हैदराबाद: जब भी भारत-पाकिस्तान की बात होती है तो वो एक-दुसरे के विरोधी के तौर पर देखा जाता है, वो चाहे द्विपक्षीय संबंधों की बात हो या क्रिकेट की. बटवारे के बाद से ही ये दोनों पड़ोसी देश हर मंच में एक-दुसरे के आमने-सामने चिर-प्रतिद्वंदी के रुप में नजर आते हैं.
इस लिहाज से क्रिकेट को हमेशा अपनी ताकत दिखाने का सबसे प्रतिष्ठित जगह माना गया है. इसलिए जब भी ये दोनों एक दूसरे से टकराते हैं, वो द्विपक्षीय क्रिकेट में हों या विश्व कप में तो मैदान के बाहर की प्रतिद्वंद्विता मैदान पर नजर आती है.
अमीर सोहेल बनाम प्रसाद
साल 1996 के विश्व कप में भारत ने बैंगलोर में पाकिस्तान का सामना नॉक आउट मैच में किया था. इस मैच में जब प्रसाद और सोहेल का आमना-सामना होता है तब एक लड़ाई शुरु हो जाती है जिसकी शुरुआत तो सोहेल ने कि, लेकिन इसे जीता प्रसाद ने. प्रसाद ने इस विवाद के बाद सोहेल को बोल्ड आउट कर उसे पवेलियन का रास्ता दिखाया.
मियांदाद बनाम चेतन शर्मा
ये भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता की एक मिसाल है. पाकिस्तान के महान बल्लेबाज़ जावेद मियांदाद ने चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर पाकिस्तान को एशिया कप में जीत दिलाई जो शर्मा को जीवन भर खटकता रहा.
अख्तर बनाम हरभजन
गंभीर बनाम अफरीदी
इशांत बनाम कामरान
मोरे बनाम मियांदाद
साल 1992 में भारत और पाकिस्तान पहली बार विश्व कप में एक दूसरे से आमने-सामने आए थे. पहले ही मुकाबले में प्रशंसकों को एक अजीब सा मंजर देखने को मिला. मियांदाद ने किरन को परेशान करने के लिए उनके सामने छलांग लगा दी और वो फिर कुछ ही गेंदों में आउट हो गए. पाकिस्तान को इस मैच में हार झेलनी पड़ी थी.
इंजमाम बनाम फैंस