हैदराबाद : भारतीय क्रिकेटर पार्थिव पटेल का नाम उन खिलाड़ियों के साथ लिया जाता है जो टीम में एमएस धोनी के डेब्यू करने से पहले नियमित विकेटकीपर के रूप में शामिल थे. हालांकि वे टीम से बाहर हो गए थे. धोनी का टेस्ट डेब्यू 2005 में हुआ था. फिर उन्होंने 9 सालों तक टेस्ट क्रिकेट खेली और टीम की छह साल तक कप्तानी भी की. उस समय दौरान अन्य विकेटकीपर बल्लेबाज एक विकेटकीपर के तौर पर टीम में जगह नहीं बना सका था. पार्थिव और दिनेश कार्तिक को टीम में तब मौका मिलता था जब धोनी टीम से बाहर होते थे. अब पार्थिव ने धोनी के साथ अपने कॉम्पिटीशन को लेकर बयान दिया है.
धोनी के साथ कॉम्पिटीशन पर बात करते हुए पार्थिव ने कहा, "आपको आंकड़े मानने पड़ते हैं और वर्तमान सिचुएशन को भी मानना पड़ता है और हम इससे भाग नहीं सकते हैं. एक समय था जब धोनी तीनों फॉर्मेट में टीम के कप्तान थे और हर कोई दूसरे विकेटकीपर के रूप में जगह बनाने की कोशिश कर रहा था. टीम से बाहर होने के बाद मैंने आंकलन किया और कुछ स्टैंडर्ड स्थापित किए जिसके कि टीम इंडिया में वापसी कर सकूं."
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गौरतलब है कि माही के टेस्ट फॉर्मेट से संन्यास लेने के बाद ऋद्धिमान साहा ने टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की कर ली था और इस कारण पार्थिव की टीम में वापसी की संभावना बेहद कम हो गई थी. भारत के लिए 25 टेस्ट मैच खेल चुके पटेल को अब ऋषभ पंत से कॉम्पिटीशन का सामना करना पड़ता है. पंत ने साल 2018 में अपना टेस्ट डेब्यू किया था.