हैदराबाद: 2017 में महिला विश्व कप में इंग्लैंड को टाइटल होल्डर बनाने में बड़ा हाथ रखने वाली एलेक्स हार्टले को इंग्लैंड महिला टीम की अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची से हटा दिया गया था.
हार्टले ने उस टूर्नामेंट में आठ मैचों में 10 विकेट हासिल किए थे, जिसमें दो विकेट उन्होंने फाइनल में लिए थे. इन दोनों विकेटों में भी मैच विनर और भारतीय उप-कप्तान हरमनप्रीत कौर का बेशकीमती विकेट था. इस पल से ही मैच का रूख इंग्लैंड की तरफ मुड़ने लगा था.
ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में हार्टले ने टीम में अपनी संभावित वापसी और उनके इस सफर में उतार-चढ़ाव को लेकर बातचीत की और कहा कि "कभी ना मत कहो".
इंग्लैंड और भारत के बीच एकलौते टेस्ट को लेकर हार्टले ने कहा, "बहुत सारी लड़कियां टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहती हैं, जो इस समय शिखर पर हैं, और ये शानदार है कि टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट खेलने आई है क्योंकि मुझे यकीन है कि भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहती है. ये क्रिकेट का एक ऐसा प्रारूप है जो कठिन है, और मुझे पता है कि लड़कियां खेलना चाहती हैं. इसलिए ये वास्तव में रोमांचक होगा.
महिला विश्व कप 2017 में इंग्लैंड की जीत पर हार्टले ने कहा, "मुझे लगता है कि टीम अपने शिखर पर थी. ये टर्निंग प्वोइंट जैसा था. सब कुछ एक टर्निंग प्वोइंट जैसा था, लॉर्ड्स में एक फैंस से भरे स्टेडियम के सामने खेलना, सामने भारत का होना और लाखों लोगों का उस मैच को देखना. ये मेरे बचपन का सपना था जो पूरा हो रहा था. हमने उस माहौल का उस वक्त की नजाकत का पूरा फायदा उठाया. उसके बाद से ईसीबी ने घरेलू अनुबंध की शुरुआत की, भारत अब उसी रास्ते पर चल रहा है. इसलिए मुझे लगता है कि ये शानदार वर्ल्ड कप शानदार रहा.
भारत ने WWC2017 सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर बाहर का रास्ता दिखाया इससे इंग्लैंड की टाइटल जीतने की राह आसान हो गई इसपर हार्टले ने कहा, "मुझे लगता है कि हमसे (भारत या ऑस्ट्रेलिया) जो भी फाइनल में मिलता हम निपट लेते. लेकिन ऑस्ट्रेलिया दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम है, वो वास्तव में मजबूत हैं. लेकिन हमारे पास सर्वश्रेष्ठ मौका फाइनल में भारत के खिलाफ ही था.
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COVID के समय महिला क्रिकेट में आए बदलावों को लेकर हार्टले ने कहा, "COVID-19 महामारी ने महिलाओं के खेल पर रोक लगा दी था. लेकिन मुझे लगता है कि ये सिर्फ महिला क्रिकेट ही नहीं बल्कि सभी पर एक रोक जैसा था. महामारी के कारण, महिलाओं के खेल ने एक बैकसीट ली. मुझे लगता है कि अब हमें कुछ करना चाहिए, टूर्नामेंट्स खेलने चाहिए, जो वास्तव में होने चाहिए. हमें उन छोटे देशों को भी साथ में लाना होगा, साथ ही उन्हें अपनी महिलाओं का समर्थन करना होगा और उन्हें खेलने के लिए आगे बढ़ाना होगा.
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---स्नेहा सिंह