नई दिल्ली: ऐसे समय में जबकि कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में क्रिकेट गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं तब कैरेबियाई देश सेंट विन्सेंट एवं ग्रेनेडा में 22 मई से फ्रेंचाइजी आधारित टी10 टूर्नामेंट विन्सी प्रीमियर लीग (वीपीएल) शुरू होगा जिसमें वेस्टइंडीज के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी भाग लेंगे.
कोविड-19 महामारी के कारण विश्व भर में मार्च से ही खेल गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं और इसमें क्रिकेट भी शामिल है. वैसे तो प्रशांत महासागर में स्थित द्वीपीय देश वनातु फिर से क्रिकेट शुरू करने वाला पहला देश बना था लेकिन यह पहला अवसर होगा जबकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के पूर्णकालिक सदस्यता रखने वाले क्षेत्र में कोई टूर्नामेंट खेला जाएगा और उसमें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर भी भाग लेंगे.
सेंट विन्सेंट एवं ग्रेनाडा क्रिकेट संघ इस टूर्नामेंट का आयोजक है जिसके अध्यक्ष किशोर शैलो क्रिकेट वेस्टइंडीज (CWI) के उपाध्यक्ष भी हैं.
एक किकेट वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार छह फ्रेंचाइजी टीमों के टूर्नामेंट वीपीएल का यह शुरुआती सत्र होगा जो 22 से 31 मई के बीच सेंट विन्सेंट के अर्नोस वेले स्पोर्टिंग काम्पलेक्स में खेला जाएगा.
रिपोर्ट में कहा गया है, "वीपीएल पहला ऐसा टूर्नामेंट होगा जिसमें खिलाड़ियों को गेंद पर लार लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. टूर्नामेंट दर्शकों के लिए खुला होगा क्योंकि सेंट विन्सेंट एवं ग्रेनाडा सरकार ने किसी तरह की पाबंदियां नहीं लगाई हैं.
टूर्नामेंट के लिए नीलामी 11 मई को हुई थी जिसमें 72 खिलाड़ियों को चुना गया. इनमें छह ‘मार्की खिलाड़ी’ भी शामिल हैं.
वेस्टइंडीज की तरफ से खेलने वाले केसरिक विलियम्स (बोटेनिक गार्डन्स रेंजर्स), सलामी बल्लेबाज सुनील अंबरीस (साल्ट पोंड ब्रेकर्स) और बाए हाथ के तेज गेंदबाज ओबेड मैकॉय (ग्रेनेडियन्स डाइवर्स) को भी मार्की खिलाड़ी बनाया गया है.
दस दिन दिन तक चलने वाले टूर्नामेंट में कुल 30 मैच खेले जाएंगे और प्रत्येक दिन तीन . तीन मैच होंगे. शैलो ने कहा कि उन्होंने सीडब्ल्यूआई से वीपीएल को मंजूरी प्रदान करने का भी आग्रह किया है.
उन्होंने इस संबंध में सीडब्ल्यूआई के मुख्य कार्यकारी जॉनी ग्रेव और क्रिकेट संचालन प्रबंधक रोलैंड होल्डर से भी बात की है.
उन्होंने कहा, 'हमने सीडब्ल्यूआई को औपचारिक तौर पर पत्र लिखा है और मुझे उनसे सकारात्मक जवाब की उम्मीद है.' शैलो के अनुसार सेंट विन्सेंट एवं ग्रेनाडा में कोविड-19 के केवल 18 मामले ही सामने आए हैं जिसमें दस लोग ठीक हो चुके हैं.