नई दिल्ली: IPL की गवर्निग काउंसिल में इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (ICA) के प्रतिनिधि के तौर पर भारत के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज सुरिंदर खन्ना के कार्यकाल को विस्तार नहीं दिया गया.
इस बात की जानकारी खन्ना को भी नहीं दी गई और न ही उनसे इस मुद्दे पर चर्चा की गई जिस पर खन्ना ने हैरानी जताई है. आईपीएल जीसी में बतौर आईसीए प्रतिनिधि खन्ना का स्थान बाएं हाथ के पूर्व स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने लिया है. ओझा की नियुक्ति गुरुवार को की गई.
खन्ना ने इस संबंध में संदेश भी लिखा है और इस बात की पुष्टि भी की है कि उन्हें ICA के निदेशक होने के बाद भी मीडिया के द्वारा ही उनकी जगह ओझा की नियुक्ति के बारे में पता चला.
उन्होंने कहा, "मैं हालांकि ICA को बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वह वो सब हासिल करें जो वह लंबे समय से करना चाह रहे हैं. मैं अपने क्रिकेटर दोस्तों की बेहतरी के लिए काम करता रहूंगा, जैसा मैं हमेशा करता आ रहा हूं."
IPL-2020 ने कथित तौर पर 4000 करोड़ रुपए की कमाई की है.
खन्ना ने लिखा, "सभी प्रशासकों, बोर्ड के सदस्यों जो पिछले साल चुने गए थे, उन सभी ने अपने कार्यकाल को विस्तार देने के लिए हालिया चुनावों में खुद ही अपने आप को दोबारा नोमिनेट कर लिया जबकि हमारे क्रिकेटरों के लिए कोई पुख्ता परिणाम नहीं आया. और काम करने के बाद भी मेरे अकेला का कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया."
ICA के कोषाध्यक्ष वी. कृष्णास्वामी ने कहा, "पांच अधिकारी जो निदेशक हैं उन्हें सदस्यों द्वारा अधिकार दिए गए हैं कि वो आईसीए प्रतिनिधि को नामांकित करें. हम क्या करने वाले हैं इस संबंध में हम किसी से चर्चा नहीं करने वाले हैं. चुनाव हो सकते हैं लेकिन सदस्यों ने हमें नामांकित करने के अधिकार दिए हैं."
ओझा से पूछा गया कि क्या वो एक साल तक रहेंगे तो कृष्णास्वामी ने कहा, "ये सदस्यों के ऊपर निर्भर करता है. अगर वह कहते हैं तो हम किसी नए को ला सकते हैं या ओझा को अगले साल दोबारा नामांकित कर सकते हैं."
ICA के अशोक मल्होत्रा ने कहा था कि उन्होंने खन्ना के स्थान पर ओझा को लाने का फैसला इसलिए किया है क्योंकि वो हर किसी को मौका देना चाहते हैं.