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किसी ऐसी चीज के लिए नहीं रुकना चाहता था जो उचित नहीं थी : सुरेश रैना - Suresh raina latest news

सुरेश रैना ने कहा है कि मेरी कई बार सर्जरी हुई, झटके लगे और ऐसे क्षण आये जब मैंने इसके बारे में सोचा लेकिन इसके लिए मैं ऐसी किसी चीज के लिए रूकना नहीं चाहता था जो उचित नहीं थी.

सुरेश रैना
सुरेश रैना
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Published : Aug 17, 2020, 12:44 PM IST

Updated : Aug 17, 2020, 12:56 PM IST

चेन्नई : पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के फैसले का अनुसरण करने वाले सुरेश रैना ने रविवार को कहा कि वो ऐसी किसी चीज के लिए रूकना नहीं चाहते थे जो उचित नहीं थी.

इस 33 साल के खिलाड़ी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलविदा कहने के फैसले ने क्रिकेट जगत को आश्चर्यचकित कर दिया था. पिछले ढेड़ दशक में सीमित ओवरों के क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले रैना ने कहा कि क्रिकेट उनके रगों में दौड़ता है.

सुरेश रैना
सुरेश रैना

उन्होंने एक बयान में कहा, “भारतीय टीम में जगह बनाने से पहले बहुत ही कम उम्र से मैं एक छोटे से लड़के के रूप में अपने छोटे से शहर की गली और नुक्कड़ (गली और कोने) में क्रिकेट खेलता था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जो भी पता है वो क्रिकेट है, मैंने जो कुछ किया है वो क्रिकेट है और ये मेरी रगों में है.’’

इस वामहस्त बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ऐसा एक भी दिन नहीं रहा जब मुझे भगवान का आशीर्वाद और लोगों का प्यार नहीं मिला.’’ भारत के लिए 226 एकदिवसीय, 78 टी20 अंतरराष्ट्रीय और 18 टेस्ट खेलने वाले रैना ने कहा कि उन्होंने कभी भी चोटों को अपने भाग्य को निर्धारित नहीं करने दिया.

दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षकों में से एक माने जाने वाले रैना ने कहा, “मैं उन सभी के आशीर्वाद का मान रखने की कोशिश कर रहा था. अपने देश तथा इस यात्रा का हिस्सा रहे सभी को उसके बदले खेल के जरिये वापस देने की कोशिश कर रहा था.”

सुरेश रैना
सुरेश रैना

रैना ने कहा, “मेरी कई बार सर्जरी हुई, झटके लगे और ऐसे क्षण आये जब मैंने इसके बारे में सोचा लेकिन इसके लिए मैं ऐसी किसी चीज के लिए रूकना नहीं चाहता था जो उचित नहीं थी.” रैना ने इस पोस्ट में अपने परिवार, कोच, चिकित्सकों, प्रशिक्षकों, टीम के साथियों और अपने प्रशंसकों से मिले प्यार और समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.

उन्होंने कहा, “यह एक अविश्वसनीय यात्रा रही है और यह उन सभी के बिना संभव नहीं होता जिन्होंने करियर में उतार-चढ़ाव के दौरान मेरा समर्थन किया.”
उन्होंने कहा, “यह यात्रा मेरे माता-पिता, मेरी प्यारी पत्नीप्रियंका, मेरे बच्चों ग्रेसिया और रियो, मेरे भाइयों, मेरी बहन और हमारे परिवार के सभी सदस्यों के असीम समर्थन और बलिदान के बिना संभव नहीं हो सकता था. यह सब आप ही हैं.”

रैना उस टीम का हिस्सा थे जिसने 2011 में उनके पसंदीदा कप्तान धोनी के नेतृत्व में विश्व कप जीता था.

सुरेश रैना
सुरेश रैना

उन्होंने कहा, “मेरे कोच जिन्होंने हमेशा मुझे सही दिशा दिखाई, मेरे चिकित्सकोंने मुझे ठीक करने में मदद की, मेरे प्रशिक्षकों ने मुझे उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन करने में मदद की.” उन्होंने कहा, “नीली जर्सी (भारतीय टीम) के मेरे साथी, नीले रंग मेंअद्भुत भारत टीम के समर्थन के बिना कुछ भी संभव नहीं होता. मुझे बहुत अच्छेखिलाड़ियों के साथ खेलने की खुशी है और उन सभी ने ‘टीम इंडिया’ के लिएखेला.”

