डरबन: दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान शॉन पोलक को लगता है कि कोविड-19 के बीच अगर क्रिकेट शुरू होता है और बायो सिक्योर वातावरण में खेला जाता है तो सलाइवा के उपयोग से कोई परेशानी नहीं होगी.
आईसीसी की क्रिकेट समिति ने हाल ही में सलाइवा को बैन करने की सिफारिश की है लेकिन गेंद को चमकाने के लिए पसीने के उपयोग की मंजूरी दे दी है.
इसके अलावा इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के अनुसार टेस्ट मैच के दौरान कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए खिलाड़ी की जगह किसी दुसरे खिलाड़ी को कोविड सब्सटीट्यूट के रूप में टीम में शामिल करने की संभावनाओं पर आईसीसी चर्चा कर रही है.
अगर आईसीसी इसे अपनी मंजूरी दे देती है तो टेस्ट में कोरोनावायरस सब्स्टीट्यूट का ये नियम इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली जाने वाली तीन टेस्ट मैच की सीरीज में लागू किया जा सकता है.
पोलक ने क्रिकेट पोडकास्ट पर कहा, "मुझे लगता है कि जो वातावरण बनाया जाएगा वो बबल की तरह होगा. लोगों की जांच की जाएगी, वह दो सप्ताह के कैम्प में जाएंगे जहां वे सिर्फ बैठेंगे और देखेंगे कि उनका शरीर किस तरह से बदलता है."
उन्होंने कहा, "अगर वायरस के लक्षण नहीं होते हैं तो इसके बाद गेंद को चमकाने का मुद्दा नहीं रहता क्योंकि आप बबल में हो और जिससे भी संपर्क में आओगे उसे वायरस नहीं होगा. इसलिए आप सामान्य प्रक्रिया में खेल सकते हो."
वेस्टइंडीज अगले महीने बायो सिक्योर वातावरण में इंग्लैंड का दौरा करेगी और तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी.
पोलक ने कहा, "मुझे लगता है कि दर्शक भी नहीं होंगे इसिलए वे लोग जितनी भी जगह जाएंगे वो साफ की गई होगी और उस पर स्प्रे किया जाएगा."
बता दें कि इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच जुलाई में जैविक सुरक्षित वातावरण में तीन मैचों की सीरीज के जरिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली होगी. यह कोरोना महामारी के कारण मार्च में खेल स्थगित होने के बाद पहला टूर्नामेंट है.
दोनों टीमों के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज आठ जुलाई से शुरू होगी. पहला मैच हेम्पशायर के एजेस बाउल में खेला जाएगा, जबकि दूसरा और तीसरा मैच ओल्ड ट्रेफर्ड मैदान पर खेला जाएगा.