नई दिल्ली: मयंक अग्रवाल की टेस्ट मैचों में आक्रामक बल्लेबाजी से उनके लिए सीमित ओवरों की टीम में चयन के दरवाजे खुल सकते हैं और ये सलामी बल्लेबाज वेस्टइंडीज के खिलाफ अगले महीने होने वाली सीरीज के लिए टीम में जगह बना सकता है.
क्रिकेट पंडितों का मानना है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन एकदिवसीय मैचों की सीरीज में अगर उप कप्तान रोहित शर्मा को अगले साल के शुरू में होने वाले न्यूजीलैंड दौरे से पहले विश्राम दिया जाता है तो फिर अग्रवाल अच्छे विकल्प हो सकते हैं. रोहित पिछले कुछ समय से लगातार खेल रहे हैं और उन्हें वेस्टइंडीज में खेले गए दो टेस्ट मैचों में मौका नहीं मिला था लेकिन वे टीम में शामिल थे.
भारतीय उप कप्तान न्यूजीलैंड दौरे के लिए तीनों प्रारूपों में टीम का अहम हिस्सा होगा. इस दौरे में भारत को पांच टी20 अंतरराष्ट्रीय, तीन वनडे और दो टेस्ट मैच खेलने हैं. वेस्टइंडीज के खिलाफ सीमित ओवरों के मैचों में अग्रवाल एक विकल्प हो सकते है जिन्होंने लिस्ट ए में अब तक 50 से अधिक औसत और 100 से ज्यादा स्ट्राइक रेट से रन बनाने के साथ 13 शतक भी ठोके हैं.
शिखर धवन की लंबे समय से चली आ रही खराब फॉर्म और केएल राहुल के अलावा एक अन्य विकल्प तैयार रखने की जरूरत से भी अग्रवाल के पक्ष में मामला बन सकता है. अग्रवाल को विश्व कप के दौरान आखिरी मैचों के लिए चोटिल विजय शंकर की जगह टीम में लिया गया था. उन्हें टूर्नामेंट में खेलने का मौका नहीं मिला लेकिन इससे ये संकेत मिले कि कर्नाटक का ये बल्लेबाज अपने आक्रामक खेल के कारण सीमित ओवरों की योजना में शामिल है.
जानकारों का मानना है कि भारत में 2023 में होने वाले विश्व कप को ध्यान में रखते हुए अग्रवाल लंबी अवधि का विकल्प हो सकता है क्योंकि हो सकता है कि लगातार खराब फार्म से जूझ रहे धवन तब टीम में न हों. पूर्व भारतीय क्रिकेटर और क्रिकेट विश्लेषक दीप दासगुप्ता को अग्रवाल को छोटे प्रारूप में आजमाने में कुछ गलत नजर नहीं आता और वेस्टइंडीज के खिलाफ श्रृंखला इसके लिए उचित मंच हो सकता है.
दासगुप्ता ने कहा, 'ये अच्छा होगा अगर भारतीय टीम प्रबंधन के दिमाग में सलामी बल्लेबाज के विकल्प के तौर पर मयंक का नाम है. असल में वे सफेद गेंद का नैसर्गिक खिलाड़ी है जिसने बहुत अच्छी तरह से अपने खेल को लाल गेंद की क्रिकेट के अनुकूल ढाला है.'
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उन्होंने कहा, 'अगर आप मयंक पर गौर करो तो उनकी प्रतिभा पर कभी सवाल नहीं उठा. उनके पास तमाम तरह के शॉट हैं. पूर्व में वे शुरू में तेजी से रन बनाने के बाद विकेट गंवा देता था लेकिन अब ऐसा नहीं है.' अग्रवाल ने अपने टेस्ट करियर की शानदार शुरुआत की है तथा केवल आठ टेस्ट मैचों में उनके नाम पर दो दोहरे शतक दर्ज हो चुके हैं.