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सचिन ने BCCI लोकपाल से पूछे ये सवाल

पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने बीसीसीआई लोकपाल डी.के. जैन को पत्र लिख पूछा है कि वो सीओए के प्रमुख विनोद राय और सीईओ राहुल जोहरी को बुलाकर पूछें ये कि सीएसी में उनकी क्या भूमिका है.

Sachin
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Published : May 5, 2019, 8:11 PM IST

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) की ये बात पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को नापंसद गुजरी है कि उनसे कथित तौर पर जुड़ा हितों के टकराव का मामला 'ट्रैक्टेबल' (सुविधाजनक) कटेगरी के अंतर्गत आता है.

आपको बता दें सचिन इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम मुंबई इंडियंस से जुड़े हुए हैं और क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का हिस्सा भी हैं, जिसके कारण उनके खिलाफ हितों के टकराव का मुद्दा उठा है.

मुंबई इंडियंस के मेंटर सचिन तेंदुलकर
मुंबई इंडियंस के मेंटर सचिन तेंदुलकर

वी.वी.एस. लक्ष्मण की तरह ही सचिन ने भी अपने वकील के माध्यम से बीसीसीआई लोकपाल डी.के. जैन को पत्र लिखा है कि सीएसी के सदस्य के रूप में उनकी भूमिका उन्हें स्पष्ट रूप से नहीं बताई गई जबकि वो ये सदस्य बनने से पहले ही मुंबई इंडियंस के आइकन बन चुके थे.

तेंदुलकर के वकील द्वारा बीसीसीआई लोकपाल जैन को लिखे पत्र में कहा गया है,"सचिन 2015 में क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) में नियुक्त हुए. उन्हें सीएसी में शामिल होने से काफी पहले ही 2013 में मुंबई इंडियंस का 'आइकन' घोषित किया गया था."

उन्होंने आगे लिखा है कि सीएसी में उनकी नियुक्ति के बारे में बीसीसीआई ने उन्हें कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं बताया था. उन्होंने अपनी भूमिका के बारे में बोर्ड से कई बार जानना चाहा लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है. ये आश्चर्यजनक है कि जिस बीसीसीआई ने उन्हें सीएसी में नियुक्त किया, वही आज उनके बारे में हितों के टकराव का मुद्दा उठा रही है.

बीसीसीआई लोकपाल डी.के. जैन
बीसीसीआई लोकपाल डी.के. जैन

सचिन ने ये भी लिखा कि वे राष्ट्रीय अंडर-19 सेलेक्टर्स के चयन की प्रक्रिया में भी शामिल नहीं थे क्योंकि उनका बेटा अर्जुन टीम में चुने जाने के लिए दावेदारों में शामिल था.

गौरतलब है कि सचिन ने जैन से गुजारिश की है कि वो सीओए के प्रमुख विनोद राय और सीईओ राहुल जोहरी को बुलाकर पूछें कि सीएसी में उनकी क्या भूमिका है.

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) की ये बात पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को नापंसद गुजरी है कि उनसे कथित तौर पर जुड़ा हितों के टकराव का मामला 'ट्रैक्टेबल' (सुविधाजनक) कटेगरी के अंतर्गत आता है.

आपको बता दें सचिन इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम मुंबई इंडियंस से जुड़े हुए हैं और क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का हिस्सा भी हैं, जिसके कारण उनके खिलाफ हितों के टकराव का मुद्दा उठा है.

मुंबई इंडियंस के मेंटर सचिन तेंदुलकर
मुंबई इंडियंस के मेंटर सचिन तेंदुलकर

वी.वी.एस. लक्ष्मण की तरह ही सचिन ने भी अपने वकील के माध्यम से बीसीसीआई लोकपाल डी.के. जैन को पत्र लिखा है कि सीएसी के सदस्य के रूप में उनकी भूमिका उन्हें स्पष्ट रूप से नहीं बताई गई जबकि वो ये सदस्य बनने से पहले ही मुंबई इंडियंस के आइकन बन चुके थे.

