होशंगाबाद: कहावत है कि प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती है कुछ प्रतिभा जन्मजात होती है, ऐसा ही प्रतिभा होशंगाबाद के छोटे से बाबई ब्लॉक के वंसीखेड़ी गांव मे देखने को मिल रही है जहां नन्हे क्रिकेटर की प्रतिभा को देखकर इंडियन टीम के क्रिकेटर रवींद्र जडेजा काफी प्रभावित हुए हैं और जड्डू ने इस नन्हे टैलेंट से मिलने की इच्छा जताते हुए उन्हें गुजरात जामनगर इनवाइट भी किया है.
तभी से पृथ्वीराज के पिता क्रिकेट की प्रैक्टिस करवाते आ रहे हैं आज भी पृथ्वीराज अपने पापा के साथ रोजाना प्रैक्टिस करते हैं वही परिवारजनों के साथ बैठकर क्रिकेट भी टीवी पर बड़े शौकीन से देखता है. पृथ्वीराज के बारे में उनके पिता बताते हैं कि 3 साल की उम्र से ही वो क्रिकेटर को भी पहचानना शुरू कर चुके हैं.
नीलेश का कहना है कि कोरोना खत्म होते ही बेटे को रवींद्र जडेजा से मिलाने के लिए जामनगर ले जाएंगे साथ ही रवींद्र जडेजा ने प्रशिक्षण देने की भी बात कही है पृथ्वीराज इतनी छोटी उम्र मे भी सभी शॉट्स मारने में पारंगत है. पृथ्वीराज के वीडियो देखकर रवींद्र जडेजा भी प्रभवित हैं कि इतनी छोटी उम्र का लड़का इतने अच्छे शॉट्स कैसे खेल सकता है? इसी प्रतिभा से प्रभावित होकर जडेजा ने जामनगर आमंत्रित किया है. वहीं पिता भी बेटे से कई आशा संजोए बैठे हुए हैं.
पिता का सपना बड़ा क्रिकेटर बने बेटा
पृथ्वीराज चौहान के पिता निलेश चौहान बेटे को बड़ा क्रिकेटर बनाने का सपना सजाए हुए हैं जिसको लेकर रोजाना 3 साल की उम्र से ही रोज घर पर प्रैक्टिस कराते हैं. वही बेटे के भविष्य के लिए चंदन की खेती भी कर रहे हैं जिससे भविष्य में आर्थिक रूप से परेशानी का सामना पृथ्वीराज को न करना पड़े. बता दें कि पृथ्वी के पिता एक सामान्य किसान हैं. ऐसे में आज से ही आर्थिक स्थिति से बेटे को जूझना ना पड़े इसके लिए वो अभी से तैयारियां शुरू कर चुकें हैं. निलेश चौहान का कहना है बचपन से ही क्रिकेट के गुण बेटे में दिखाई देने लगे हैं जिसको अब मुकाम तक पहुंचाने का कार्य किया जाना है.