नई दिल्ली: प्रशासकों की समिति (सीओए) ने फैसला किया है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और सचिव के अंतरराष्ट्रीय मैचों के टिकटों का कोटा है उसे अब समिति देखेगी.
सीओए ने बीसीसीआई की टिकट सीमा को 1200 से घटा कर 604 किया था. अब उसने फैसला किया है कि अध्यक्ष, सचिव और हितधारकों को जो टिकट मुहैया कराए जाते हैं उनको लेकर फैसला समिति खुद लेगी. छह अक्टूबर को किए गए मेल के मुताबिक 604 टिकटों की संख्या में 175 टिकट और बढ़ाकर 779 कर दिया है.
समिति ने ई-मेल लिखकर इस बात की जानकारी दी है. मेल के मुताबिक,"इस बात पर ध्यान दीजिए कि बीसीसीआई के चुनाव होने तक बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव को अंतरराष्ट्रीय मैचों का जो कोटा दिया गया है वो समिति के अंतर्गत रहेगा और इस तरह के टिकट मेजबान के हाथों बीसीसीआई के चिन्हित अधिकारी को सौंपे जाएंगे."
मेल में आगे लिखा था,"बीसीसीआई के हितधारकों को टिकटों का जो कोटा मिला है उसे बीसीसीआई सीईओ के मार्गदर्शन में बीसीसीआई कार्यालय देखेगा."
हालांकि राज्य संघ के एक सीनियर अधिकारी ने इस बात पर सवाल खड़ा किया है.
अधिकारी ने कहा,"पिछले साल उन्होंने नंबर क्यों कम किए और इस बार अचानक से फैसला क्यों बदला? पिछले साल वो अपनी बात पर खड़े रहे और इस बार उन्होंने अपने विचार बदल लिए. ये बात भी हास्यपद है कि बीसीसीआई के अध्यक्ष और सचिव को जो टिकट कोटा मिलेगा वो सीओए की देखरेख में होगा. इसका मतलब क्या है? इस बात के पीछे क्या तर्क दिया जाता वो सुनने रोचक होगा."
टिकटों के बदले हुए नियमों के मुताबिक, अब बीसीसीआई के प्रायोजकों को 110 टिकट, प्रसारणकर्ता को 24 टिकट, घरेलू और मेजबान टीमों को 25-25 टिकट, बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव को 50-50 टिकट और हितधारकों को 25 टिकट दिए जाएंगे.