नई दिल्ली: पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ जैव सुरक्षित वातावरण में क्रिकेट खेले जाने के पक्षधर नहीं हैं. उन्होंने इसे वास्तविकता से परे करार दिया. इंग्लैंड ऐंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) सबसे पहले इस तरह का विचार सामने लेकर आया था.
ईसीबी कोविड-19 महामारी के बावजूद अपना क्रिकेट सत्र शुरू करने के लिए बेताब है. उसने हाल में घोषणा की थी वह पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज का आयोजन जैव सुरक्षित स्थलों पर करेगा.
दिग्गज बल्लेबाज द्रविड़ इस विचार से सहमत नहीं हैं. द्रविड़ ने एक वेबिनार के दौरान कहा, "ईसीबी जिन चीजों की बात कर रहा है वे थोड़ा वास्तविकता से परे हैं. निश्चित तौर पर ईसीबी इन सीरीज के आयोजन का इच्छुक है क्योंकि वहां और किसी तरह की क्रिकेट नहीं खेली जा रही है."
उन्होंने कहा, "यहां तक कि अगर वे जैव सुरक्षित वातावरण तैयार करने में सफल रहते हैं और उसमें मैचों का आयोजन करते हैं, तो मुझे लगता है कि जिस तरह का कार्यक्रम है, जिस तरह से यात्राएं करनी पड़ती हैं और जिस तरह से इसमें कई लोग शामिल होते हैं, उन्हें देखते हुए हर किसी के लिए ऐसा करना संभव नहीं होगा."
ईसीबी ही नहीं दक्षिण अफ्रीका ने भी सुझाव दिया है कि भारत के खिलाफ प्रस्तावित सीरीज जैव सुरक्षित वातावरण में आयोजित की जा सकती है.
द्रविड़ ने कहा, "हम सभी उम्मीद कर रहे हैं कि समय के साथ चीजों में सुधार होगा और बेहतर दवाईयां मिलने पर स्थिति भी बेहतर होगी."
उन्होंने कहा, "जैव सुरक्षित वातावरण में आपको सभी तरह के परीक्षण करने होंगे, क्वॉरंटीन इसमें शामिल होगा और ऐसे में अगर टेस्ट मैच के दूसरे दिन कोई खिलाड़ी संक्रमित पाया जाता है तो फिर क्या होगा. अभी जो नियम है उसके अनुसार स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी आएंगे और सभी को पृथकवास पर रख देंगे."
उन्होंने कहा कि इसका मतलब होगा कि टेस्ट मैच में बीच में समाप्त हो जाएगा और उस माहौल को तैयार करने की सारी कोशिशें भी बेकार चली जाएंगी. राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख द्रविड़ ने कहा, "हमें स्वास्थ्य विभाग और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर कोई तरीका ढूंढना होगा कि अगर कोई खिलाड़ी संक्रमित पाया जाता है तो पूरा टूर्नामेंट रद नहीं होगा."
क्रिकेट सहित विश्व भर में सभी खेल गतिविधियां कोराना वायरस महामारी के कारण ठप्प पड़ी हैं. महामारी रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण खिलाड़ी अपने घरों में रहने को मजबूर हैं.
द्रविड़ ने कहा, "पेशेवर स्तर पर खिलाड़ियों को परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाना होगा और अपने प्रदर्शन को अधिक प्रभावित नहीं होने देने होगा. उन्हें इससे पार पाने का तरीका ढूंढना होगा."