हैदराबाद : इस बात में कोई दोराय नहीं है कि भारत ने दुनिया को बेहतरीन क्रिकेटर्स दिए हैं और आज भी दे रहा है. कई क्रिकेटर तो अपने देश के लिए खेलते ही हैं लेकिन कई ऐसे धाकड़ क्रिकेटर्स भी दुनिया में हैं जो भारतीय मूल के हैं लेकिन दूसरे देश की टीम की ओर से खेलते हैं.
यहां दस ऐसे क्रिकेटर्स की लिस्ट है जो भारतीय हैं लेकिन दूसरे देश की टीम की ओर से खेल कर क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ चुके है.
नासिर हुसैन (इंग्लैंड)
नासिर का साल 1968 में जन्म चेन्नई में हुआ था लेकिन जब छोटे थे तब उनका परिवार इंग्लैंड शिफ्ट हो गया था. उन्होंने साल 1990 में डेब्यू किया, वे साल 1999 में इंग्लैंड के कप्तान भी बने. उन्होंने इंग्लैंड के लिए 96 टेस्ट, 88 वनडे खेला. उन्होंने टेस्ट क्रिकट में 5764 रन और वनडे में 2332 रन बनाए थे. उनके नाम 15 शतक भी हैं. उन्होंने साल 2004 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. मजे की बात तो ये है कि उन्होंने अपने बचपन में तमिल नाडुक के लिए कई फर्स्ट क्लास मैच खेले थे.
बॉब वूल्मर (इंग्लैंड)
वूल्मर का जन्म 14 मई 1948 में कानपुर में हुआ था. उनके पिता क्लैरेंस भी एक क्रिकेटर थे जो यूनाइटेड प्रोविंसेज (अब उत्तर प्रदेश) के लिए रणजी ट्रॉफी खेलते थे. वूल्मर ने साल 1972 में इंग्लैंड के लिए डेब्यू किया था. वे फर्स्ट क्लास के बेहतरीन खिलाड़ी थे लेकिन वे टेस्ट क्रिकेट में बेहतरीन प्रदरर्शन करने से चूंक गए थे.
उन्होंने इंग्लैंड के लिए 19 टेस्ट और छह वनडे मैच खेले थे जिसमें उन्होंने कुल मिलाकर 1080 रन बनाए थे. वे गेंदबाजी थी करते थे और उन्होंने फर्स्ट् क्लास क्रिकेट में 420 विकेट लिए थे. 1984 में उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, जिसके बाद वे साउथ अफ्रीका और पाकिस्तान के कोच बने. उनका निधन संदिग्ध तरीके से विंडीज में 2007 विश्व कप के दौरान हो गया था.
हनीफ मोहम्मद (पाकिस्तान)
द ओरिजिनल लिटिल मास्टर के नाम से मशहूर हनीफ ने पाकिस्तान के लिए साल 1952 में भारत के खिलाफ डेब्यू किया था. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में कई बड़े रिकॉर्ड्स कायम किए थे. उन्होंने इतिहास में सबसे लंबी पारी (16 घंटे) खेली थी, वे पहले ऐसे पाकिस्तानी क्रिकेटर हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ा था और तीन दशकों तक हाइएस्ट इंडिवीजुअल स्कोर 499 रन का रिकॉर्ड भी उनके नाम रहा था.
हनीफ का जन्म 21 दिसंबर 1934 में भारत के जूनागढ़ में हुआ था. उनके भाई सादिक, मुश्ताक और वजीर भी जूनागढ़ में जन्मे थे और पाकिस्तान के लिए टेस्ट क्रिकेट भी खेले थे. हनीफ ने अपने करियर में 55 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 43.98 की औसत से 12 शतक जड़े. एक समय पर विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज कहे जाते थे.
उन्होंने साल 1969 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था और साल 2013 में उन्हें पता चला था कि उनके फेफड़ो में कैंसर है. उनका निधन 11 अगस्त 2016 में 81 की उम्र में हो गया था.
मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका)
मुथैया मुरलीधरन ऐसा नाम जिसे परिचय की कोई जरूरत नहीं है. इस श्रीलंकाई खिलाड़ी के नाम 1300 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने का रिकॉर्ड है और कई लोग मानते हैं वे ग्रेटेस्ट स्पिनर ऑफ ऑल टाइम हैं.
हालांकि कई लोगों को पता नहीं होगा कि मुरली का परिवार चेन्नई का रहने वाला है. उनके पूर्वज काम की तलाश में श्रीलंका चले गए थे, लेकिन कुछ सालों बाद वे लौट आए थे. मुरली ने चेन्नई की लड़की से शादी की है. उनके पास ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया है इसलिए उनको भारत आने के लिए वीजा की जरूरत नहीं पड़ती.
शिवनरेन चंद्रपॉल (वेस्टइंडीज)
चंद्रपॉल का जन्म 16 अगस्त 1974 को गुयाना में हुआ था. वे परिवार भारतीय है. वे विंजीज के लिए 100 टेस्ट खेलने वाले पहले इंडो-कैरेबियन खिलाड़ी हैं, और वे दुनिया के तीसरे ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका अंतरराष्ट्रीय करियर दो दशक से ज्यादा रहा. उनसे पहले सचिन तेंदुलकर और सनथ जयसूर्या ने दो दशक से ज्यादा क्रिकेट खेला था.
उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 17 मार्च 1994 को विंडीज के लिए डेब्यू मैच खेला था. वे अपनी अनोखी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते रहे हैं. उन्होंने साल 2005-06 में अपनी टीम की कमान भी संभाली थी. अपने 21 साल के करियर में उन्होंने 164 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 11867 रन बनाए, जिसमें 30 शतक और 66 अर्धशतक शामिल हैं. उन्होंने वनडे में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया था. खेले गए 268 वनडे मैचों में उन्होंने 41 की एवरेज के साथ 8778 रन बनाए. इसमें 11 शतक और 59 अर्धशतक शामिल हैं. फिर उन्होंने साल 2015 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया था.
मॉन्टी पनेसर (इंग्लैंड)
पनेसर का जन्म 25 अप्रैल 1982 को लुटोन में भारतीय परिवार में हुआ था. उनका परिवार पंजाब से इंग्लैंड शिफ्ट हो गया था. मजे की बात ये है कि मॉन्टी इकलौते ऐसे सिख खिलाड़ी हैं जिन्होंने इंग्लैंड के लिए काफी लंबे समय तक खेला है.
लेफ्ट आर्म स्पिनर मॉन्टी ने अपना टेस्ट डेब्यू मैच साल 2006 में भारत के खिलाफ नागपुर में खेला था और साल 2007 में उनका वनडे डेब्यू हुआ था.
पनेसर ने इंग्लैंड के लिए 50 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 167 विकेट लिए जिसमें 12 फाइफर शामिल हैं.
हाशिम अमला (साउथ अफ्रीका)
31 मार्च 1983 में डरबन में हाशिम अमला का जन्म हुआ था. उनका जन्म भले ही विदेश में हुआ हो लेकिन वे मूल रूप से भारत के गुजरात से हैं. उनके पूर्व कई सालों पहले दक्षिण अफ्रीका शिफ्ट हो गए थे. अमला के पूर्वज सूरत से मुस्लिम अंसारी थे.
अमला का डेब्यू साल 2004 में भारत के खिलाफ हुआ था. वे पहले ऐसे बल्लेबाज बने जिसने इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक (311 नाबाद) जमाया था. उन्होंने जून 2014 से जनवरी 2016 तक टेस्ट टीम की कप्तानी की थी. अमला ने 8 अगस्त 2019 को क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. उनके नाम सबसे तेजी से 2000, 3000, 4000, 5000, 6000 और 7000 वनडे रन बनाने का रिकॉर्ड बनाने का रिकॉर्ड है. उन्होंने हर टेस्ट खेलने वाले देश के खिलाफ वनडे में शतक जड़ा है.
ईश सोढ़ी (लुधियाना)
सोढ़ी का जन्म 31 अक्टूबर 1992 को पंजाब के लुधियाना में हुआ था. जब वे चार साल के थे तब उनके परिवारवाले उनको न्यूजीलैंड ले गए थे. उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 9 अक्टूबर 2013 को टेस्ट डेब्यू किया था.
गेंदबाजी के अलावा वे मिडल ऑर्डर में बल्लेबाजी भी करते हैं. अबतक उन्होंने कीवी टीम के लिए 17 टेस्ट, 33 वनडे और 45 टी-20 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने क्रमश 41, 43 और 53 विकेट लिए हैं. जनवरी 2018 में वे नंबर-1 टी-20 गेंदबाज बने थे.
सुनील नरेन (वेस्ट इंडीज)
सुनील नरेन का जन्म त्रिनिदाद में हुआ था. वे वनडे और टी-20 क्रिकेट के बेहतरीन स्पिनर माने जाते हैं. सुनील ने विंडीज के लिए साल 2011 में डेब्यू किया था. छह टेस्ट मैच खेल कर उन्होंने 21 टेस्ट विकेट लिए, 65 वनडे मैचों में वे 92 विकेट ले चुके हैं और 51 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल कर उन्होंने 52 विकेट लिए हैं.
गेंदबाजी के अलावा वे अपने बेमिसाल बल्लेबाजी के लिए भी मशहूर हैं. वे कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते हैं और वे 2012 और 2014 में चैंपियन बनी केकेआर का हिस्सा भी थे.
केशव महाराज (साउथ अफ्रीका)
केशव का जन्म डरबन में सात फरवरी 1990 को भारतीय मूल के परिवार में हुआ था. उनके पिता आत्मानंद भारतीय थे जो एक विकेटकीपर थे. केशव के पूर्वज भारतीय मूल के थे जो साल 1874 में उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से साउथ अफ्रीका चले गए थे.
केशव का डेब्यू साल 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ था. उन्होंने अपना पहला इंटरनेशनल मैच वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट एसोसिएशन (वाका) स्टेडियम में खेला था. वे पहले स्पिनर बने जिनका डेब्यू इस स्टेडियम में हुआ था. महाराज अब तक 30 टेस्ट मैच खेलकर कुल 110 टेस्ट विकेट ले चुके हैं.