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धोनी की मानसिक मजबूती उन्हें खास बनाती है: ताइबू - धोनी

टटेंडा ताइबू ने कहा है कि, 'धोनी जिस तरह से अपने हाथ रखते हैं वो अलग है, वे अपने हाथ एक साथ नहीं रखते हैं, जैसे रखे जाते हैं, दोनों छोटी उंगलियां चिपकाकर. जब वो गेंद को पकड़ते हैं तो उनके हाथ हमेशा ऐसे नहीं रहते.'

Ms dhoni
Ms dhoni
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Published : Jun 8, 2020, 10:00 PM IST

हरारे: जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान टटेंडा ताइबू ने कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी के पास विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी की अलग तकनीक है, लेकिन उनका आंख-हाथ का संयोजन और मानसिक ताकत उन्हें वो बनाती है जो वो हैं.

ताइबू ने एक यूट्यूब चैनल पर कहा, "पहली बार जब मैंने धोनी को देखा था, अगर मैं ईमानदारी से कहूं तो.. वह इंडिया-ए की टीम से खेल रहे थे. मुझे लगा था कि दिनेश कार्तिक, धोनी से ज्यादा नैसर्गिक खिलाड़ी थे और कीपिंग में वो ज्यादा स्वाभाविक हैं. बल्लेबाजी में भी वो ज्यादा स्वाभाविक हैं."

टटेंडा ताइबू
जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान टटेंडा ताइबू

उन्होंने कहा, "धोनी जिस तरह से अपने हाथ रखते हैं वो अलग है, वे अपने हाथ एक साथ नहीं रखते हैं, जैसे रखे जाते हैं, दोनों छोटी उंगलियां चिपकाकर. जब वो गेंद को पकड़ते हैं तो उनके हाथ हमेशा ऐसे नहीं रहते."

उन्होंने कहा, "लेकिन वो हमेशा गेंद को पकड़ने में और तेजी से अपने पास लाने में सफल होते हैं जो एक अलग तकनीक है..जो काफी अलग."

पूर्व विकेटकीपर ने कहा, "यही बात उनकी बल्लेबाजी में भी लागू होती है, उनकी अलग तकनीक है, उनके आंख-हाथ का संयोजन शानदार है, लेकिन मुझे लगता है कि सिर्फ आंख-हाथ का संयोजन नहीं, बल्कि उनकी मानसिक ताकत भी है."

महेंद्र सिंह धोनी, टटेंडा ताइबू
महेंद्र सिंह धोनी और टटेंडा ताइबू

जिम्बाब्वे के पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि ट्रेनिंग कैसे करनी है इसे लेकर उन्होंने भारत के महान बल्लेबाजों सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ से काफी कुछ सीखा है.

ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज एडम गिलक्रिस्ट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "गिलक्रिस्ट नैसर्गिक बल्लेबाज थे लेकिन नैसर्गिक विकेटकीपर नहीं थे. वह बल्लेबाजी की तुलना में विकेटकीपिंग का अभ्यास ज्यादा करते थे."

हरारे: जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान टटेंडा ताइबू ने कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी के पास विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी की अलग तकनीक है, लेकिन उनका आंख-हाथ का संयोजन और मानसिक ताकत उन्हें वो बनाती है जो वो हैं.

ताइबू ने एक यूट्यूब चैनल पर कहा, "पहली बार जब मैंने धोनी को देखा था, अगर मैं ईमानदारी से कहूं तो.. वह इंडिया-ए की टीम से खेल रहे थे. मुझे लगा था कि दिनेश कार्तिक, धोनी से ज्यादा नैसर्गिक खिलाड़ी थे और कीपिंग में वो ज्यादा स्वाभाविक हैं. बल्लेबाजी में भी वो ज्यादा स्वाभाविक हैं."

टटेंडा ताइबू
जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान टटेंडा ताइबू

उन्होंने कहा, "धोनी जिस तरह से अपने हाथ रखते हैं वो अलग है, वे अपने हाथ एक साथ नहीं रखते हैं, जैसे रखे जाते हैं, दोनों छोटी उंगलियां चिपकाकर. जब वो गेंद को पकड़ते हैं तो उनके हाथ हमेशा ऐसे नहीं रहते."

उन्होंने कहा, "लेकिन वो हमेशा गेंद को पकड़ने में और तेजी से अपने पास लाने में सफल होते हैं जो एक अलग तकनीक है..जो काफी अलग."

पूर्व विकेटकीपर ने कहा, "यही बात उनकी बल्लेबाजी में भी लागू होती है, उनकी अलग तकनीक है, उनके आंख-हाथ का संयोजन शानदार है, लेकिन मुझे लगता है कि सिर्फ आंख-हाथ का संयोजन नहीं, बल्कि उनकी मानसिक ताकत भी है."

महेंद्र सिंह धोनी, टटेंडा ताइबू
महेंद्र सिंह धोनी और टटेंडा ताइबू

जिम्बाब्वे के पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि ट्रेनिंग कैसे करनी है इसे लेकर उन्होंने भारत के महान बल्लेबाजों सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ से काफी कुछ सीखा है.

ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज एडम गिलक्रिस्ट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "गिलक्रिस्ट नैसर्गिक बल्लेबाज थे लेकिन नैसर्गिक विकेटकीपर नहीं थे. वह बल्लेबाजी की तुलना में विकेटकीपिंग का अभ्यास ज्यादा करते थे."

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