नई दिल्ली : भारत के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने इंस्टाग्राम पर रोहित शर्मा के साथ बात करते हुए बताया कि 2015 विश्व कप के बाद अपनी चोट से वापसी करते हुए और निजी जीवन की पेरशानियों के बीच उन्हें अपनी एकाग्रता बनाए रखने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था.
मेरे जीवन का सबसे मुश्किल दौरा था
शमी ने कहा, "मैं 2015 विश्व कप में चोटिल हो गया था. इसके बाद मुझे 18 महीने लगे टीम में वापसी करने में और वो मेरे जीवन का सबसे मुश्किल दौरा था."
उन्होंने कहा, "आप जानते हैं कि रिहैब कितना मुश्किल होता है और उसके बाद पारिवारिक समस्याएं. ये सब चल रहा था और इसी बीच आईपीएल से 10-12 दिन पहले मेरा एक्सीडेंट हो गया था. मीडिया में काफी कुछ चल रहा था मेरे निजी मुद्दों को लेकर भी."
शमी ने अपनी वापसी के पीछे परिवार द्वारा मिले समर्थन को वजह बताया है.
सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दो
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि अगर मुझे मेरे परिवार का साथ नहीं मिलता तो मैं क्रिकेट छोड़ देता. मैंने तीन बार खुदकुशी करने के बारे में सोचा था. मेरे परिवार में से किसी को मेरे पर नजर रखने के लिए मेरे पास बैठना होता था. मेरा घर 24वें माले पर था और उन्हें लगता था कि मैं कहीं अपार्टमेंट से कूद न जाऊं."
उन्होंने कहा, "लेकिन मेरा परिवार मेरे साथ था और इससे बड़ी ताकत कुछ नहीं हो सकती. वे लोग मुझसे कह रहे थे कि हर समस्या का समाधान होता है और सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दो. जिस चीज में तुम अच्छे हो उसमें खो जाओ. इसलिए मैंने सबकुछ खो दिया. मैं नेट्स में गेंदबाजी कर रहा था. मैं रनिंग एक्सरसाइज कर रहा था. मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कर रहा था. मैं दबाव में था."
उन्होंने कहा, "अभ्यास के समय में मैं दुखी हो जाता था और मेरा परिवार मुझसे कहता था कि फोकस रहो. मेरा भाई मेरे साथ था. मेरे कुछ दोस्त मेरे साथ थे और मैं ये बात कभी नहीं भूल सकता और अगर वो लोग नहीं होते तो मैं कुछ भयानक कर जाता."