हैदराबाद: जब भी हम आधुनिक युग के क्रिकेट की बात करते हैं तो हमारे दिमाग में सबसे पहले जिस क्रिकेटर का नाम आता है वो कोई और नहीं बल्कि सचिन तेंदुलकर का होता है. सचिन ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान बल्लेबाजी के लगभग सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.
सचिन तेंदुलकर की महानता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी तुलना महान डॉन ब्रैडमैन के साथ की गई जाती है. ब्रैडमैन के अलावा मास्टर ब्लास्टर की तुलना क्रिकेट के दिग्गजों जॉर्ज हेडली, डुडली नोर्स, एवर्टन वीकस, ग्रीम पोलोक, जावेद मियांदाद, विव रिचर्ड्स, एलन बॉर्डर आदि से की जाती है.
हालांकि सचिन की तुलना इन सभी खिलाड़ियों से करना असंभव है क्योंकि इन सभी खिलाड़ियों ने अलग-अलग युग में क्रिकेट खेला है. लेकिन, अगर हम दक्षिण अफ्रीका के जैक कैलिस के करियर पर नजर डाले तो उनमें और सचिन में अंतर करना बहुत मुश्किल है.
क्रिकेट के महानतम ऑलराउंडरों में से एक कैलिस की तुलना अक्सर तेंदुलकर से की जाती है और कुछ लोगों की राय माने तो कैलिस को उतनी पहचान नहीं मिली जितनी सचिन को मिली. उन लोगों के मुताबित कैलिस न केवल सचिन से बेहतर खिलाड़ी हैं, बल्कि आधुनिक युग के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी हैं.
दिलचस्प बात ये है कि 2014 में पूर्व भारतीय बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा था कि कैलिस के आंकड़े और रिकॉर्ड उन्हें तेंदुलकर से बेहतर खिलाड़ी बनाते हैं.
जब गंभीर से पूछा गया था कि सचिन और कैलिस में से कौन बेहतर खिलाड़ी है तो उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि रिकॉर्ड के दृष्टिकोण से वह (कैलिस) दुनिया का सबसे महान खिलाड़ी है.”
इसके अलावा मिकी आर्थर (श्रीलंका क्रिकेट टीम के मुख्य कोच) ने भी कैलिस को सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर बताया था. आधुनिक युग में सबसे अंडर-रेटेड खिलाड़ी के बारे में पुछे जाने पर उन्होंने कहा, “क्या आप रिकी पोंटिंग और ब्रेट ली को एक खिलाड़ी के रूप में देखने की कल्पना कर सकते हैं? कैलिस वैसे ही खिलाड़ी हैं.”
आंकड़ों का खेल
तेंदुलकर ने अपने 20 साल के क्रिकेट करियर में दुनिया को अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है लेकिन कैलिस के आंकड़े भी अविश्वसनीय हैं.
सचिन तेंदुलकर: 200 टेस्ट, 329 पारियां, 15921 रन, औसत 53.78, 51 शतक, 68 अर्धशतक
जैक कैलिस: 166 टेस्ट, 280 पारियां, 13289 रन, औसत 55.37, 45 शतक, 58 अर्धशतक.
अगर टेस्ट मैचों की बात करें तो सचिन और कैलिस दोनों के रिकॉर्ड काफी शानदार है. ऐसे में इन दोनों महान खिलाड़ियों की तुलना करना बेहद मुश्किल है.
तेंदुलकर ने कैलिस की तुलना में 34 अधिक पारियों में बल्लेबाजी की और कैलिस से छह ज्यादा शतक लगाए. हालांकि, तेंदुलकर ने अपने 51 टेस्ट शतकों में से 33 शतक उप-महाद्वीप पर बनाए हैं, जहां ट्रैक बल्लेबाजी के अनुकूल हैं, जबकि कैलिस ने दक्षिण अफ्रीका के पिचों पर अपने 45 शतकों में से 22 शतक बनाए हैं.
साथ ही कैलिस का औसत सचिन से बेहतर है और रिकॉर्ड को देखें तो वे फ्रंट-लाइन पेसर के रूप में एक बेहतर गेंदबाज हैं. इस ऑलराउंडर ने 292 विकेट चटकाए हैं, जबकि सचिन के नाम केवल 46 टेस्ट विकेट हैं.
जब बात एकदिवसीय क्रिकेट की आती है, तो तेंदुलकर एकदिवसीय प्रारूप में कैलिस की तुलना में बहुत बेहतर रिकॉर्ड रखते हैं.
