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गलतियां सुधारकर मजबूत वापसी का ही विकल्प बचा था: पृथ्वी शॉ - MUM vs UP

मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ ने अनुभवी आदित्य तारे की प्रशंसा की जिन्होंने नाबाद 118 रन की पारी खेली और मुंबई को 313 रन के लक्ष्य को आसानी से हासिल कराकर विजय हजारे ट्रॉफी दिलाने में मदद की.

Prithvi shaw on winning the Vijay hazare trophy
Prithvi shaw on winning the Vijay hazare trophy
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Published : Mar 14, 2021, 8:44 PM IST

नई दिल्ली: मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ का कहना है कि भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद उनके पास अपनी गलतियों को सुधारकर मजबूत वापसी के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था.

भारत की अंडर-19 टीम के पूर्व कप्तान पृथ्वी एडिलेड टेस्ट में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अगले तीन टेस्ट के लिए बेंच पर बैठे रहे जिसके बाद इंग्लैंड श्रृंखला के लिए उन्हें राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया था.

मुंबई ने रविवार को विजय हजारे फाइनल में उत्तर प्रदेश को हराकर ट्राफी जीती और पृथ्वी ने टूर्नामेंट में 827 रन बनाकर राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया.

Prithvi shaw on winning the Vijay hazare trophy
आदित्य तारे

मैच के बाद जब उनसे ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद मजबूत वापसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "ये थोड़ा मुश्किल था, लेकिन मेरे लिए केवल एक विकल्प बचा था कि वापस लौटकर कड़ी मेहनत करूं, ऑस्ट्रेलिया में जो छोटी - छोटी गलतियां हुईं, उन्हें ठीक करके मजबूत वापसी करूं."

विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान हालांकि उनकी बल्लेबाजी में कोई परेशानी नहीं दिखी और उन्होंने पुडुचेरी के खिलाफ रिकॉर्ड दोहरे शतक समेत चार सैकड़े जड़ डाले.

ये पूछने पर कि क्या कप्तानी से उनकी बल्लेबाजी को मदद मिली? तो उन्होंने कहा, "मैं बहुत ही छोटी उम्र से कप्तानी की जिम्मेदारी उठा रहा हूं, मैंने अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 में कप्तानी की है. मैंने भारत ए की भी कप्तानी संभाली है. मुझे टीम की कप्तानी करने में मजा आता है और मैं प्रत्येक गेंद पर ध्यान लगाता हूं, इसलिए मुझे कप्तानी करना पसंद है और इससे मेरी बल्लेबाजी पर भी असर पड़ा जिससे मैं बल्लेबाजी में और ज्यादा केंद्रित हो गया."

यह भी पढ़ें- मिताली राज ने रचा इतिहास... बनीं 7000 वनडे रन बनाने वाली पहली महिला क्रिकेटर

पृथ्वी ने अनुभवी आदित्य तारे की प्रशंसा की जिन्होंने नाबाद 118 रन की पारी खेली और मुंबई को 313 रन के लक्ष्य को आसानी से हासिल कराकर विजय हजारे ट्रॉफी दिलाने में मदद की.

उन्होंने कहा, "उसने आज काफी अच्छी बल्लेबाजी की. मैच की परिस्थितियों को देखते हुए इसकी काफी जरूरत थी. वर्ना मैच किसी भी ओर जा सकता था. उसने शानदार बल्लेबाजी की और शतक जड़ा इसलिए हर कोई खुश था क्योंकि मैच को खत्म करना आसान नहीं है और वो शानदार खेला."

नई दिल्ली: मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ का कहना है कि भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद उनके पास अपनी गलतियों को सुधारकर मजबूत वापसी के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था.

भारत की अंडर-19 टीम के पूर्व कप्तान पृथ्वी एडिलेड टेस्ट में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अगले तीन टेस्ट के लिए बेंच पर बैठे रहे जिसके बाद इंग्लैंड श्रृंखला के लिए उन्हें राष्ट्रीय टीम से बाहर कर दिया गया था.

मुंबई ने रविवार को विजय हजारे फाइनल में उत्तर प्रदेश को हराकर ट्राफी जीती और पृथ्वी ने टूर्नामेंट में 827 रन बनाकर राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया.

Prithvi shaw on winning the Vijay hazare trophy
आदित्य तारे

मैच के बाद जब उनसे ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद मजबूत वापसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "ये थोड़ा मुश्किल था, लेकिन मेरे लिए केवल एक विकल्प बचा था कि वापस लौटकर कड़ी मेहनत करूं, ऑस्ट्रेलिया में जो छोटी - छोटी गलतियां हुईं, उन्हें ठीक करके मजबूत वापसी करूं."

विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान हालांकि उनकी बल्लेबाजी में कोई परेशानी नहीं दिखी और उन्होंने पुडुचेरी के खिलाफ रिकॉर्ड दोहरे शतक समेत चार सैकड़े जड़ डाले.

ये पूछने पर कि क्या कप्तानी से उनकी बल्लेबाजी को मदद मिली? तो उन्होंने कहा, "मैं बहुत ही छोटी उम्र से कप्तानी की जिम्मेदारी उठा रहा हूं, मैंने अंडर-14, अंडर-16 और अंडर-19 में कप्तानी की है. मैंने भारत ए की भी कप्तानी संभाली है. मुझे टीम की कप्तानी करने में मजा आता है और मैं प्रत्येक गेंद पर ध्यान लगाता हूं, इसलिए मुझे कप्तानी करना पसंद है और इससे मेरी बल्लेबाजी पर भी असर पड़ा जिससे मैं बल्लेबाजी में और ज्यादा केंद्रित हो गया."

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पृथ्वी ने अनुभवी आदित्य तारे की प्रशंसा की जिन्होंने नाबाद 118 रन की पारी खेली और मुंबई को 313 रन के लक्ष्य को आसानी से हासिल कराकर विजय हजारे ट्रॉफी दिलाने में मदद की.

उन्होंने कहा, "उसने आज काफी अच्छी बल्लेबाजी की. मैच की परिस्थितियों को देखते हुए इसकी काफी जरूरत थी. वर्ना मैच किसी भी ओर जा सकता था. उसने शानदार बल्लेबाजी की और शतक जड़ा इसलिए हर कोई खुश था क्योंकि मैच को खत्म करना आसान नहीं है और वो शानदार खेला."

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