशिया में तीसरा सबसे बड़ा था. दक्षिणी कलकत्ता के उपनगर, बेहाला में सौरव के संयुक्त परिवार के घर में लगभग 30 रहने वाले सदस्य हैं, जिनमें 45 से अधिक कमरे हैं
    bcci president sourav ganguly
    सौरव गांगुली (फाइल फोटो)
  • अपने प्रशंसकों द्वारा प्यार से 'दादा' कहे जाने वाले गांगुली बचपन से ही दाएं हाथ का उपयोग लिखते, खाते और गेंदबाजी करते हुए करते थे.
  • अपने शुरुआती दिनों में भी दाएं हाथ के बल्लेबाज थे लेकिन उनके बड़े भाई स्नेहाशीष बाएं हाथ के बल्लेबाज थे. जिसकी वजह से गांगुली को दाएं हाथ की जगह अपने बाएं हाथ का इस्तेमाल करना पड़ा. ताकि वो अपने बड़े भाई की किट का उपयोग कर सकें.
  • गांगुली के भाई के पास अभ्यास करने के लिए उनके घर पर एक इनडोर मल्टी-जिम और एक कंकरीट का विकेट था. पश्चिम बंगाल में गांगुली के नाम पर एक सड़क है. पश्चिम बंगाल के उत्‍तरी 24 परगना जिले में सौरव गांगुली के नाम पर डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क है.
  • बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव खाने के काफी शौकीन है. कोलकाता में उनका 'सौरव द पवेलियन' नाम से एक रेस्त्रां भी है. जिसका उद्घाटन उनके अच्छे मित्र दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने किया था. सौरव एक धार्मिक व्यक्ति है और हर मंगलवार को उपवास रखता है.
    bcci president sourav ganguly
    सौरव गांगुली का क्रिकेट करियर

VIDEO: जानिए गांगुली की क्रिकेटर से BCCI अध्यक्ष बनने तक की कहानी


गांगुली के बारे में जानिए रोचक बातें ( ऑन फील्ड )

  • सौरव ने 1989/90 सीज़न में बंगाल के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया और रणजी ट्रॉफी टीम में अपने बड़े भाई स्नेहाशीष की जगह ली, जिन्हें खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर कर दिया गया था.
  • गांगुली ने 1992 में ब्रिस्बेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया और उन्होंने उस मैच में केवल तीन रन बनाए. अपने डेब्यू मैच के बाद गांगुली को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से चार साल तक दूर रखा गया. गांगुली को लेकर अफवाहें थी कि उनको एटीट्यूड की समस्या थी और वो साथी खिलाड़ियों के लिए ड्रिंक्स भी नहीं ले जाते थे.
  • 1992 में भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद गांगुली ने अपने घर पर अभ्यास करने के लिए एक गेंदबाजी मशीन खरीदी और उनको इसका फल भी मिला, क्योंकि उन्होंने 1996 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू की पहली पारी में शतक लगा दिया था.
  • गांगुली ने जून 1996 में लॉर्ड्स में अपने पदार्पण पर 131 रन बनाए, जो लॉर्ड्स में किसी भी अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण खिलाड़ी द्वारा अब तक का सर्वोच्च स्कोर है.
  • 2003 के विश्व कप के दौरान सौरव विश्व कप के नॉकआउट मैच में शतक बनाने वाले पहले भारतीय बने. 2003 के वर्ल्डकप सेमीफाइनल में गांगुली ने केन्या के खिलाफ 111 रनों की नाबाद पारी खेली जो वर्ल्डकप नॉकआउट चरण में किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा पहला शतक था.
  • ये सभी जानते हैं कि मोहम्मद अजहरुद्दीन, गांगुली के पहले अंतरराष्ट्रीय कप्तान थे लेकिन ये कम लोग जानते हैं कि गांगुली अजहरुद्दीन के अंतिम अंतरराष्ट्रीय कप्तान थे.
  • अजहरुद्दीन ने सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला लेकिन सौरव के वनडे फॉर्मेट में कप्तान बनने के बाद अजहरुद्दीन ने 11 वनडे मैच खेले.
    bcci president sourav ganguly
    सौरव गांगुली (फाइल फोटो)