सचिन तेंदुलकर: 463 वनडे, 452 पारियां, 18426 रन, औसत 44.83, 49 शतक, 96 अर्धशतक
जैक कैलिस: 328 वनडे, 314 पारियां, 11579 रन, औसत 44.36, 17 शतक, 86 अर्धशतक
हालांकि उन दोनों खिलाड़ियों के औसत में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है लेकिन सचिन की स्ट्राइक रेट काफी बेहतर है और उन्होंने काफी मैच विनिंग पारियां भी खेली हैं.
तेंदुलकर ने खेले गए कई मैचों के नतीजों से प्रभावित किया है, जबकि कैलिस ऐसा करने में नाकाम रहे हैं. इसके अलावा, कैलिस सचिन से ज्यादा पारियों में नाबाद रहे हैं जिस वजह से शायद उनका औसत ज्यादा है. मध्यक्रम के बल्लेबाज होने के नाते और नई गेंद का सामना नहीं करने के बाद भी कैलिस का स्ट्राइक रेट तेंदुलकर के आस-पास भी नहीं है.
लेकिन गेंदबाजी विभाग में कैलिस ने एक बार फिर सचिन पर जीत हासिल की. कैलिस ने वनडे क्रिकेट में 273 विकेट लिए जबकि सचिन के नाम केवल 154 विकेट है जो कि सचिन के रिकॉर्ड से काफी बेहतर है.
कुछ अन्य फैक्टर
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व महान खिलाड़ी इयान चैपल ने एक बार कहा था, "आप हमेशा एक क्रिकेटर को इस बात से रेट कर सकते है कि उन्होंने किस तरह के विरोधी के खिलाफ कैसा खेल दिखाया है."
अगर इस तर्क को देखें तो तेंदुलकर को कैलिस की तुलना में बहुत कड़े विरोधियों का सामना करना पड़ा हैं क्योंकि दक्षिण अफ्रीका के पास एलन डोनाल्ड, शॉन पोलाक, नतिनी, डेल स्टेन, मोर्नी मोर्कल, फिलेंडर, कैलिस जैसे बेहतरीन पेसर रहे है जो किसी भी बल्लेबाज को धुल चटा सकते है.सचिन ने इन विरोधियों के खिलाफ रन बनाए, जबकि भारत के गेंदबाजों के बारे में यही नहीं कहा जा सकता है कि कैलिस को भारतीय गेंदबाजों से निपटने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा होगा.
साथ ही, अपने शुरुआती करियर में सचिन भारत के लिए इकलौते योद्धा थे खासकर भारत से बाहर खेले जाने वाले मैचों में जबकि कैलिस को हैंसी क्रोनिए की अगुआई वाली अपने समय के सर्वश्रेष्ठ टीम में से एक के साथ में खेलने का फायदा था.
राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर के आने के बाद टीम इंडिया को मजबूती मिली थी. हालांकि, तब तक सचिन अपने करियर के 10-12 साल खेले चुके थे और वे उस समय करियर के पिक(शिखर) पर थे.
इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि सचिन ने अत्याधिक दवाब में खेला और अपने करियर के ज्यादातर वक्त में उन्होंने भारतीय टीम का पूरा भार अपने कंधों पर उठाया. इन सब के बावजूद उन्होंने बेहतरीन खेल दिखाया जबकि कैलिस के केस में ऐसा नहीं है.
नतीजा
सचिन तेंदुलकर और जैक कैलिस में से बेहतर कौन है इस बहस का कोई अंत नहीं है, आखिरकार ये नजरिए की बात है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग हो सकता है.
सचिन ने अपने अनूठे बल्लेबाजी कौशल के साथ व्यक्तिगत रूप से बहुत सारे मैचों को प्रभावित किया है. इसके साथ ही उन्होंने कई रिकॉर्ड भी अपने नाम किए और इस तरह उन्होंने अपना नाम महानतम खिलाड़ियों की सूची में दर्ज कराया, जहां कैलिस कहीं नहीं हैं.
वहीं, दूसरी तरफ कैलिस एक ऑलराउंडर के तौर पर बहुत ही बेहतर हैं जोकि किसी भी टीम की जीत-हार में अहम योगदान देता है. दक्षिण अफ्रीका के पसंदीदा क्रिकेट खिलाड़ी तेंदुलकर से आगे हैं क्योंकि उनकी हरफनमौला क्षमता बेजोड़ है.