हैदराबाद: क्रिकेट के दीवाने 10 मार्च, 1985 का वह मंजर आज तक नहीं भूले, जब सुनील गावस्कर की अगुवाई में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में दूधिया रोशनी में खेले गए फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को आठ विकेट से हराकर बेंसन एंड हेजेज टूर्नामेंट जीता था. आज इस टूर्नामेंट जीते पूरे 36 सालों का समय हो गया है.
फाइनल का आगाज पाकिस्तान के टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने के साथ हुआ था और टीम ने अपने निर्धारित 50 ओवरों के खेल में 9 विकेट के नुकसान पर मात्र 176 रनों का स्कोर बोर्ड पर लगाया था. भारतीय गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के सामने कोई भी पाकिस्तानी खिलाड़ी विकेट खड़े रहने का साहस नहीं दिखा पाया था.
टीम के लिए कप्तान जावेद मियांदाद ने सबसे अधिक 92 गेंदों पर 48 रन बनाए थे. उनके अलावा इमरान खान ने भी 67 गेंदों पर नाबाद 35 रनों का योगदान दिया था. भारत की ओर से कपिल देव और लक्ष्मण शिवरामकृष्णन तीन-तीन, जबकि चेतन शर्मा और रवि शास्त्री एक-एक विकेट हासिल करने में सफल रहे थे.
भारतीय टीम के सामने टूर्नामेंट जीतने और इतिहास रचने के लिए 177 रनों का लक्ष्य था और टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए मैच 47.1 ओवर के खेल में केवल दो विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया था. टीम की जीत में सलामी बल्लेबाज रवि शास्त्री ने 148 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 63 और क्रिस श्रीकांत ने 77 गेंदों पर 67 रनों की पारी खेली थी.
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बता दें कि, रवि शास्त्री को इस टूर्नामेंट में चैंपियन ऑफ चैंपियंस का खिताब और इनाम के तौर पर नई चमचमाती हुई कार दी गई थी. जीत और इनाम की खुशी से सराबोर पूरी भारतीय टीम ने इस कार पर सवार होकर पूरे मैदान का चक्कर लगाया था.