तेंदुलकर के वकील द्वारा बीसीसीआई लोकपाल जैन को लिखे पत्र में कहा गया है,"सचिन 2015 में क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) में नियुक्त हुए. उन्हें सीएसी में शामिल होने से काफी पहले ही 2013 में मुंबई इंडियंस का 'आइकन' घोषित किया गया था."

उन्होंने आगे लिखा है कि सीएसी में उनकी नियुक्ति के बारे में बीसीसीआई ने उन्हें कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं बताया था. उन्होंने अपनी भूमिका के बारे में बोर्ड से कई बार जानना चाहा लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है. ये आश्चर्यजनक है कि जिस बीसीसीआई ने उन्हें सीएसी में नियुक्त किया, वही आज उनके बारे में हितों के टकराव का मुद्दा उठा रही है.

बीसीसीआई लोकपाल डी.के. जैन
बीसीसीआई लोकपाल डी.के. जैन

सचिन ने ये भी लिखा कि वे राष्ट्रीय अंडर-19 सेलेक्टर्स के चयन की प्रक्रिया में भी शामिल नहीं थे क्योंकि उनका बेटा अर्जुन टीम में चुने जाने के लिए दावेदारों में शामिल था.

गौरतलब है कि सचिन ने जैन से गुजारिश की है कि वो सीओए के प्रमुख विनोद राय और सीईओ राहुल जोहरी को बुलाकर पूछें कि सीएसी में उनकी क्या भूमिका है.

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सचिन ने BCCI लोकपाल से पूछे ये सवाल



 



पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने बीसीसीआई लोकपाल डी.के. जैन को पत्र लिख पूछा है कि वो सीओए के प्रमुख विनोद राय और सीईओ राहुल जोहरी को बुलाकर पूछें ये कि सीएसी में उनकी क्या भूमिका है.



नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) की ये बात पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को नापंसद गुजरी है कि उनसे कथित तौर पर जुड़ा हितों के टकराव का मामला 'ट्रैक्टेबल' (सुविधाजनक) कटेगरी के अंतर्गत आता है.



आपको बता दें सचिन इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम मुंबई इंडियंस से जुड़े हुए हैं और क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) का हिस्सा भी हैं, जिसके कारण उनके खिलाफ हितों के टकराव का मुद्दा उठा है.



वी.वी.एस. लक्ष्मण की तरह ही सचिन ने भी अपने वकील के माध्यम से बीसीसीआई लोकपाल डी.के. जैन को पत्र लिखा है कि सीएसी के सदस्य के रूप में उनकी भूमिका उन्हें स्पष्ट रूप से नहीं बताई गई जबकि वो ये सदस्य बनने से पहले ही मुंबई इंडियंस के आइकन बन चुके थे.



तेंदुलकर के वकील द्वारा बीसीसीआई लोकपाल जैन को लिखे पत्र में कहा गया है,"सचिन 2015 में क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) में नियुक्त हुए. उन्हें सीएसी में शामिल होने से काफी पहले ही 2013 में मुंबई इंडियंस का 'आइकन' घोषित किया गया था."



उन्होंने आगे लिखा है कि सीएसी में उनकी नियुक्ति के बारे में बीसीसीआई ने उन्हें कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं बताया था. उन्होंने अपनी भूमिका के बारे में बोर्ड से कई बार जानना चाहा लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है. ये आश्चर्यजनक है कि जिस बीसीसीआई ने उन्हें सीएसी में नियुक्त किया, वही आज उनके बारे में हितों के टकराव का मुद्दा उठा रही है.



सचिन ने ये भी लिखा कि वे राष्ट्रीय अंडर-19 सेलेक्टर्स के चयन की प्रक्रिया में भी शामिल नहीं थे क्योंकि उनका बेटा अर्जुन टीम में चुने जाने के लिए दावेदारों में शामिल था.



गौरतलब है कि सचिन ने जैन से गुजारिश की है कि वो सीओए के प्रमुख विनोद राय और सीईओ राहुल जोहरी को बुलाकर पूछें कि सीएसी में उनकी क्या भूमिका है.


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