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'सचिन, धोनी और रोहित को कभी ज्यादा वजन के साथ ट्रेनिंग करते नहीं देखा'

रामजी श्रीनिवासन ने कहा कि, 'मैंने कभी सचिन, धोनी, सहवाग और रोहित को वजन के साथ करने वाली ट्रेनिंग को लेकर पागल होते नहीं देखा. हां ये लोग जिम जाते थे, लेकिन इसके पीछे का कारण था. सचिन अपने कंधे और कलाई पर ज्यादा काम करते थे. धोनी को इससे अलग रखते हैं क्योंकि वह नैचुरल थे.'

Dhoni and sachin
Dhoni and sachin
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Published : Apr 11, 2020, 12:26 AM IST

नई दिल्ली: भारत ने आखिरी बार 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी के रूप में अपना आखिरी आईसीसी खिताब जीता था. उस समय रामजी श्रीनिवासन टीम के ट्रेनर थे. उन्हीं ने 2011 में भारत को फिट रखा था.

ऐसे समय में जब पूरा विश्व कोरोनावायरस के कारण रुका हुआ है तब घर में रहकर फिट कैसे रहा जा सकता है, इस बारे में रामजी से बेहतर कौन बता सकता है.

महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी

रामजी ने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि यह ज्यादा मुश्किल नहीं है और फिट रहने के लिए भार उठाने की जरूरत नहीं है. रामजी इस बात से थोड़े हैरान जरूर हैं कि आज के दौर में फिट रहने के लिए काफी कुछ बदल गया है.

उन्होंने कहा, "यकीन मानिए आप घर में रहकर भी फिटनेस बनाए रख सकते हैं. आपको सिर्फ अपने शरीर को समझने की जरूरत है और उसके हिसाब से काम करने की जरूरत है. मुझे इन दिनों ज्यादा वजन उठाने को लेकर लोगों में जो आबसेशन है वो समझ में नहीं आती. हां, यह कुछ खिलाड़ियों के लिए काम करती है, लेकिन यह फिट और हेल्थी रहने का एक मात्र रास्ता नहीं है. मैं उस भारतीय टीम के साथ था जिसमें कई बेहतरीन क्रिकेटर थे, लेकिन सबसे बेहतरीन ये था कि वो जानते थे कि उनके शरीर को क्या चाहिए."

उन्होंने कहा, "मैंने कभी सचिन, धोनी, सहवाग और रोहित को वजन के साथ करने वाली ट्रेनिंग को लेकर पागल होते नहीं देखा. हां ये लोग जिम जाते थे, लेकिन इसके पीछे का कारण था. सचिन अपने कंधे और कलाई पर ज्यादा काम करते थे. धोनी को इससे अलग रखते हैं क्योंकि वह नैचुरल थे. आप उनके करियर को ऐसे ही नहीं देख सकते. उनके ऊपर कितना बोझ था लेकिन उन्हें कितनी चोटें लगी हैं आप उसे उंगलियों पर गिन सकते हो."

रोहित शर्मा
रोहित शर्मा

उन्होंने कहा, "बाकी अन्य खिलाड़ियों के बारे में बात करें तो सहवाग काफी स्मार्ट थे क्योंकि उन्हें पता था कि उनका शरीर क्या चाहता है. यही बात रोहित के बारे में कही जा सकती है. आपने उसके छक्के देखे. मैं कह सकता हूं कि युवराज की तरह की वो लंबे छक्के मार सकता है. लेकिन मैं उन्हें कभी जिम में उन्हें ज्यादा वजन उठाते नहीं देखा."

उन्होंने कहा, "समस्या यह है कि हम भूल जाते हैं कि जो चीजें एक के लिए काम कर सकती हैं वो बाकी के लिए करेंगी यह जरूरी नहीं है."

नई दिल्ली: भारत ने आखिरी बार 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी के रूप में अपना आखिरी आईसीसी खिताब जीता था. उस समय रामजी श्रीनिवासन टीम के ट्रेनर थे. उन्हीं ने 2011 में भारत को फिट रखा था.

ऐसे समय में जब पूरा विश्व कोरोनावायरस के कारण रुका हुआ है तब घर में रहकर फिट कैसे रहा जा सकता है, इस बारे में रामजी से बेहतर कौन बता सकता है.

महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी

रामजी ने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि यह ज्यादा मुश्किल नहीं है और फिट रहने के लिए भार उठाने की जरूरत नहीं है. रामजी इस बात से थोड़े हैरान जरूर हैं कि आज के दौर में फिट रहने के लिए काफी कुछ बदल गया है.

उन्होंने कहा, "यकीन मानिए आप घर में रहकर भी फिटनेस बनाए रख सकते हैं. आपको सिर्फ अपने शरीर को समझने की जरूरत है और उसके हिसाब से काम करने की जरूरत है. मुझे इन दिनों ज्यादा वजन उठाने को लेकर लोगों में जो आबसेशन है वो समझ में नहीं आती. हां, यह कुछ खिलाड़ियों के लिए काम करती है, लेकिन यह फिट और हेल्थी रहने का एक मात्र रास्ता नहीं है. मैं उस भारतीय टीम के साथ था जिसमें कई बेहतरीन क्रिकेटर थे, लेकिन सबसे बेहतरीन ये था कि वो जानते थे कि उनके शरीर को क्या चाहिए."

उन्होंने कहा, "मैंने कभी सचिन, धोनी, सहवाग और रोहित को वजन के साथ करने वाली ट्रेनिंग को लेकर पागल होते नहीं देखा. हां ये लोग जिम जाते थे, लेकिन इसके पीछे का कारण था. सचिन अपने कंधे और कलाई पर ज्यादा काम करते थे. धोनी को इससे अलग रखते हैं क्योंकि वह नैचुरल थे. आप उनके करियर को ऐसे ही नहीं देख सकते. उनके ऊपर कितना बोझ था लेकिन उन्हें कितनी चोटें लगी हैं आप उसे उंगलियों पर गिन सकते हो."

रोहित शर्मा
रोहित शर्मा

उन्होंने कहा, "बाकी अन्य खिलाड़ियों के बारे में बात करें तो सहवाग काफी स्मार्ट थे क्योंकि उन्हें पता था कि उनका शरीर क्या चाहता है. यही बात रोहित के बारे में कही जा सकती है. आपने उसके छक्के देखे. मैं कह सकता हूं कि युवराज की तरह की वो लंबे छक्के मार सकता है. लेकिन मैं उन्हें कभी जिम में उन्हें ज्यादा वजन उठाते नहीं देखा."

उन्होंने कहा, "समस्या यह है कि हम भूल जाते हैं कि जो चीजें एक के लिए काम कर सकती हैं वो बाकी के लिए करेंगी यह जरूरी नहीं है."

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