कराची: पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर मुदस्सर नजर का मानना है कि अगर पाकिस्तान की अतीत की राष्ट्रीय टीमों को मौजूदा टीम की तरह पृथकवास में रखा जाता तो खिलाड़ी आपस में ही लड़ बैठते.
इंग्लैंड में अगले महीने से होने वाली टेस्ट और टी-20 सीरीज से पहले पाकिस्तानी टीम को पृथकवास में रखा गया है. खिलाड़ी पृथकवास पूरा होने के बाद ईसीबी की ओर से निर्धारित नियमों का पालन करते हुए सीरीज में हिस्सा लेंगे.
हाल तक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की राष्ट्रीय अकादमी के प्रमुख रहे मुदस्सर ने दावा किया कि उन्हें बताया गया है कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए इंग्लैंड में बनाए जैविक रूप से सुरक्षित वातावरण में खिलाड़ी बोर हो रहे हैं और थकान महसूस कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अभी के खिलाड़ियों की हिम्मत को सलाम करना पड़ेगा कि वो इस स्थिति में खुद को संभाले हुए हैं और सारे नियमों का पालन सही तरीके से कर रहे हैं जो कि काबिल-ए-तारीफ है.
मुदस्सर ने एक पाकिस्तानी समाचार चैनल से कहा, "मुझे नहीं लगता कि इस तरह का माहौल क्रिकेट के लिए आदर्श है. मैंने सुना है कि कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों के कारण इंग्लैंड में खिलाड़ी ऊब रहे हैं और थकान महसूस कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "मैं हैरान हूं कि अगर 1990 के दशक की तरह की टीम को इस तरह कोरोना वायरस के हालात में रहना पड़ता को क्या होता. मुझे लगता है कि अब तक कुछ खिलाड़ी लड़ने लगते और एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने पहुंच जाते."
बता दें कि इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच पहला टेस्ट मैच 5-9 अगस्त से ओल्ड ट्रैफर्ड के मैनचेस्टर में खेला जाना है, जिसके बाद 13 से 17 अगस्त और 21 अगस्त से 25 अगस्त तक एगस बाउल, साउथैंप्टन में बैक टू बैक टेस्ट होंगे.
इसके बाद फिर से मैनचेस्टर में पाकिस्तान की टीम वापस आ जाएगी, क्योंकि ओल्ड ट्रैफर्ड तीन टी20 इंटरनेशनल मैच क्रमशः 28 और 30 अगस्त के अलावा 1 सितंबर को खेला जाएगा.