BCCI के अध्यक्ष का क्या काम होता है ? जानिए गांगुली के रोल के बारे में पूरी जानकारी


बाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में गांगुली ने भारत के लिए सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाए

  • सौरव गांगुली ने भारत की ओर से खेलते हुए 113 टेस्ट मैचों में 7,212 रन बनाए हैं, जबकी 311 वनडे मैचों में उन्होंने 22 शतक की मदद से 11,363 रन बनाए.
  • गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक भारतीय बाएं हाथ के बल्लेबाज द्वारा सर्वाधिक शतक बनाए हैं. उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के दौरान 38 शतक (टेस्ट में 16 और वनडे में 22) लगाया.
  • गांगुली ने टेस्ट मैच में जब भी शतक लगाया टीम ने वो मैच नहीं गंवाया. टेस्ट में उनके द्वारा लगाए गए 16 शतकों में 12 टेस्ट ड्रा रहे और 4 टेस्ट मैच टीम ने जीते.
  • गांगुली का टेस्ट करियर औसत 42.17 है और दिलचस्प बात ये है कि उनके टेस्ट करियर के दौरान उनका टेस्ट औसत कभी भी 40 से नीचे नहीं आया.
  • केवल एक बार गांगुली ने टेस्ट में 1997-98 में बतौर ओपनर बल्लेबाजी की थी. वनडे क्रिकेट में गांगुली 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करने सिर्फ एक बार आए थे. ये मैच 17 सितंबर 1996 को टोरंटो में पाकिस्तान के खिलाफ था. उस मैच में गांगुली 11 रन बनाकर नॉट आउट रहे.
  • सौरव वनडे क्रिकेट इतिहास में 10,000 रन, 100 विकेट और 100 कैच लेने वाले दुनिया के पांच खिलाड़ियों में से एक हैं, इस लिस्ट में तेंदुलकर, कालिस, सनथ जयसूर्या और तिलकरत्ने दिलशान हैं.

हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट में अपनी आक्रामक कप्तानी के साथ एक नए युग की शुरुआत करने वाले गांगुली BCCI में शीर्ष पद संभालने वाले दूसरे भारतीय कप्तान होंगे. बीसीसीआई के अध्यक्ष बनने वाले एकमात्र अन्य भारतीय कप्तान विजयनग्राम या विज्जी के महाराजकुमार थे, जिन्होंने 1936 में इंग्लैंड दौरे के दौरान 3 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का नेतृत्व किया थ. वे 1954 में बीसीसीआई के अध्यक्ष बने.

BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली के बारे में जानिए रोचक बातें


गांगुली के बारे में जानिए रोचक बातें ( ऑफ फील्ड )

  • सौरव गांगुली को प्रिंस ऑफ कोलकाता के नाम का टाइटल भी मिला है. ये उपाधि इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ज्योफ्री बायकॉट ने गांगुली को दी थी लेकिन उससे पहले सौरव को उनके पिता द्वारा बचपन में उन्हें 'महाराज' का उपनाम दिया गया था.
  • एक सफल क्रिकेटर बनने से पहले भी गांगुली कोलकाता में सबसे अमीर और प्रसिद्ध परिवारों में से एक थे. क्योंकि उनके पिता चंडीदास गांगुली के पास एक प्रिंटिंग का बिजनेस था और ये पूरे एशिया में तीसरा सबसे बड़ा था. दक्षिणी कलकत्ता के उपनगर, बेहाला में सौरव के संयुक्त परिवार के घर में लगभग 30 रहने वाले सदस्य हैं, जिनमें 45 से अधिक कमरे हैं
    bcci president sourav ganguly
    सौरव गांगुली (फाइल फोटो)
  • अपने प्रशंसकों द्वारा प्यार से 'दादा' कहे जाने वाले गांगुली बचपन से ही दाएं हाथ का उपयोग लिखते, खाते और गेंदबाजी करते हुए करते थे.
  • अपने शुरुआती दिनों में भी दाएं हाथ के बल्लेबाज थे लेकिन उनके बड़े भाई स्नेहाशीष बाएं हाथ के बल्लेबाज थे. जिसकी वजह से गांगुली को दाएं हाथ की जगह अपने बाएं हाथ का इस्तेमाल करना पड़ा. ताकि वो अपने बड़े भाई की किट का उपयोग कर सकें.
  • गांगुली के भाई के पास अभ्यास करने के लिए उनके घर पर एक इनडोर मल्टी-जिम और एक कंकरीट का विकेट था. पश्चिम बंगाल में गांगुली के नाम पर एक सड़क है. पश्चिम बंगाल के उत्‍तरी 24 परगना जिले में सौरव गांगुली के नाम पर डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क है.
  • बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव खाने के काफी शौकीन है. कोलकाता में उनका 'सौरव द पवेलियन' नाम से एक रेस्त्रां भी है. जिसका उद्घाटन उनके अच्छे मित्र दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने किया था. सौरव एक धार्मिक व्यक्ति है और हर मंगलवार को उपवास रखता है.
    bcci president sourav ganguly
    सौरव गांगुली का क्रिकेट करियर

