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श्रीनाथ ने बताया की उन्होंने जल्दी क्रिकेट क्यों छोड़ा! - Former cricketer on retirement

श्रीनाथ ने कहा, "मेरे हाथ और घुटने सही नहीं थे. उस समय जहीर और आशीष भी थे. जब मैं खेलता था जो सिर्फ एक को खेलने का मौका मिलता था."

Sreenath
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Published : Jun 20, 2020, 11:36 PM IST

मुंबई: भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने कहा है कि उन्होंने घुटने की चोट के कारण जल्दी संन्यास ले लिया.

उन्होंने साथ ही कहा कि वो उस समय के नए तेज गेंदबाज आशीष नेहरा और जहीर खान को मौका देना चाहते थे.

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श्रीनाथ
श्रीनाथ ने कहा, "मेरे हाथ और घुटने सही नहीं थे. उस समय जहीर और आशीष भी थे. जब मैं खेलता था जो सिर्फ एक को खेलने का मौका मिलता था."उन्होंने कहा, "मैं भी पहले इस दौर से गुजरा थ जब कपिल और मनोज प्रभाकर हुआ करते थे. कई बार मैदान पर अगर दो तेज गेंदबाज हैं तो काफी मुश्किल होता है. मुझे भारतीय पिचों पर गेंदबाजी करने में परेशानी होती थी. मैं उस समय 33 साल का था, तो एक या दो साल और खेल सकता था, लेकिन मेरे घुटने की परेशानी ने यह मुश्किल कर दिय."श्रीनाथ ने भारत के लिए 67 टेस्ट और 229 वनडे मैच खेले हैं. 1991 में पदार्पण करने वाले श्रीनाथ 2003 में विश्व कप के फाइनल में जगह बनाने वाली भारतीय टीम का अहम हिस्सा थे और उन्होंने गेंदबाजी आक्रमण की कमान संभाली हुई थी. श्रीनाथ ने 90 के दशक में टीम की गेंदबाजी पर बात करते हुए कहा, "हमारे साथ दो-तीन खिलाड़ी निरंतर रूप से होने चाहिए. वेंकटेश प्रसाद पांच-छह साल थे, लेकिन बाकी के लोग बदलते रहे. जब ऐसा होता है तो गेंदबाजी आक्रमण को मजबूत करने के लिए जिस चीज की जरूरत होती है वो नहीं होते हैं. हम अपनी ताकत के दम पर ही रणनीति बनाते हैं."उन्होंने कहा, "लेकिन बदलावों के कारण ऐसा मुमकिन नहीं हो सका. बाद में जहीर और आशीष आए और उन्होंने अच्छा किया. उस समय हम अच्छा करने में सफल रहे. स्पिनर अनिल कुंबले और हरभजन सिंह ने शानदार जोड़ी बनाई थी. तेज गेंदबाजी में इस बात की कमी रही."

मुंबई: भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने कहा है कि उन्होंने घुटने की चोट के कारण जल्दी संन्यास ले लिया.

उन्होंने साथ ही कहा कि वो उस समय के नए तेज गेंदबाज आशीष नेहरा और जहीर खान को मौका देना चाहते थे.

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श्रीनाथ
श्रीनाथ ने कहा, "मेरे हाथ और घुटने सही नहीं थे. उस समय जहीर और आशीष भी थे. जब मैं खेलता था जो सिर्फ एक को खेलने का मौका मिलता था."उन्होंने कहा, "मैं भी पहले इस दौर से गुजरा थ जब कपिल और मनोज प्रभाकर हुआ करते थे. कई बार मैदान पर अगर दो तेज गेंदबाज हैं तो काफी मुश्किल होता है. मुझे भारतीय पिचों पर गेंदबाजी करने में परेशानी होती थी. मैं उस समय 33 साल का था, तो एक या दो साल और खेल सकता था, लेकिन मेरे घुटने की परेशानी ने यह मुश्किल कर दिय."श्रीनाथ ने भारत के लिए 67 टेस्ट और 229 वनडे मैच खेले हैं. 1991 में पदार्पण करने वाले श्रीनाथ 2003 में विश्व कप के फाइनल में जगह बनाने वाली भारतीय टीम का अहम हिस्सा थे और उन्होंने गेंदबाजी आक्रमण की कमान संभाली हुई थी. श्रीनाथ ने 90 के दशक में टीम की गेंदबाजी पर बात करते हुए कहा, "हमारे साथ दो-तीन खिलाड़ी निरंतर रूप से होने चाहिए. वेंकटेश प्रसाद पांच-छह साल थे, लेकिन बाकी के लोग बदलते रहे. जब ऐसा होता है तो गेंदबाजी आक्रमण को मजबूत करने के लिए जिस चीज की जरूरत होती है वो नहीं होते हैं. हम अपनी ताकत के दम पर ही रणनीति बनाते हैं."उन्होंने कहा, "लेकिन बदलावों के कारण ऐसा मुमकिन नहीं हो सका. बाद में जहीर और आशीष आए और उन्होंने अच्छा किया. उस समय हम अच्छा करने में सफल रहे. स्पिनर अनिल कुंबले और हरभजन सिंह ने शानदार जोड़ी बनाई थी. तेज गेंदबाजी में इस बात की कमी रही."
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