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आरपी सिंह ने दिया धोनी का साथ, कहा- वे निष्पक्ष कप्तान थे

भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने 2008 में हुए चयन विवाद पर धोनी का साथ देते हुए कहा, "धोनी आज धोनी इस लिए है क्योंकि वह अपने फैसले को लेकर निष्पक्ष थे. उनके विचार और फैसले पक्षपातरहित थे."

RP Singh
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Published : May 11, 2020, 10:58 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने 2008 में हुए चयन विवाद पर पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का साथ देते हुए कहा कि धोनी जो भी है, वह अपने निष्पक्ष विचारों के कारण है.

इस चयन विवाद में आरपी सिंह की जगह टीम में हरफनमौला इरफान पठान को शामिल किया गया था.

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के लिए धोनी चाहते थे कि टीम में आरपी सिंह का चयन हो लेकिन चयनकर्ताओं ने पठान को तरजीह दी. भारतीय कप्तान ने तब कहा था कि चयन बैठक की बात बाहर आना अपमानजनक है.

भारत के लिए 14 टेस्ट, 58 एकदिवसीय और 10 टी20 खेलने वाले आरपी सिंह ने कहा कि उन्हें टीम से बाहर होने से कोई शिकायत नहीं.

MS Dhoni, RP Singh
महेन्द्र सिंह धोनी और आरपी सिंह

चौतीस साल के इस खिलाड़ी ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मैं टीम से बाहर होने से प्रभावित था. हम जिस इंग्लैंड श्रृंखला की बात कर रहे हैं, मैंने इंदौर में विकेट नहीं लिया था. जाहिर है लोगों को लगता है कि खिलाड़ी को दो या तीन और मौके मिलेंगे. लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है. कुछ को 5 मौके मिले, कुछ को 10 मौके मिलते है."

उन्होंने कहा, मेरे साथ कई बार ऐसा हुआ. जब भी मेरे प्रदर्शन में गिरावट आयी तब मुझे घरेलू मैचों में खेलने के लिए भेजा गया. कई बार प्रदर्शन में गिरावट के बाद खिलाड़ी टीम में बने रहते है और उन्हें अच्छा अभ्यास का मौका मिलता है. जब आप घरेलू क्रिकेट में खेलते है तो आपको इस स्तर का अभ्यास करने का मौका नहीं मिलता है."

उन्होंने कहा कि धोनी एक निष्पक्ष कप्तान थे और उनकी दोस्ती ने टीम के इस विकेटकीपर बल्लेबाज के फैसलों को कभी प्रभावित नहीं किया.

MS Dhoni, RP Singh
महेन्द्र सिंह धोनी

उन्होंने कहा, "हम (धोनी और मैं) इस बारे में चर्चा कर रहे थे कि मैं कहां सुधार कर सकता हूं. मैं बेहतर होने के लिए क्या कर सकता हूं. मैं एमएस धोनी को जानता हूं. मित्रता एक अलग चीज है, लेकिन देश का नेतृत्व करना पूरी तरह से अलग है. मुझे लगता था कि उस समय उन्होंने उनको आगे किया जो उन्हें लगा कि बेहतर हैं और रणनीति पर बेहतर अमल कर सकते हैं."

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है धोनी ने ऐसे खिलाड़ियों का साथ दिया जिसके बारे में वह समझते थे कि उनकी योजना को मैदान में बेहतर तरीके से उतार सकता है."

उन्होंने कहा, "धोनी आज धोनी इस लिए है क्योंकि वह अपने फैसले को लेकर निष्पक्ष थे. उनके विचार और फैसले पक्षपातरहित थे. मुझे जितना खेलना चाहिए था, उतना नहीं खेल सका क्योंकि शायद मेरी रफ्तार कम हो गई और स्विंग भी नहीं रही. उस समय सुधार कर लेता तो और खेल पाता. मैने हालांकि जो कुछ हासिल किया, मैं उससे खुश हूं."

नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने 2008 में हुए चयन विवाद पर पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का साथ देते हुए कहा कि धोनी जो भी है, वह अपने निष्पक्ष विचारों के कारण है.

इस चयन विवाद में आरपी सिंह की जगह टीम में हरफनमौला इरफान पठान को शामिल किया गया था.

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि 2008 में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के लिए धोनी चाहते थे कि टीम में आरपी सिंह का चयन हो लेकिन चयनकर्ताओं ने पठान को तरजीह दी. भारतीय कप्तान ने तब कहा था कि चयन बैठक की बात बाहर आना अपमानजनक है.

भारत के लिए 14 टेस्ट, 58 एकदिवसीय और 10 टी20 खेलने वाले आरपी सिंह ने कहा कि उन्हें टीम से बाहर होने से कोई शिकायत नहीं.

MS Dhoni, RP Singh
महेन्द्र सिंह धोनी और आरपी सिंह

चौतीस साल के इस खिलाड़ी ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मैं टीम से बाहर होने से प्रभावित था. हम जिस इंग्लैंड श्रृंखला की बात कर रहे हैं, मैंने इंदौर में विकेट नहीं लिया था. जाहिर है लोगों को लगता है कि खिलाड़ी को दो या तीन और मौके मिलेंगे. लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है. कुछ को 5 मौके मिले, कुछ को 10 मौके मिलते है."

उन्होंने कहा, मेरे साथ कई बार ऐसा हुआ. जब भी मेरे प्रदर्शन में गिरावट आयी तब मुझे घरेलू मैचों में खेलने के लिए भेजा गया. कई बार प्रदर्शन में गिरावट के बाद खिलाड़ी टीम में बने रहते है और उन्हें अच्छा अभ्यास का मौका मिलता है. जब आप घरेलू क्रिकेट में खेलते है तो आपको इस स्तर का अभ्यास करने का मौका नहीं मिलता है."

उन्होंने कहा कि धोनी एक निष्पक्ष कप्तान थे और उनकी दोस्ती ने टीम के इस विकेटकीपर बल्लेबाज के फैसलों को कभी प्रभावित नहीं किया.

MS Dhoni, RP Singh
महेन्द्र सिंह धोनी

उन्होंने कहा, "हम (धोनी और मैं) इस बारे में चर्चा कर रहे थे कि मैं कहां सुधार कर सकता हूं. मैं बेहतर होने के लिए क्या कर सकता हूं. मैं एमएस धोनी को जानता हूं. मित्रता एक अलग चीज है, लेकिन देश का नेतृत्व करना पूरी तरह से अलग है. मुझे लगता था कि उस समय उन्होंने उनको आगे किया जो उन्हें लगा कि बेहतर हैं और रणनीति पर बेहतर अमल कर सकते हैं."

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है धोनी ने ऐसे खिलाड़ियों का साथ दिया जिसके बारे में वह समझते थे कि उनकी योजना को मैदान में बेहतर तरीके से उतार सकता है."

उन्होंने कहा, "धोनी आज धोनी इस लिए है क्योंकि वह अपने फैसले को लेकर निष्पक्ष थे. उनके विचार और फैसले पक्षपातरहित थे. मुझे जितना खेलना चाहिए था, उतना नहीं खेल सका क्योंकि शायद मेरी रफ्तार कम हो गई और स्विंग भी नहीं रही. उस समय सुधार कर लेता तो और खेल पाता. मैने हालांकि जो कुछ हासिल किया, मैं उससे खुश हूं."

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