VIDEO: जानिए गांगुली की क्रिकेटर से BCCI अध्यक्ष बनने तक की कहानी


गांगुली के बारे में जानिए रोचक बातें ( ऑन फील्ड )

  • सौरव ने 1989/90 सीज़न में बंगाल के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया और रणजी ट्रॉफी टीम में अपने बड़े भाई स्नेहाशीष की जगह ली, जिन्हें खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर कर दिया गया था.
  • गांगुली ने 1992 में ब्रिस्बेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया और उन्होंने उस मैच में केवल तीन रन बनाए. अपने डेब्यू मैच के बाद गांगुली को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से चार साल तक दूर रखा गया. गांगुली को लेकर अफवाहें थी कि उनको एटीट्यूड की समस्या थी और वो साथी खिलाड़ियों के लिए ड्रिंक्स भी नहीं ले जाते थे.
  • 1992 में भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद गांगुली ने अपने घर पर अभ्यास करने के लिए एक गेंदबाजी मशीन खरीदी और उनको इसका फल भी मिला, क्योंकि उन्होंने 1996 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू की पहली पारी में शतक लगा दिया था.
  • गांगुली ने जून 1996 में लॉर्ड्स में अपने पदार्पण पर 131 रन बनाए, जो लॉर्ड्स में किसी भी अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण खिलाड़ी द्वारा अब तक का सर्वोच्च स्कोर है.
  • 2003 के विश्व कप के दौरान सौरव विश्व कप के नॉकआउट मैच में शतक बनाने वाले पहले भारतीय बने. 2003 के वर्ल्डकप सेमीफाइनल में गांगुली ने केन्या के खिलाफ 111 रनों की नाबाद पारी खेली जो वर्ल्डकप नॉकआउट चरण में किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा पहला शतक था.
  • ये सभी जानते हैं कि मोहम्मद अजहरुद्दीन, गांगुली के पहले अंतरराष्ट्रीय कप्तान थे लेकिन ये कम लोग जानते हैं कि गांगुली अजहरुद्दीन के अंतिम अंतरराष्ट्रीय कप्तान थे.
  • अजहरुद्दीन ने सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला लेकिन सौरव के वनडे फॉर्मेट में कप्तान बनने के बाद अजहरुद्दीन ने 11 वनडे मैच खेले.
    bcci president sourav ganguly
    सौरव गांगुली (फाइल फोटो)

BCCI के अध्यक्ष का क्या काम होता है ? जानिए गांगुली के रोल के बारे में पूरी जानकारी


बाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में गांगुली ने भारत के लिए सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाए

  • सौरव गांगुली ने भारत की ओर से खेलते हुए 113 टेस्ट मैचों में 7,212 रन बनाए हैं, जबकी 311 वनडे मैचों में उन्होंने 22 शतक की मदद से 11,363 रन बनाए.
  • गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक भारतीय बाएं हाथ के बल्लेबाज द्वारा सर्वाधिक शतक बनाए हैं. उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के दौरान 38 शतक (टेस्ट में 16 और वनडे में 22) लगाया.
  • गांगुली ने टेस्ट मैच में जब भी शतक लगाया टीम ने वो मैच नहीं गंवाया. टेस्ट में उनके द्वारा लगाए गए 16 शतकों में 12 टेस्ट ड्रा रहे और 4 टेस्ट मैच टीम ने जीते.
  • गांगुली का टेस्ट करियर औसत 42.17 है और दिलचस्प बात ये है कि उनके टेस्ट करियर के दौरान उनका टेस्ट औसत कभी भी 40 से नीचे नहीं आया.
  • केवल एक बार गांगुली ने टेस्ट में 1997-98 में बतौर ओपनर बल्लेबाजी की थी. वनडे क्रिकेट में गांगुली 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करने सिर्फ एक बार आए थे. ये मैच 17 सितंबर 1996 को टोरंटो में पाकिस्तान के खिलाफ था. उस मैच में गांगुली 11 रन बनाकर नॉट आउट रहे.
  • सौरव वनडे क्रिकेट इतिहास में 10,000 रन, 100 विकेट और 100 कैच लेने वाले दुनिया के पांच खिलाड़ियों में से एक हैं, इस लिस्ट में तेंदुलकर, कालिस, सनथ जयसूर्या और तिलकरत्ने दिलशान हैं.
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हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट में अपनी आक्रामक कप्तानी के साथ एक नए युग की शुरुआत करने वाले गांगुली BCCI में शीर्ष पद संभालने वाले दूसरे भारतीय कप्तान होंगे. बीसीसीआई के अध्यक्ष बनने वाले एकमात्र अन्य भारतीय कप्तान विजयनग्राम या विज्जी के महाराजकुमार थे, जिन्होंने 1936 में इंग्लैंड दौरे के दौरान 3 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का नेतृत्व किया थ.  वे 1954 में बीसीसीआई के अध्यक्ष बने.





गांगुली के बारे में जानिए रोचक बातें ( ऑफ फील्ड )





सौरव गांगुली को प्रिंस ऑफ कोलकाता के नाम का टाइटल भी मिला है. ये उपाधि इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ज्योफ्री बायकॉट ने गांगुली को दी थी लेकिन उससे पहले सौरव को उनके पिता द्वारा बचपन में उन्हें 'महाराज' का उपनाम दिया गया था.



एक सफल क्रिकेटर बनने से पहले भी गांगुली कोलकाता में सबसे अमीर और प्रसिद्ध परिवारों में से एक थे. क्योंकि उनके पिता चंडीदास गांगुली के पास एक प्रिंटिंग का बिजनेस था और ये पूरे एशिया में तीसरा सबसे बड़ा था. दक्षिणी कलकत्ता के उपनगर, बेहाला में सौरव के संयुक्त परिवार के घर में लगभग 30 रहने वाले सदस्य हैं, जिनमें 45 से अधिक कमरे हैं



अपने प्रशंसकों द्वारा प्यार से 'दादा' कहे जाने वाले गांगुली बचपन से ही दाएं हाथ का उपयोग लिखते, खाते और गेंदबाजी करते हुए करते थे.

अपने शुरुआती दिनों में भी दाएं हाथ के बल्लेबाज थे लेकिन उनके बड़े भाई स्नेहाशीष बाएं हाथ के बल्लेबाज थे. जिसकी वजह से गांगुली को दाएं हाथ की जगह अपने बाएं हाथ का इस्तेमाल करना पड़ा. ताकि वो अपने बड़े भाई की किट का उपयोग कर सकें.



 

गांगुली के भाई के पास अभ्यास करने के लिए उनके घर पर एक इनडोर मल्टी-जिम और एक कंकरीट का विकेट था. पश्चिम बंगाल में गांगुली के नाम पर एक सड़क है. पश्चिम बंगाल के उत्‍तरी 24 परगना जिले में सौरव गांगुली के नाम पर डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क है.



बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव खाने के काफी शौकीन है. कोलकाता में उनका 'सौरव द पवेलियन' नाम से एक रेस्त्रां भी है. जिसका उद्घाटन उनके अच्छे मित्र दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने किया था. सौरव एक धार्मिक व्यक्ति है और हर मंगलवार को उपवास रखता है.





