हैदराबाद: भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2017 में खेली गई चार मैचों की सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में मेहमान टीम जो चाहती थी वो हासिल करने की तरफ बढ़ रही थी और उन्हें लगा था कि वह पहले ही मैच जीत चुके हैं, जिसे वो अंत में हार गए. पुणे में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत को 333 रनों की करारी शिकस्त खानी पड़ी थी और इससे वो बैकफुट पर थी.
पुजारा ने अपनी टीम के साथी रविचंद्रन अश्विन के साथ इंस्टाग्राम पर बातचीत में कहा, "मेरे लिए पहला टेस्ट मैच जो हम हार गए थे बाद में हम एक साथ मिलकर बैठे और चर्चा की. चार मैचों की टेस्ट सीरीज में जब आप 0-1 से पीछे हो तो वापसी करना मुश्किल होता है."
बेंगलुरू में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम सस्ते में आउट हो गई थी और ऑस्ट्रेलिया ने मजबूत 87 रनों की बढ़त ले ली थी और मैच जीतने की तरफ बढ़ रही थी.
उन्होंने कहा, "बेंगलुरू टेस्ट मैच की पहली पारी में, हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की. इसलिए जब मैं बल्लेबाजी करने जा रहा था तो मुझे काफी दबाव महसूस हो रहा था. अनिल भाई (कुंबले) ने मुझसे नाथन लॉयन को खेलने के बारे में बात की. मैं एनसीए गया था और कुछ चीजों पर काम किया था जिससे मुझे मदद मिली."
इसके बाद पुजारा और रहाणे ने दूसरी पारी में बेहतरीन शतकीय साझेदारी की जिससे भारत को मदद मिली. पुजारा ने 92 रन बनाए तो वहीं रहाणे ने 52 रनों का योगदान दिया और भारत को 187 रनों का लक्ष्य रखने में मदद की.
पुजारा ने बताया, "लेकिन जब मैं बल्लेबाजी करने गया तो मुझे दबाव महसूस हुआ. जिस तरह की स्लेजिंग वो लोग कर रहे थे..मुझे लगा कि वो लोग जो चाहते हैं उसे हासिल करने में हमसे आगे हैं. उनकी प्रक्रिया ऐसी थी कि वो सोच रहे थे कि वो जीत गए हैं."
उन्होंने कहा, "चायकाल तक मैं रहाणे के साथ बल्लेबाजी कर रहा था. हम ड्रेसिंग रूम में आ रहे थे और वो ऐसे स्लेजिंग कर रहे थे जैसे जीत गए हों, मुझे लगता है कि यहीं चीजें बदल गईं."
अश्विन ने इसके बाद बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए दूसरी पारी में 41 रन देकर छह विकेट लिए. ऑस्ट्रेलिया दूसरी पारी में सिर्फ 112 रनों पर ही ढेर हो गई थी और भारत 75 रनों से मैच जीत गया था.