दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव जय शाह के कार्यकाल के ऊपर दायर याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 16 फरवरी को सुनवाई होगी.
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Supreme Court to hear on February 16, the BCCI case with respect to the extension of the term of its president Sourav Ganguly and Secretary Jay Shah. pic.twitter.com/rVkIyhZitJ
— ANI (@ANI) January 20, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) January 20, 2021Supreme Court to hear on February 16, the BCCI case with respect to the extension of the term of its president Sourav Ganguly and Secretary Jay Shah. pic.twitter.com/rVkIyhZitJ
— ANI (@ANI) January 20, 2021
बता दें कि इन दोंने ही अधिकारियों का कार्यकाल पिछले साल 27 जुलाई को खत्म हो गया था. वहीं इस मामले में इन दोनों का कार्यकाल बढ़ाने के लिए बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. गांगुली और जय शाह को 2025 तक बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव के रूप में अगला कार्यकाल मिलेगा या नहीं इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट 16 फरवरी को सुनवाई करेगा.
बीसीसीआई के नए संविधान के अनुसार राज्य संघ या बोर्ड में छह साल के कार्यकाल के बाद तीन साल की विराम अवधि पर जाना अनिवार्य है.
गांगुली और शाह ने 2019 अक्टूबर में पदभार संभाला था और तब उनके राज्य और राष्ट्रीय इकाई में छह साल के कार्यकाल में केवल 9 महीने बचे थे. इस बीच बीसीसीआई ने 21 अप्रैल को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर शाह और गांगुली के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की थी.
गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से पहले 2015 से 2019 तक बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इससे पहले वह 2014 में कैब के संयुक्त सचिव भी रहे हैं. गांगुली ने अक्टूबर 2019 में बीसीसीआई अध्यक्ष का पदभार संभाला था.
वहीं, जय शाह भी बीसीसीआई सचिव से पहले गुजरात क्रिकेट संघ से जुड़े थे. इसी को देखते हुए बीसीसीआई पदाधिकारियों को राहत देने के लिए बोर्ड ने याचिका लगाई थी.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नहीं जाएगे आदित्य वर्मा
बिहार क्रिकेट संघ के सचिव आदित्य वर्मा ने कहा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह की विराम अवधि को हटाने के मसले पर जब उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के लिये आएगा तो उनका वकील इसका विरोध नहीं करेगा.
वर्मा 2013 स्पॉट फिक्सिंग मामले के मूल याचिकाकर्ता हैं. इसी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा पैनल का गठन किया, जिसकी सिफारिशों पर दुनिया के सबसे धनी बोर्ड के संविधान में आमूलचूल सुधार किए गए. बीसीसीआई के नए संविधान के अनुसार राज्य संघ या बोर्ड में छह साल के कार्यकाल के बाद तीन साल के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड पर जाना अनिवार्य है.