गांगुली के बारे में जानिए रोचक बातें ( ऑन फील्ड )





सौरव ने 1989/90 सीज़न में बंगाल के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया और रणजी ट्रॉफी टीम में अपने बड़े भाई स्नेहाशीष की जगह ली, जिन्हें खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर कर दिया गया था.



गांगुली ने 1992 में ब्रिस्बेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया और उन्होंने उस मैच में केवल तीन रन बनाए. अपने डेब्यू मैच के बाद गांगुली को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से चार साल तक दूर रखा गया. गांगुली को लेकर अफवाहें थी कि उनको एटीट्यूड की समस्या थी और वो साथी खिलाड़ियों के लिए ड्रिंक्स भी नहीं ले जाते थे.



1992 में भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद गांगुली ने अपने घर पर अभ्यास करने के लिए एक गेंदबाजी मशीन खरीदी और उनको इसका फल भी मिला, क्योंकि उन्होंने 1996 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू की पहली पारी में शतक लगा दिया था.



गांगुली ने जून 1996 में लॉर्ड्स में अपने पदार्पण पर 131 रन बनाए, जो लॉर्ड्स में किसी भी अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण खिलाड़ी द्वारा अब तक का सर्वोच्च स्कोर है.





2003 के विश्व कप के दौरान सौरव विश्व कप के नॉकआउट मैच में शतक बनाने वाले पहले भारतीय बने. 2003 के वर्ल्डकप सेमीफाइनल में गांगुली ने केन्या के खिलाफ 111 रनों की नाबाद पारी खेली जो वर्ल्डकप नॉकआउट चरण में किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा पहला शतक था.



ये सभी जानते हैं कि मोहम्मद अजहरुद्दीन, गांगुली के पहले अंतरराष्ट्रीय कप्तान थे लेकिन ये कम लोग जानते हैं कि गांगुली अजहरुद्दीन के अंतिम अंतरराष्ट्रीय कप्तान थे.

अजहरुद्दीन ने सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला लेकिन सौरव के वनडे फॉर्मेट में कप्तान बनने के बाद अजहरुद्दीन ने 11 वनडे मैच खेले.







बाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में गांगुली ने भारत के लिए सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाए.



सौरव गांगुली ने भारत की ओर से खेलते हुए 113 टेस्ट मैचों में 7,212 रन बनाए हैं, जबकी 311 वनडे मैचों में उन्होंने 22 शतक की मदद से 11,363 रन बनाए.





गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक भारतीय बाएं हाथ के बल्लेबाज द्वारा सर्वाधिक शतक बनाए हैं. उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के दौरान 38 शतक (टेस्ट में 16 और वनडे में 22) लगाया.



गांगुली ने टेस्ट मैच में जब भी शतक लगाया टीम ने वो मैच नहीं गंवाया. टेस्ट में उनके द्वारा लगाए गए 16 शतकों में 12 टेस्ट ड्रा रहे और 4 टेस्ट मैच टीम ने जीते.



गांगुली का टेस्ट करियर औसत 42.17 है और दिलचस्प बात ये है कि उनके टेस्ट करियर के दौरान उनका टेस्ट औसत कभी भी 40 से नीचे नहीं आया.



केवल एक बार गांगुली ने टेस्ट में 1997-98 में बतौर ओपनर बल्लेबाजी की थी. वनडे क्रिकेट में गांगुली  8वें नंबर पर बल्लेबाजी करने सिर्फ एक बार आए थे. ये मैच 17 सितंबर 1996 को टोरंटो में पाकिस्तान के खिलाफ था. उस मैच में गांगुली 11 रन बनाकर नॉट आउट रहे.



सौरव वनडे क्रिकेट इतिहास में 10,000 रन, 100 विकेट और 100 कैच लेने वाले दुनिया के पांच खिलाड़ियों में से एक हैं, इस लिस्ट में तेंदुलकर, कालिस, सनथ जयसूर्या और तिलकरत्ने दिलशान हैं.


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Last Updated : Oct 23, 2019, 9:40 PM IST
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