माउंट मोनगानुई: लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने मंगलवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ क्लीनस्वीप को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि पिछले पांच साल में भारत के प्रदर्शन में इतनी अधिक निरंतरता है कि एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में हार चिंताजनक नहीं है.
न्यूजीलैंड ने मंगलवार को यहां तीसरा एकदिवसीय मैच पांच विकेट से जीतकर 3-0 से क्लीनस्वीप किया. चहल ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "कुल मिलाकर अगर आप देखो तो पिछले चार-पांच साल में हमने सिर्फ चौथी या पांचवीं श्रृंखला गंवाई है. दूसरी टीम भी खेलती है. आप प्रत्येक मैच नहीं जीत सकते. हमने एक श्रृंखला जीती, दूसरी हार गए, इसलिए यह इतना गंभीर नहीं है कि इस पर मंथन किया जाए."
चहल ने कहा कि युवा खिलाड़ी न्यूजीलैंड में खेलने के अनुभव से काफी कुछ सीखेंगे. इस लेग स्पिनर ने कहा, पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल टीम में आए, इसलिए युवाओं को भारत के बाहर खेलने का मौका मिला.
न्यूजीलैंड में खेलना आसान नहीं होता, लेकिन कुल मिलाकर देखें तो यह सिर्फ एक वनडे श्रृंखला थी. हमने टी20 श्रृंखला 5-0 से जीती थी, पहली बार, यह हमारे लिए भी सकारात्मक पक्ष है. लोकेश राहुल ने चौथा एकदिवसीय शतक जड़ा जबकि श्रेयस अय्यर ने भी अर्धशतक जड़ा जिससे भारत ने सात विकेट पर 296 रन बनाए। चहल ने इन दोनों के प्रयास की सराहना की.
उन्होंने कहा, "आप उनके अंदर आत्मविश्वास देख सकते हो. वे 25-26 साल के हैं और परिपक्वता के साथ बल्लेबाजी कर रहे हैं. वे स्थिति को अच्छी तरह समझते हैं. बीच के ओवरों के बल्लेबाजी करना आसान नहीं होगा विशेषकर तब जब स्पिनर गेंदबाजी कर रहे हों. राहुल ने शीर्ष क्रम में भी बल्लेबाजी की है. इसलिए यह परिपक्वता दिखाता है कि उसे पता है कि टीम को क्या जरूरत है."
चहल ने मेजबान टीम की तारीफ की लेकिन साथ ही कहा कि क्षेत्ररक्षण भारत के लिए चिंता की बात है. उन्होंने कहा, "उन्होंने इस श्रृंखला में असाधारण प्रदर्शन किया. इसलिए हमें इसकी सराहना करनी होगी. कई बार खराब क्षेत्ररक्षण भी हुआ. 10 में से एक श्रृंखला में ऐसा होता है, हमारे पास अगली एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला तक का समय है."
चहल से जब यह पूछा गया कि विश्व कप के बाद वह और कुलदीप यादव एक साथ नहीं खेले हैं तो उन्होंने कहा, "रविंद्र जडेजा शानदार प्रदर्शन कर रहा है, फिर यह बल्लेबाजी हो या गेंदबाजी या क्षेत्ररक्षण. इसलिए आधे मैच मैं खेलता हूं और आधे कुलदीप."
चहल ने हालांकि कहा कि व्यस्त घरेलू सत्र के बाद 22 दिन में आठ सीमित ओवरों के मैच खेलने का उनकी हार से कोई लेना देना नहीं है.