उन्होंने कहा, “मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि राहुल भाई (द्रविड), अनिल भाई (कुंबले), सचिन पाजी (तेंदुलकर), चीकू (विराट कोहली) और खासतौर पर महेन्द्र सिंह धोनी के साथ एक दोस्त और मेंटर के रूप में मार्गदर्शन मिलने के अलावा कुछ बेहतरीन सोच वाले कप्तानों की निगरानी में खेलने को मिला.हमेशा, टीम इंडिया. जय हिन्द.”

चेन्नई : पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के फैसले का अनुसरण करने वाले सुरेश रैना ने रविवार को कहा कि वो ऐसी किसी चीज के लिए रूकना नहीं चाहते थे जो उचित नहीं थी.

इस 33 साल के खिलाड़ी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलविदा कहने के फैसले ने क्रिकेट जगत को आश्चर्यचकित कर दिया था. पिछले ढेड़ दशक में सीमित ओवरों के क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले रैना ने कहा कि क्रिकेट उनके रगों में दौड़ता है.

सुरेश रैना
सुरेश रैना

उन्होंने एक बयान में कहा, “भारतीय टीम में जगह बनाने से पहले बहुत ही कम उम्र से मैं एक छोटे से लड़के के रूप में अपने छोटे से शहर की गली और नुक्कड़ (गली और कोने) में क्रिकेट खेलता था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जो भी पता है वो क्रिकेट है, मैंने जो कुछ किया है वो क्रिकेट है और ये मेरी रगों में है.’’

इस वामहस्त बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ऐसा एक भी दिन नहीं रहा जब मुझे भगवान का आशीर्वाद और लोगों का प्यार नहीं मिला.’’ भारत के लिए 226 एकदिवसीय, 78 टी20 अंतरराष्ट्रीय और 18 टेस्ट खेलने वाले रैना ने कहा कि उन्होंने कभी भी चोटों को अपने भाग्य को निर्धारित नहीं करने दिया.

दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षकों में से एक माने जाने वाले रैना ने कहा, “मैं उन सभी के आशीर्वाद का मान रखने की कोशिश कर रहा था. अपने देश तथा इस यात्रा का हिस्सा रहे सभी को उसके बदले खेल के जरिये वापस देने की कोशिश कर रहा था.”

सुरेश रैना
सुरेश रैना

रैना ने कहा, “मेरी कई बार सर्जरी हुई, झटके लगे और ऐसे क्षण आये जब मैंने इसके बारे में सोचा लेकिन इसके लिए मैं ऐसी किसी चीज के लिए रूकना नहीं चाहता था जो उचित नहीं थी.” रैना ने इस पोस्ट में अपने परिवार, कोच, चिकित्सकों, प्रशिक्षकों, टीम के साथियों और अपने प्रशंसकों से मिले प्यार और समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.

उन्होंने कहा, “यह एक अविश्वसनीय यात्रा रही है और यह उन सभी के बिना संभव नहीं होता जिन्होंने करियर में उतार-चढ़ाव के दौरान मेरा समर्थन किया.”
उन्होंने कहा, “यह यात्रा मेरे माता-पिता, मेरी प्यारी पत्नीप्रियंका, मेरे बच्चों ग्रेसिया और रियो, मेरे भाइयों, मेरी बहन और हमारे परिवार के सभी सदस्यों के असीम समर्थन और बलिदान के बिना संभव नहीं हो सकता था. यह सब आप ही हैं.”

रैना उस टीम का हिस्सा थे जिसने 2011 में उनके पसंदीदा कप्तान धोनी के नेतृत्व में विश्व कप जीता था.

सुरेश रैना
सुरेश रैना

उन्होंने कहा, “मेरे कोच जिन्होंने हमेशा मुझे सही दिशा दिखाई, मेरे चिकित्सकोंने मुझे ठीक करने में मदद की, मेरे प्रशिक्षकों ने मुझे उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन करने में मदद की.” उन्होंने कहा, “नीली जर्सी (भारतीय टीम) के मेरे साथी, नीले रंग मेंअद्भुत भारत टीम के समर्थन के बिना कुछ भी संभव नहीं होता. मुझे बहुत अच्छेखिलाड़ियों के साथ खेलने की खुशी है और उन सभी ने ‘टीम इंडिया’ के लिएखेला.”

उन्होंने कहा, “मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि राहुल भाई (द्रविड), अनिल भाई (कुंबले), सचिन पाजी (तेंदुलकर), चीकू (विराट कोहली) और खासतौर पर महेन्द्र सिंह धोनी के साथ एक दोस्त और मेंटर के रूप में मार्गदर्शन मिलने के अलावा कुछ बेहतरीन सोच वाले कप्तानों की निगरानी में खेलने को मिला.हमेशा, टीम इंडिया. जय हिन्द.”

Last Updated : Aug 17, 2020, 12:56 PM IST
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