नई दिल्ली: हाल ही में वेस्टइंडीज दौरे पर टेस्ट सीरीज में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले मध्य क्रम के बल्लेबाज हनुमा विहारी ने कहा है कि अगर चयन समिति और टीम प्रबंधन उन्हें वनडे में मौका देता है तो वह टीम की मध्य क्रम की समस्या का समाधान बनने की पूरी कोशिश करेंगे.
वनडे में भारत का शीर्ष क्रम लगातार अच्छा करता आया है, लेकिन मध्यक्रम पर सवाल उठते रहे हैं. विहारी ने कहा है कि वनडे में चयन उनके हाथ में नहीं है, लेकिन अगर मौका मिलता है तो वह इसके लिए तैयार हैं.
विहारी ने मीडिया से कहा, "यह चयनकर्ता और टीम प्रबंधन के हाथ में है, मेरे हाथ में नहीं. वे जब भी मुझे बुलाएंगे मैं तैयार हूं. मेरे हाथ में अभी टेस्ट क्रिकेट है और अगर मैं यहां लगातार अच्छा करता रहा तो मैं अपने लिए वनडे के दरवाजे भी खोल सकता हूं, लेकिन आखिरी फैसला चयनकर्ता और टीम प्रबंधन को करना है."
विंडीज के खिलाफ टेस्ट में रहा शानदार प्रदर्शन
विहारी ने विंडीज के खिलाफ खेली गई सीरीज में चार पारियों में कुल 289 रन बनाए. टीम के कप्तान विराट कोहली ने भी विहारी की तारीफ की थी और कहा था कि विहारी जब तक विकेट पर रहते हैं, ड्रेसिंग रूम को चिंता नहीं होती.
कप्तान की तारीफ से बढ़ा आत्मविश्वास
विराट द्वारा मिली तारीफ पर इस हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा, "विराट जैसे स्तर का कप्तान और खिलाड़ी यह बात कहता है तो इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ता है. यह मुझे प्रेरित करता है कि मैं लगातार अच्छा करूं और जब तक खेलता रहूं ड्रेसिंग रूम का विश्वास बनाए रखूं. यह एक खिलाड़ी के लिए बड़ी बात है और मेरी कोशिश रहेगी कि मैं लगातार अच्छा करता रहूं."
फॉर्म को रखना चाहूंगा बरकरार
आमतौर पर देखा जाता है कि टेस्ट में विराट, अजिक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाज सीरीज में टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने की सूची में शामिल रहते हैं. इस बार यहां विहारी का नाम है. इस बदलाव पर विहारी ने कहा, "इन लोगों ने बीते सात-आठ साल में काफी अच्छा किया है. इसलिए मैं इन लोगों से अपनी तुलना नहीं करना चाहता, हालांकि मेरे लिए यह अच्छा अहसास है कि मैं टीम में अपना योगदान दे सका और दोनों पारियों में अच्छा कर सका. मैं अपने इसी फॉर्म को बरकरार रखना चाहता हूं."
विहारी का मानना है कि जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में पदार्पण किया था, तब से लेकर अब तक उनके अंदर काफी बदलाव आया है और सबसे बड़ा बदलाव यह है कि उनके दिमाग में सभी चीजें अब साफ हैं.
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा, "मुझे लगता है कि मैं वक्त के साथ एक खिलाड़ी के तौर पर बेहतर हो रहा हूं. मैंने जबसे पदार्पण किया है तब से लेकर अभी तक काफी सुधार किया है. जब आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आते हैं तो आपको बेहतर होना पड़ता है."
उन्होंने कहा, "यह सिर्फ सही मानसिकता की बात है. अब मेरे दिमाग में चीजें साफ हैं कि मुझे क्या करना है और मेरा गेम प्लान क्या है. मैं चाहे रन करूं या न करूं मेरी कोशिश रहती है कि मैं अपने गेम प्लान पर बना रहूं. "
ऑस्ट्रेलिया में नहीं खेली थी कोई बड़ी पारी
विहारी ने अपने पदार्पण मैच की पहली पारी में अर्धशतक लगाया था, लेकिन उसके बाद उनसे बल्ले से कोई बड़ी पारी नहीं निकली थी. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वह कोई बड़ा स्कोर नहीं कर पाए थे. इसकी कमी हालांकि विहारी ने विंडीज में पूरी की और अपने करियर का पहला टेस्ट शतक ठोका.
विहारी ने कहा है कि वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे, बस बड़ा स्कोर नहीं कर पा रहे थे. वे हालांकि विंडीज पूरे आत्मविश्वास के साथ गए थे.
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उन्होंने कहा, "ऑस्ट्रेलिया में मैं बल्लेबाजी तो अच्छी कर रहा था, लेकिन अपनी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पा रहा था. लेकिन विंडीज में जाने से पहले मैं आत्मविश्वास से भरा था कि मैं अच्छा कर सकता हूं। मैं अच्छी मानसिकता में था और इससे फर्क पड़ा."
दक्षिण अफ्रीका सीरीज के लिए तैयार विहारी
भारत को अगली टेस्ट सीरीज घर में ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलनी है और इस सीरीज का पहला मैच विहारी के घर विशाखापट्टनम में होना है. विहारी ने कहा कि वह सीरीज के लिए तैयार हैं और घर में खेलने का उनके ऊपर कोई दवाब नहीं होगा.
उन्होंने कहा, "पहला टेस्ट मैच मेरे घर विशाखापट्टनम में है और मैं अपने घर में खेलने के लिए काफी उत्साहित हूं. मुझे उम्मीद है कि प्रशंसक आएंगे और मेरे तथा मेरी टीम का हौसला आफजाई करेंगे. दक्षिण अफ्रीका का गेंदबाजी आक्रमण अच्छा है, उनके खिलाफ खेलना चुनौतीपूर्ण होगा। घर में खेलने का कोई दबाव नहीं होगा। मैदान पर जाने के बाद सभी जगह एक जैसा ही होता है चाहे आप घर में खेलें, या बाहर."